IND vs SA: चोट के बाद पंत की टीम में वापसी, क्या ध्रुव जुरेल प्लेइंग इलेवन से होंगे बाहर!

IND vs SA: साउथ अफ्रीका के खिलाफ दो टेस्ट से पहले टीम इंडिया चयन को लेकर दुविधा में है. ऋषभ पंत की वापसी से विकेटकीपिंग उनकी होगी, लेकिन ध्रुव जुरेल की बेहतरीन फॉर्म के कारण उन्हें बतौर स्पेशलिस्ट बल्लेबाज खिलाने पर विचार हो रहा है. नीतीश कुमार रेड्डी की जगह बदलने की चर्चा भी तेज है.

By Aditya Kumar Varshney | November 10, 2025 9:26 AM

IND vs SA: भारत और साउथ अफ्रीका (India vs South Africa) के बीच होने वाली दो टेस्ट मैचों की सीरीज से पहले टीम इंडिया के सामने सबसे बड़ी चुनौती है प्लेइंग इलेवन का सही चयन. ऋषभ पंत (Rishabh Pant) की चोट के बाद धमाकेदार वापसी तय है और वे दोबारा विकेटकीपिंग के साथ अपना पसंदीदा बल्लेबाजी स्थान भी संभालेंगे. लेकिन दूसरी तरफ ध्रुव जुरेल (Dhruv Jurel) की शानदार फॉर्म इतनी दमदार है कि टीम मैनेजमेंट उन्हें नजरअंदाज नहीं कर सकता. ऐसे में जुरेल को इस टेस्ट सीरीज में सिर्फ एक स्पेशलिस्ट बल्लेबाज के रूप में खिलाए जाने की पूरी संभावना है.

ऋषभ पंत की वापसी से बदली तस्वीर

पिछले कुछ टेस्ट मैचों में जब ऋषभ पंत एंकल फ्रैक्चर से उबर रहे थे, तब ध्रुव जुरेल ने तीन टेस्ट ओवल, अहमदाबाद और दिल्ली में विकेटकीपर की भूमिका निभाई थी. लेकिन अब पंत पूरी तरह फिट हैं और टीम में उपकप्तान के रूप में लौट रहे हैं. इसका मतलब है कि विकेटकीपिंग की जिम्मेदारी फिर से उन्हीं के हाथों में जाएगी. पंत की वापसी ने एक तरह से टीम चयन को पेचीदा बना दिया है, क्योंकि जुरेल को बाहर रखना मुश्किल हो गया है. मैनेजमेंट मानता है कि जुरेल की फॉर्म और भरोसेमंद बल्लेबाजी टीम के लिए काफी जरूरी है.

ध्रुव जुरेल की चमकदार फॉर्म 

घरेलू सीजन की शुरुआत से अब तक जुरेल ने जो प्रदर्शन किया है, वह किसी भी युवा बल्लेबाज के सपने जैसा है. उन्होंने हाल ही में फर्स्ट-क्लास क्रिकेट की कुछ पारियों में शानदार फॉर्म दिखाया था. उन्होंने 140, 1 & 56, 125, 44 & 6, 132 & 127 नाबाद रन बनाए. आठ पारियों में तीन शतक, एक अर्धशतक और 40+ का एक स्कोर ऐसी लय में चल रहे बल्लेबाज को कोई भी चयन समिति नजरअंदाज नहीं कर सकती. इसीलिए माना जा रहा है कि जुरेल को टीम में सिर्फ एक बल्लेबाज की भूमिका में शामिल किया जाएगा.

एक BCCI अधिकारी ने बताया कि जुरेल को बल्लेबाज के तौर पर खिलाने का प्लान है. नंबर-3 पर साई सुदर्शन को हटाना विकल्प था, लेकिन वे पिछले टेस्ट में अर्धशतक लगा चुके हैं. इसलिए टीम वहां बदलाव नहीं करना चाहती.

रेड्डी की जगह पर हो सकता है बदलाव

जुरेल के लिए टीम में असली जगह नीतीश कुमार रेड्डी की पोजीशन मानी जा रही है. चयन से जुड़े सूत्र बताते हैं भारतीय परिस्थितियों में रेड्डी की गेंदबाजी की उतनी जरूरत नहीं पड़ेगी. ऐसे में जुरेल को उनके ऊपर तरजीह मिल सकती है.

रिपोर्ट्स के अनुसार दिल्ली टेस्ट से पहले भी देवदत्त पडिक्कल को खिलाने पर चर्चा हुई थी, क्योंकि अहमदाबाद टेस्ट में रेड्डी को सिर्फ 4 ओवर ही मिले थे. दिल्ली में उन्हें ऊपरी क्रम में बैटिंग दी गई, लेकिन गेंदबाजी का मौका नहीं मिला. स्पष्ट है कि टीम मैनेजमेंट रेड्डी को ऑलराउंडर के रूप में पूरी तरह उपयोग नहीं कर पा रहा है और ऐसे में जुरेल को बैटिंग-स्पॉट देना जायज लगता है.

टेस्ट में दुर्लभ प्रयोग

सफेद गेंद क्रिकेट में दो विकेटकीपर एक साथ खेलना नया नहीं है. धोनी-कार्तिक, धोनी-पार्थिव और धोनी-पंत जैसी जोड़ी वनडे मैच में एक साथ खेली हैं. भारत की टेस्ट टीम में आखिरी बार 1986 में किरण मोरे और चंद्रकांत पंडित एक साथ खेले थे, जिसमें पंडित सिर्फ बल्लेबाज थे. इसी इतिहास को देखते हुए ध्रुव जुरेल को बल्लेबाज के तौर पर खिलाना एक दुर्लभ फैसला होगा, लेकिन टीम मैनेजमेंट इससे पीछे हटता नहीं दिख रहा है.

क्यों जरूरी है जुरेल को मौका देना?

हेड कोच गौतम गंभीर मानते हैं कि भारत को साउथ अफ्रीका जैसी मजबूत टीम के खिलाफ नंबर 8 तक बैटिंग गहराई रखनी होगी. भारत तीन स्पिनर्स और दो तेज गेंदबाजों के साथ उतरने का प्लान बना रहा है. ऐसे में मजबूत मध्यक्रम बहुत अहम हो जाता है. इस वक्त जुरेल का फॉर्म  शानदार है और उनके पास लंबी पारी खेलने का हुनर है. इसके अलावा ध्रुव के पास मैच का रुख बदलने की क्षमता और लगातार रन बनाने की आदत है. उन्हें मौजूदा फॉर्म में एक बेहद भरोसेमंद विकल्प बनाती हैं.

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