Video: राज से उठा पर्दा! आखिर लाइव मैच के दौरान क्यों भड़की हरमनप्रीत कौर, जानें कारण
Harmanpreet Kaur got Angry: भारत ने श्रीलंका के खिलाफ चौथा टी20 जीतकर 4-0 की बढ़त बनाई. शैफाली वर्मा और स्मृति मंधाना की तूफानी बल्लेबाजी से टीम 221 तक पहुंची. मैच के आखिरी ओवर में हरमनप्रीत कौर का गुस्सा कैमरे में दिखा. बाद में कप्तान ने फील्डिंग सेटअप और समय की कमी को वजह बताया.
Harmanpreet Kaur got Angry: भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने श्रीलंका के खिलाफ चौथे टी20 इंटरनेशनल मैच में शानदार प्रदर्शन करते हुए 30 रन की जीत दर्ज की और सीरीज में 4-0 की अजेय बढ़त बना ली. इस मैच में जहां शैफाली वर्मा (Shafali Verma) और स्मृति मंधाना (Smriti Mandhana) की विस्फोटक बल्लेबाजी चर्चा में रही, वहीं मैदान पर भारतीय कप्तान हरमनप्रीत कौर (Harmanpreet Kaur) का गुस्सा भी सुर्खियों में आ गया. आखिरी ओवर के दौरान उनका रिएक्शन कैमरे में कैद हुआ, जिसने फैंस और एक्सपर्ट्स का ध्यान खींचा. मैच के बाद हरमनप्रीत ने खुद अपने गुस्से की वजह बताई और टीम मैनेजमेंट से जुड़ी अपनी सोच को साफ किया.
शैफाली और स्मृति की तूफानी शुरुआत
भारतीय टीम की जीत की नींव ओपनिंग जोड़ी शैफाली वर्मा और स्मृति मंधाना ने रखी. दोनों बल्लेबाजों ने शुरुआत से ही श्रीलंकाई गेंदबाजों पर दबाव बना दिया. शैफाली ने अपने चिर परिचित अंदाज में तेज रन बटोरे, जबकि स्मृति ने टाइमिंग और क्लास का शानदार नमूना पेश किया. पावरप्ले में तेजी से रन आने के कारण भारत बड़े स्कोर की ओर बढ़ गया. दोनों की साझेदारी ने टीम को मजबूत मंच दिया और बाकी बल्लेबाजों के लिए काम आसान कर दिया.
हरमनप्रीत और ऋचा ने किया दमदार फिनिश
मध्यक्रम में कप्तान हरमनप्रीत कौर और ऋचा घोष ने भारतीय पारी को मजबूती से संभाला. हरमनप्रीत ने अनुभव का इस्तेमाल करते हुए स्ट्राइक रोटेट की और मौके मिलने पर बड़े शॉट लगाए. वहीं ऋचा घोष ने आक्रामक अंदाज में खेलते हुए रन गति को और तेज किया. दोनों ने मिलकर भारत को 221 रन के विशाल स्कोर तक पहुंचाया. कप्तान ने बाद में साफ किया कि मैच की स्थिति को देखते हुए ऋचा को जल्दी भेजने का फैसला किया गया क्योंकि वह किसी भी परिस्थिति में पारी को अच्छी तरह खत्म कर सकती हैं.
आखिरी ओवर में क्यों भड़कीं कप्तान
मैच का सबसे ज्यादा चर्चा में रहने वाला पल आखिरी ओवर में देखने को मिला, जब हरमनप्रीत कौर फील्डिंग के दौरान गुस्से में नजर आईं. वह खिलाड़ियों को तेजी से अपनी अपनी जगह लेने के लिए इशारे कर रही थीं. मैच के बाद उन्होंने बताया कि समय तेजी से खत्म हो रहा था और वह चाहती थीं कि सभी खिलाड़ी सही समय पर सही पोजिशन में खड़े हों. उनका कहना था कि आखिरी ओवर में तीन फील्डर बाहर खड़े रहना टीम के लिए नुकसानदेह हो सकता था. कप्तान के मुताबिक यह गुस्सा टीम को और बेहतर बनाने की सोच से जुड़ा था.
कप्तान की सोच और जिम्मेदारी
हरमनप्रीत कौर ने अपने बयान में कहा कि वह लंबे समय से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेल रही हैं और हर मैच के बाद सुधार की कोशिश करती हैं. उनके लिए कप्तानी सिर्फ फैसले लेने तक सीमित नहीं है, बल्कि मैदान पर अनुशासन और सतर्कता बनाए रखना भी उतना ही जरूरी है. उन्होंने माना कि छोटे छोटे सुधार बड़े मैचों में फर्क पैदा करते हैं. यही वजह है कि वह फील्डिंग जैसे पहलुओं पर भी पूरी सख्ती दिखाती हैं.
श्रीलंका का संघर्ष और रिकॉर्ड स्कोर
221 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए श्रीलंका की टीम ने हार नहीं मानी. बल्लेबाजों ने आक्रामक रुख अपनाया और लगातार रन बटोरने की कोशिश की. हालांकि लक्ष्य बहुत बड़ा था, फिर भी श्रीलंकाई टीम ने 6 विकेट पर 191 रन बना लिए. यह उनका सर्वश्रेष्ठ टी20 अंतरराष्ट्रीय स्कोर रहा. इस मैच में कुल 412 रन बने, जो टी20 इतिहास में किसी एक मैच का तीसरा सबसे बड़ा कुल स्कोर है. भारत की गेंदबाजी और फील्डिंग पूरी तरह संतोषजनक नहीं रही, लेकिन मजबूत बल्लेबाजी के दम पर टीम ने जीत अपने नाम कर ली.
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