गांगुली निभाएंगे बड़ी जिम्मेदारी! पूर्व कप्तान इस भूमिका में लौटने को तैयार
Sourav Ganguly: पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली फिर से क्रिकेट प्रशासन में एक अहम भूमिका निभाते हुए नजर आ सकते हैं. 3 साल पहले बीसीसीआई के अध्यक्ष पद से हटने के बाद अब गांगुली फिर बड़ी जिम्मेदारी निभाते हुए देखे जा सकते हैं. लेकिन पूर्व कप्तान इस बार भारतीय टीम के लिए नहीं बल्कि बंगाल के लिए जिम्मेदारी मिभाते मजर आ सकते हैं.
Sourav Ganguly Shoulder Responsibility: पूर्व भारतीय कप्तान और बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष सौरव गांगुली एक बार फिर क्रिकेट प्रशासन में सक्रिय भूमिका निभाने की तैयारी में हैं. लगभग तीन साल पहले भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के अध्यक्ष पद से हटने के बाद अब गांगुली बंगाल क्रिकेट संघ (Cricket Association of Bengal – CAB) के अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल कर सकते हैं. गांगुली, जो इस समय 52 वर्ष के हैं, पहले भी 2015 से 2019 तक सीएबी के अध्यक्ष रह चुके हैं और क्रिकेट प्रशासन के क्षेत्र में उन्हें एक अनुभवी और प्रभावशाली नेता माना जाता है.
वर्ष 2014 में सौरव गांगुली ने दिवंगत जगमोहन डालमिया के नेतृत्व में सीएबी के सचिव के रूप में प्रशासनिक सफर की शुरुआत की थी. इसके बाद 2015 में डालमिया के निधन के बाद उन्हें सीएबी का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया, और फिर 2019 तक वे इस पद पर रहे. उसी वर्ष उन्हें बीसीसीआई का अध्यक्ष चुना गया और जय शाह को सचिव नियुक्त किया गया. हालांकि एक कार्यकाल पूरा होने के बाद, 1983 विश्व कप विजेता टीम के सदस्य रोजर बिन्नी ने उनकी जगह ली.
सौरव गांगुली की प्रशासन में वापसी की तैयारी
सूत्रों के अनुसार, सौरव गांगुली एक बार फिर सीएबी अध्यक्ष बनने को लेकर गंभीर हैं. सीएबी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर पीटीआई को बताया, “हां, सौरव प्रबंधन व्यवस्था में वापसी के लिए उत्सुक हैं. उन्होंने सीएबी अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल करने का मन बना लिया है.”
बीसीसीआई के संविधान के अनुसार, किसी व्यक्ति को राज्य क्रिकेट संघ में अधिकतम नौ साल कार्य करने की अनुमति है. चूंकि गांगुली अब तक केवल चार साल सेवा कर चुके हैं, ऐसे में उनके पास अभी भी पांच साल का कार्यकाल शेष है. ऐसे में उनकी वापसी पर कोई कानूनी या संवैधानिक अड़चन नहीं है. यह अभी स्पष्ट नहीं है कि उन्हें सर्वसम्मति से अध्यक्ष चुना जाएगा या चुनाव की नौबत आएगी, लेकिन क्रिकेट जगत में उनकी लोकप्रियता और अनुभव को देखते हुए माना जा रहा है कि उनकी दावेदारी को लेकर विरोध की संभावना बेहद कम है.
स्नेहाशीष गांगुली को लेना होगा ब्रेक
सीएबी के मौजूदा अध्यक्ष स्नेहाशीष गांगुली, जो सौरव गांगुली के बड़े भाई हैं, इस वर्ष अपना छह साल का कार्यकाल पूरा कर रहे हैं. लोढ़ा समिति की सिफारिशों के अनुसार, राज्य संघ के किसी भी पदाधिकारी को छह साल के कार्यकाल के बाद अनिवार्य ब्रेक लेना होता है. ऐसे में स्नेहाशीष गांगुली अध्यक्ष पद से हटने को बाध्य होंगे और यह सीएबी में नेतृत्व परिवर्तन का सही समय साबित हो सकता है.
सौरव गांगुली की वापसी से न केवल बंगाल क्रिकेट को नई ऊर्जा मिल सकती है, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी उनके अनुभव का लाभ मिल सकता है. यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या वे निर्विरोध चुने जाते हैं या फिर चुनावी मुकाबला देखने को मिलेगा.
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