रातोंरात नहीं हुआ फैसला, 2023 में ही शुभमन गिल को कप्तान बनाने का BCCI ने कर लिया था फैसला
Shubman Gill: युवा शुभमन गिल टीम इंडिया के टेस्ट और वनडे कप्तान तो बन ही गए है, अब टी20 कप्तान के रूप में वह सूर्यकुमार यादव को रिप्लेस करने के लिए भी पूरी तरह तैयार दिख रहे हैं. गिल को अचानक से टीम का कप्तान नहीं बना दिया गया, बल्कि दो साल पहले ही इसकी तैयारी कर ली गई थी. इसके लिए टीम के कोच, चयनकर्ताओं और सीनियर खिलाड़ियों से भी बात की गई थी.
Shubman Gill: जब शुभमन गिल को भारत का टी20 उप-कप्तान बनाया गया, तभी यह स्पष्ट हो गया था कि वह आने वाले दिनों में भारत के टी20 कप्तान बनने वाले हैं. गिल पहले से ही टेस्ट और वनडे कप्तान है. केवल टी20 की कप्तानी इस समय सूर्यकुमार यादव कर रहे हैं. गिल को कप्तान बनाने के साथ ही, बीसीसीआई सभी प्रारूपों में एक ही कप्तान रखने का अपना लक्ष्य पूरा कर लेगा. भारतीय क्रिकेट में पारंपरिक रूप से एक ही कप्तान को प्राथमिकता दी जाती रही है. यहां अलग-अलग फॉर्मेट के लिए अलग-अलग कप्तान नहीं होते, जैसा की ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड की टीमों ने अपनाया है. गिल ने टेस्ट कप्तान के रूप में अपनी पहली ही सीरीज में अपनी क्षमता साबित की और एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी सीरीज को 2-2 से ड्रॉ कराया. गिल को कप्तान बनाने का फैसला रातोंरात नहीं हुआ है, यह 2023 से ही योजना में शामिल था. decision was not made overnight BCCI already decided in 2023 to make Shubman Gill captain
2023 में गिल ने बल्ले से किया था शानदार प्रदर्शन
बीसीसीआई के पूर्व चयनकर्ता सलिल अंकोला ने खुलासा किया है कि बोर्ड ने 2023 में रोहित की जगह लेने के लिए गिल को संभावित उम्मीदवार के रूप में चुन लिया था. यह वही साल था जब गिल ने शानदार प्रदर्शन किया, शतक और दोहरे शतक जड़े और डेंगू के कारण विश्व कप में दो मैच न खेल पाने के बावजूद नौ पारियों में 350 से अधिक रन बनाए. बीसीसीआई को पता था कि गिल, जब पूरी तरह से तैयार हो जाएंगे, तो रोहित से कप्तानी की बागडोर संभाल लेंगे. इसी साल आईपीएल के दौरान रोहित शर्मा और विराट कोहली ने टेस्ट का अलविदा कह दिया और गिल को तुरंत टेस्ट कप्तान बना दिया गया.
सीनियर खिलाड़ियों से भी होती है कप्तानी पर चर्चा
अंकोला ने विक्की लालवानी के यूट्यूब चैनल पर कहा, ‘हमेशा से हमें यही लगता था कि गिल कप्तान बनेंगे. हमने 2023 में ही उनके बारे में इस भूमिका के लिए विचार किया था, हमें विश्वास था कि वह कमान संभाल लेंगे. चयनकर्ता न केवल कोच और कप्तान से, बल्कि अन्य वरिष्ठ खिलाड़ियों से भी सुझाव लेते हैं. यहां तक कि जो खिलाड़ी पहले ही संन्यास ले चुके हैं, उन्हें भी लगा कि गिल ही सही व्यक्ति हैं.’ जब रोहित ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लिया, तो इस बात में जरा भी संदेह नहीं था कि अगला कप्तान कौन होगा. जब गिल को टेस्ट कप्तान बनाया गया, तो उन्होंने आगे बढ़कर नेतृत्व किया और 75.40 के औसत से 756 रन बनाए, जिसमें ब्रिटेन में एक यादगार पारी में चार शतक शामिल थे. उनके बिना दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ घरेलू टेस्ट सीरीज में भारत का प्रदर्शन इतना खराब रहा कि यह इस बात का एक और प्रमाण है कि गिल बल्लेबाजी और नेतृत्व दोनों ही दृष्टि से टीम की रीढ़ बन गए हैं.
इंग्लैंड में गिल का कमाल का प्रदर्शन
अंकोला ने आगे कहा, ‘गिल को कप्तान बनाने का फैसला एक सामूहिक निर्णय है. सभी ने ऐसा महसूस किया और उन्होंने इंग्लैंड में इसे साबित भी कर दिया. क्या शानदार सीरीज थी उनकी! इतने दबाव में इंग्लैंड में 750 रन बनाना उनकी मानसिक क्षमता को दर्शाता है. लोग कहेंगे कि किसी और को कप्तान होना चाहिए था या किसी को वापस लाना चाहिए था. इंसान बहुत ही असंतुष्ट आत्माएं हैं. आप चाहे जो भी अच्छा काम करें, लोग उसमें कुछ न कुछ बुराई ढूंढ ही लेंगे. लोग सोचते हैं कि उन्हें सब कुछ पता है.’ गिल फिर से टीम के सेटअप में शामिल हो गए हैं और मंगलवार को पहले टी20 में उनका प्रदर्शन ठीक नहीं रहा, फिर भी यह भरोसा किया जा सकता है कि गिल टीम को आगे ले जाएंगे.
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