IND W vs SA W Final: बारिश से रद्द हुआ मैच तो कौन बनेगा चैंपियन? जाने क्या कहता है ICC का नियम
IND W vs SA W Final: महिला वर्ल्ड कप 2025 का फाइनल आज भारत और साउथ अफ्रीका के बीच मुंबई के डीवाई पाटिल स्टेडियम में खेला जाएगा. दोनों टीमें पहली बार खिताब जीतने के इरादे से उतरेंगी. भारतीय टीम घरेलू मैदान पर इतिहास रचने के करीब है, जबकि साउथ अफ्रीका भी पहली बार खिताबी जीत का सपना देख रहा है. लेकिन बारिश खेल में बाधा बन सकती है. जानें ऐसे में क्या है ICC का नियम.
IND W vs SA W Final: महिला वर्ल्ड कप 2025 (Women’s World Cup 2025) का फाइनल मुकाबला आज (रविवार) भारत और साउथ अफ्रीका (Ind W vs SA W) के बीच मुंबई के डीवाई पाटिल स्टेडियम में खेला जाएगा. यह मैच न सिर्फ दो मजबूत टीमों की भिड़ंत है, बल्कि इतिहास रचने का सुनहरा मौका भी है. भारत तीसरी बार महिला वनडे वर्ल्ड कप के फाइनल में पहुंचा है और इस बार अपने घरेलू मैदान पर खिताब जीतने का सपना पूरा करना चाहेगा. वहीं, साउथ अफ्रीका भी पहली बार फाइनल में पहुंचकर इतिहास रचने के इरादे से मैदान पर उतरेगा. लेकिन इस मुकाबले पर बारिश का साया मंडराया हुआ है. अगर बारिश के कारण मैच में बाधा आती है तो क्या कहता है ICC का नियम जानिए.
फाइनल पर बारिश का साया
फाइनल मैच से पहले मौसम की चिंता खिलाड़ियों और दर्शकों दोनों को सता रही है. नवंबर के महीने में भी मुंबई और आसपास के इलाकों में बारिश हो रही है. मौसम विभाग के अनुसार, रविवार को शाम 5 बजे के बाद बारिश की संभावना करीब 30 प्रतिशत है. यदि बारिश होती है, तो मैच के ओवर घटाए जा सकते हैं.
ICC का रिजर्व-डे पर नियम
आईसीसी के नियमों के अनुसार, इस मुकाबले के लिए 3 नवंबर को रिजर्व-डे रखा गया है. यानी अगर मैच रविवार को पूरा नहीं हो पाया तो उसे अगले दिन जारी रखा जाएगा. हालांकि, आईसीसी की कोशिश यही रहेगी कि मैच निर्धारित दिन पर ही खत्म हो.
रिजर्व-डे भी नहीं बचा पाया तो क्या होगा?
अगर किसी कारण से फाइनल मुकाबला बारिश के कारण रविवार और रिजर्व-डे दोनों दिन नहीं हो पाता है, तो ट्रॉफी भारत और साउथ अफ्रीका के बीच साझा की जाएगी. यह एक ऐसा परिणाम होगा जिसे न खिलाड़ी पसंद करेंगे और न ही दर्शक. दोनों टीमों के फैंस उम्मीद कर रहे हैं कि मौसम साफ रहे और मुकाबला पूरे 50 ओवरों का हो ताकि एक सच्चा विजेता तय हो सके.
घरेलू मैदान पर खिताब का मौका
भारतीय महिला टीम इससे पहले साल 2005 और 2017 में वर्ल्ड कप फाइनल खेल चुकी है, लेकिन दोनों बार उसे उपविजेता बनकर ही संतोष करना पड़ा. अब तीसरी बार फाइनल में पहुंची टीम इंडिया के पास घरेलू मैदान पर खिताब जीतने का शानदार मौका है. कप्तान हरमनप्रीत कौर की अगुवाई में टीम ने पूरे टूर्नामेंट में शानदार खेल दिखाया है. सेमीफाइनल में भारत ने मजबूत ऑस्ट्रेलिया को 5 विकेट से हराकर फाइनल में जगह बनाई थी. यह वही ऑस्ट्रेलियाई टीम थी जिसने ग्रुप स्टेज में एक भी मैच नहीं हारा था. भारत की गेंदबाजी और बल्लेबाजी दोनों ही विभागों में लय नजर आई है.
साउथ अफ्रीका भी पहली बार फाइनल में
साउथ अफ्रीकी टीम ने इस वर्ल्ड कप में शानदार प्रदर्शन किया है. उसने ग्रुप स्टेज के 7 में से 5 मैच जीतकर सेमीफाइनल में जगह बनाई. सेमीफाइनल में उसने इंग्लैंड को 125 रन से हराकर फाइनल में प्रवेश किया. कप्तान लौरा वोल्वार्ट और ऑलराउंडर मरिजान कैप का प्रदर्शन साउथ अफ्रीका के लिए अहम रहा है. यह पहली बार है जब साउथ अफ्रीका की महिला टीम वर्ल्ड कप के फाइनल में पहुंची है, इसलिए टीम इतिहास रचने के लिए पूरा दम लगाएगी.
भारत का पलड़ा भारी
भारत और साउथ अफ्रीका की महिला टीमों के बीच अब तक कुल 34 वनडे मैच खेले गए हैं. इनमें से भारत ने 20 मैच जीते हैं, जबकि साउथ अफ्रीका ने 13 मुकाबले जीते हैं. एक मैच बेनतीजा रहा. यह आंकड़ा साफ दिखाता है कि भारत का पलड़ा थोड़ा भारी है. हालांकि, फाइनल मुकाबले में आंकड़े नहीं बल्कि मैदान पर प्रदर्शन जीत तय करेगा. टीम इंडिया की बल्लेबाज स्मृति मंधाना, कप्तान हरमनप्रीत कौर और गेंदबाज रेणुका सिंह पर सबकी निगाहें होंगी, वहीं साउथ अफ्रीका के लिए लौरा वोल्वार्ट और मरिजान कैप अहम भूमिका निभा सकती हैं.
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