‘कभी नहीं सोचा…’, IND vs ENG मैच में चोट को लेकर वोक्स का बड़ा खुलासा

IND vs ENG: भारत और इंग्लैंड के बीच खेली गई पांच टेस्ट मैचों की सीरीज 2-2 के साथ बराबरी पर खत्म हुई. इस सीरीज का निर्णायक मैच ओवल के मैदान पर खेला गया. भारत ने इस मैच को 6 रन से जीतकर अपने नाम किया और सीरीज को बराबरी पर खत्म किया. लेकिन इस मैच में इंग्लैंड टीम के ऑलराउंडर क्रिस वोक्स के कंधे में चोट लगी. इसके बावजूद वोक्स अंतिम पारी में आखिरी विकेट के लिए मैदान पर उतरे और टीम को आखिरी मौके तक जीताने का प्रयास किया.

By Aditya Kumar Varshney | August 7, 2025 1:46 PM

IND vs ENG, Chris Woakes: इंग्लैंड और भारत के बीच खेले गए रोमांचक पांचवें टेस्ट मैच में भले ही भारत ने 6 रन से जीत दर्ज की, लेकिन इस मुकाबले में इंग्लैंड के ऑलराउंडर क्रिस वोक्स की बहादुरी और टीम के प्रति समर्पण ने सभी का दिल जीत लिया. कंधे की गंभीर चोट के बावजूद वोक्स अंतिम दिन बल्लेबाजी करने मैदान पर उतरे. बाएं हाथ को पट्टी से बांधकर स्वेटर के अंदर रखे वोक्स ने बताया कि उन्होंने एक पल के लिए भी न खेलने का विचार नहीं किया.

IND vs ENG: चोट के बाद भी मैदान पर आए वोक्स

क्रिस वोक्स ने एक इंटरव्यू में कहा कि जैसे ही उन्हें चोट लगी, एक पल के लिए उन्हें लगा कि कहीं यह करियर खत्म करने वाली चोट न हो. लेकिन उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उन्होंने मैदान पर न उतरने का विचार कभी नहीं किया. उनके अनुसार, यह सिर्फ उनके लिए नहीं, बल्कि पूरी टीम, उनके साथी खिलाड़ियों, स्टाफ और दर्शकों के लिए एक जिम्मेदारी थी.

उन्होंने कहा, “आप बस इतना जानते हैं कि आप किसी बड़ी चीज़ का हिस्सा हैं. आप सिर्फ अपने लिए ही नहीं खेल रहे होते. यह आपकी टीम, आपके साथियों की मेहनत, उनके त्याग और उन सबके लिए होता है जो आपको मैदान पर देख रहे होते हैं.” भले ही वह एक भी गेंद का सामना नहीं कर पाए, लेकिन नौवें विकेट के पतन के बाद उनका मैदान पर उतरना एक साहसिक फैसला था, जिसे उन्होंने पूरी विनम्रता के साथ निभाया.

England’s chris woakes walks off the field after his left shoulder got injured.

चोटिल कंधे के साथ बल्लेबाजी करना आसान नहीं था. वोक्स ने खुलासा किया कि उन्होंने मैच के चौथे दिन से ही इंग्लैंड के सहायक कोच मार्कस ट्रेस्कोथिक के साथ एक हाथ से बल्लेबाजी की प्रैक्टिस शुरू कर दी थी. उन्होंने कहा, “मैंने सामान्य रूप से एक गेंद खेली और यह बेहद दर्दनाक था. फिर हमें समझ आया कि बाएं हाथ के बल्लेबाज की तरह खेलने से कंधे को सुरक्षा मिलेगी और गेंद को बचाना आसान होगा.”

वोक्स ने बताया कि एक हाथ से बल्लेबाजी करने में भी उन्होंने कुछ गेंदें खेलीं, कुछ चूके भी, लेकिन यह उन्हें लगा कि मुकाबले में टिके रहने का यही एकमात्र रास्ता है.

उनका यह जज्बा तब और भी सराहा गया जब भारतीय खिलाड़ियों ने भी उनके इस साहस को सलाम किया. वोक्स ने बताया कि भारतीय कप्तान शुभमन गिल ने उन्हें ‘अविश्वसनीय बहादुरी’ कहा और उपकप्तान ऋषभ पंत ने इंस्टाग्राम पर उनकी तस्वीर साझा कर सम्मान जताया. बाद में पंत ने उन्हें वॉइस नोट भेजकर जल्दी ठीक होने की शुभकामनाएं दीं, जिसके जवाब में वोक्स ने उनके टूटे पैर को लेकर मजाकिया लहजे में माफी भी मांगी.

मंजिल ना सही, कोशिशों पर नाज 

मैच के अंतिम क्षणों में वोक्स के मैदान पर उतरने पर सभी फैंस और प्रशंसकों ने सराहा. स्टेडियम में खड़े होकर तालियों की गूंज सुनना उनके लिए एक भावुक क्षण था. हालांकि, उन्होंने इस पर ज्यादा तवज्जो देने से इनकार करते हुए कहा कि कोई भी खिलाड़ी उनकी जगह होता, तो वही करता.

“तालियां बजना अच्छा लगा और कुछ भारतीय खिलाड़ियों ने आकर सम्मान भी दिया, लेकिन कोई भी खिलाड़ी ऐसी स्थिति में यही करता. आप नौ विकेट गिरने के बाद मैच को ऐसे ही खत्म नहीं कर सकते थे.”

वोक्स ने स्वीकार किया कि भारत से 6 रन की हार का मलाल उन्हें हमेशा रहेगा, लेकिन उन्होंने गर्व के साथ कहा कि उन्होंने टीम के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ देने की कोशिश की.

मैदान पर उनका उतरना केवल खेल भावना की मिसाल नहीं, बल्कि यह दिखाता है कि क्रिकेट सिर्फ रन और विकेट का खेल नहीं है, बल्कि यह समर्पण, हौसले और टीम भावना का प्रतीक भी है.

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