सोने के तमगों की संख्‍या घटी लेकिन राष्‍ट्रमंडल खेलों में छाए रहे भारतीय निशानेबाज

ग्लास्गो: राष्‍ट्रमंडल खेलों में हलांकि भारतीय निशानेबाज इस बार ज्‍यादा स्‍वर्ण पदक देश के नाम नहीं कर पाए लेकिन इसके बावजूद उन्होंने 17 पदक जीतकर अपना दबदबा बरकरार रखा. भारत की तरफ से ओलंपिक रजत पदक विजेता विजय कुमार और सूटर हीना सिद्धू का पदक नहीं जीत पाना थोडा हैरानी भरा जरूर रहा. राष्ट्रमंडल खेलों […]

By Prabhat Khabar Print Desk | July 31, 2014 4:35 PM

ग्लास्गो: राष्‍ट्रमंडल खेलों में हलांकि भारतीय निशानेबाज इस बार ज्‍यादा स्‍वर्ण पदक देश के नाम नहीं कर पाए लेकिन इसके बावजूद उन्होंने 17 पदक जीतकर अपना दबदबा बरकरार रखा. भारत की तरफ से ओलंपिक रजत पदक विजेता विजय कुमार और सूटर हीना सिद्धू का पदक नहीं जीत पाना थोडा हैरानी भरा जरूर रहा.

राष्ट्रमंडल खेलों में इस बार पेयर स्पर्धाओं को शामिल नहीं किये जाने से भारत को बहुत नुकसान पहुंचा.भारत ने पिछली बार पेयर स्पर्धाओं में 18 पदक जीते थे और यही वजह रही कि इस बार उसके पदकों की संख्या में कमी आयी.

पिछली बार 14 स्वर्ण पदक जीतने वाले भारत ने इस बार केवल चार सोने के तमगे हासिल किये. विजय और अनुभवी हीना सिद्धू क्वालीफिकेशन दौर से आगे नहीं बढ पायी जबकि ओलंपिक पदक विजेता गगन नारंग स्वर्ण पदक जीतने में नाकाम रहे.

नारंग ने पुरुषों की 50 मीटर राइफल थ्री पोजीशन में कांस्य पदक जीता जबकि 2006 और 2010 में उन्होंने इसमें स्वर्ण पदक जीता था.उन्होंने हालांकि 50 मीटर राइफल प्रोन में पहली बार शिरकत की और रजत पदक जीता. नारंग राष्ट्रमंडल खेलों के इतिहास में नौ स्वर्ण पदक जीतने के भारत के जसपाल राणा और इग्लैंड के माइकल गौल्ट के रिकार्ड की बराबरी करने से चूक गये.

उन्होंने कहा, ‘मैं यहां स्वर्ण पदक नहीं जीत पाने से निराश नहीं हूं.मैंने नई स्पर्धा में रजत पदक जीता जो कि खेलों में किसी भारतीय का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है. मेरे पास रिकार्ड तोडने के लिये अभी काफी समय है’. सभी भारतीय निशानेबाजों में विजय का प्रदर्शन सबसे निराशाजनक रहा.वह पुरुषों की 25 मीटर रैपिय फायर पिस्टल में फाइनल के लिये क्वालीफाई नहीं कर पाये.

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