जन्मदिन विशेष: 2013 के चैंपियंस ट्रॉफी से पहले ही रोहित को बतौर ओपनर आजमा चुके थे धौनी, लेकिन रहे थे फ्लॉप

बतौर सलामी बल्लेबाज कैसा रहा रोहित शर्मा का सफर

By Sameer Oraon | April 30, 2020 12:54 PM

आज भारत के उप कप्तान रोहित शर्मा अपना 33वां जन्मदिन मना रहे हैं, अपने पूरे करियर में एक से बढ़कर एक बेहतरीन पारियां खेली. धौनी के मौका देने के बाद बतौर ओपनर बल्लेबाज रोहित का करियर पूरी तरह बदल गया था ये तो सभी जानते हैं, लेकिन क्या आपको पता है धौनी ने रोहित शर्मा को ओपनिंग करने का दूसरा मौका दिया था जिसके बाद उन्होंने एक के बाद एक कीर्तिमान स्थापित किया.

आज रोहित दुनिया के सबसे सफल ओपनिंग बल्लेबाजों में से एक है. साल 2011 की बात है . भारत का उस वक्त दक्षिण अफ्रीका दौरा था. धौनी ने उस वक्त रोहित शर्मा को बतौर ओपनर पहली बार मैदान पर उतारा. लेकिन रोहित वो मौका को भुना नहीं पाए और बुरी तरह फ्लॉप रहे. उस सीरीज में रोहित मात्र बुरी तरह फ्लॉप रहा थे और सीरीज में महज 23, 1 और 5 रन ही बना पाए थे. जिसके बाद रोहित को हमेशा नंबर 5 या 7 पर ही बल्लेबाजी का मौका मिलता था.

लेकिन कहते हैं न एक हीरे की पहचान एक सुनार को ही होती है. भले ही रोहित उस वक्त बुरी तरह फ्लॉप रहे थे लेकिन धौनी को अंदर से ये लगने लगा था कि रोहित शर्मा एक बेहतर ओपनर साबित हो सकता है, साल 2013 में रोहित शर्मा इंग्लैंड में चैंपियंस ट्रॉफी के लिए चुन लिए गए थे. रोहित शर्मा ने स्पोर्ट्स तक को दिए इंटरव्यू में बताया था कि धोनी ने उस वक्त मुझसे पूछा था कि क्या आप ओपनिंग करना पसंद करेंगे तब रोहित ने कहा कि हाँ मैं कर सकता हूँ.

उस वक्त धवन और मुरली विजय की ओपनिंग साझेदारी अच्छी चल रही थी. इसलिए उस समय रोहित का नंबर मिडिल ऑर्डर में था. उसके बाद जैसे ही धौनी ने रोहित को सलामी बल्लेबाज के रूप में भेजा तो उसके बाद उन्होंने पीछे मुढ़ कर नहीं देखा. और रोहित ने धोनी के उस फैसले को सही साबित करते हुए पहले ही मैच में 83 रनों की पारी खेली.

और उस पूरे टूर्नामेंट में रोहित ने 5 मैचों में 177 रन बनाए. उस टूर्नामेंट में रोहित सर्वाधिक रन बनाने की सूची में चौथे नंबर पर थे. उसके बाद तो रोहित रिकॉर्ड बनाते गए. उनके नाम वनडे में 3 दोहरे शतक जड़ने का रिकॉर्ड है, आपको बता दें रोहित ने बतौर ओपनर बल्लेबाज 128 मैच खेले हैं और 5527 रन बना चुके हैं. जबकि बतौर सलामी बल्लेबाज उन्होंने 27 शतक जड़े हैं.

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