भगवान अब वैसे खिलाड़ी नहीं बनाता, विराट कोहली की सफलता का कारण, आकाश चोपड़ा ने दिग्गज को किया सलाम
Aakash Chopra on Cheteshwar Pujara: आकाश चोपड़ा ने चेतेश्वर पुजारा को भारतीय क्रिकेट का अनमोल रत्न बताया. उन्होंने कहा कि पुजारा ने फ्लेयर और ग्लैमर के बजाय टीम के लिए कठिन भूमिका निभाई. 103 टेस्ट में 7000+ रन, 19 शतक और 35 अर्धशतक जड़ने वाले पुजारा दोबारा नहीं मिलेंगे क्योंकि भगवान ने वो डाई तोड़ दी है.
Aakash Chopra on Cheteshwar Pujara: भारतीय क्रिकेट में चेतेश्वर पुजारा ने एक अलग ही मुकाम हासिल किया. राहुल द्रविड़ के बाद भारत के नंबर 3 बल्लेबाज के रूप में उन्होंने 2010 से लेकर 2023 में आखिरी टेस्ट मैच तक शानदार सफर तय किया. उन्होंने भारत के लिए 103 टेस्ट मैचों में शिरकत करते हुए 16,000 से ज्यादा गेंदें खेलीं, 7000+ रन बनाए, 19 शतक और 35 अर्धशतक जड़े. लेकिन यह आंकड़े कभी नहीं दिखाएंगे कि उन्होंने टीम इंडिया के लिए क्या किया. आकाश चोपड़ा ने चेतेश्वर पुजारा को आधुनिक क्रिकेट की चकाचौंध में भी सबसे अलग बताया. उन्होंने कहा कि फ्लेयर, ग्लैमर और पोस्टर बॉय बनने के बजाय उन्होंने बोरिंग जॉब चुनी और उसे बेमिसाल तरीके से निभाया. आकाश चोपड़ा ने चेतेश्वर पुजारा के करियर और उनके क्रिकेट कौशल को एक वाक्य में समेटते हुए कहा कि उनके जैसा नहीं मिलेगा दोबारा. डाई तोड़ दी है भगवान ने यार, नहीं बनेगा.
अपने यूट्यूब चैनल पर एक वीडियो में आकाश चोपड़ा ने कहा, “चेतेश्वर पुजारा, डिपेंडेबल पुजारा. बहुत सारी ग्रिट, बहुत सारी डिटरमिनेशन, लड़ने का जज्बा. चोटें सहते रहना, किसी को कुछ नहीं कहना. आप उससे जो काम करा लो, वो हंस के कर देगा और लड़ता रहेगा. दे डोंट मेक पीपल लाइक हिम एनीमोर. उसके जैसे खिलाड़ी अब नहीं आते हैं, दैट्स द रियलिटी. चेतेश्वर पुजारा ने अब कह दिया है अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को, कंपेटिटिव क्रिकेट को अलविदा. और मैं कहता हूं कि भारतीय क्रिकेट का एक अध्याय, एक चमकता अध्याय का पूजी के साथ अंत हो गया.”
आकाश चोपड़ा ने आगे कहा, “चित्तू, आपके साथ और आपके अगेंस्ट खेलना सम्मान की बात रही. अब जब आपने संन्यास का फैसला किया है तो मैं आपके अच्छे भविष्य की कामना करता हूं. प्रोफेशनल, पूरे अनुशासन और डेडीकेशन के साथ सभी काम को निपटाया. वो बहाने नहीं बनाता. आप कहीं पर भी उसको डाल दोगे, वो कहेगा, “कोई नहीं यार, ये मैं कर लेता हूं.” क्यों? क्योंकि मैं टीम मैन हूं.”
चोपड़ा ने आगे कहा कि पुजरा की बल्लेबाजी लाजवाब रही. उन्होंने, “आर्ट ऑफ बैटिंग टाइम कि खेलते रहो, खेलते रहो, खेलते रहो, सामने वाले बंदे को थका दो. जो सबसे लंबी टेस्ट पारी भारत के लिए आई है, वो पुजारा के बल्ले से ही आई है. तीन भारतीयों में से एक जिन्होंने पांचों दिन टेस्ट मैच में बैटिंग की है. वो रांची वाला टेस्ट मैच मुझे याद आता है, जहां सवा पांच सौ गेंदें भाई खेल गया था. आकाश चोपड़ा ने उनके फर्स्ट क्लास की तैयारी वाले दिनों को याद करते हुए कभी- भी प्रैक्टिस मिस नहीं करने की बात बताई. कैसे बारिश में भी वे सीमेंट वाली पिच पर प्रैक्टिस करते थे.
आकाश ने आगे कहा, “हम खुद ही थक जाते हैं, हम खुद गलती कर जाते हैं क्योंकि अब हम वो टी-20 की खुराक पे बड़े हो रहे हैं. लेकिन यह बंदा टेस्ट क्रिकेट की खुराक पे बड़ा हुआ और 100 टेस्ट मैच खेल डाला. बड़े चुनिंदा लोग हैं जो 100 टेस्ट खेलते हैं, ये बंदा खेला है. तो वेल डन पूजी, तेरे जैसे तो और लोग नहीं बनेंगे, ये बात तो 100% सच है.” आकाश चोपड़ा ने 2008 का वो किस्सा भी साझा किया, जब ब्रेंडन मैकुलम की केकेआर ने आरसीबी की धुनाई की थी. उन्होंने बताया कि इस मैच को दोनों ने साथ देखा और इसके बाद तय किया कि टी20 भी खेलना है. वो उसके अंदर कोशिश करता रहा. इस वजह से टी-20 क्रिकेट भी खेला, अलग-अलग जगह पे जाके रंस भी बनाए, कोशिश भी की, किसी-किसी फ्रैंचाइजी में पहुंचे. हालांकि उसमें ज्यादा सफल नहीं हो सके.
चोपड़ा ने रोहित शर्मा से जुड़ा किस्सा भी साझा किया. उन्होंने बताया कि रोहित की मम्मी ने पूछा कि, “बेटा, तू जाता तो ऐसा है, वापिस आता तो कुछ अलग सा दिखता है, ऐसा क्यों होता है?” तो दो बार के बाद उन्होंने बोल दिया कि, “अरे एक बंदा है यार, वो बैटिंग करता रहता है. बोर हो जाते हैं हम, तीन दिन फील्डिंग करके आते हैं यार.” ये पुजारा ही थे. चोपड़ा ने आगे बताया, “ये हमारे साथ भी किया उसने. हमारी टीम में एक्चुअली ईशांत शर्मा थे, आशीष नेहरा था, अच्छी-अच्छी फास्ट बॉलिंग की हमारा यूनिट था. एक भाई का कॉटन बोल्ड एक ऑफ स्पिनर से छूटा था, उसके बाद भाई ने जो हमें धोया है, जो तला है, डेढ़ दिन बैटिंग की, सबको उसने लेटा दिया. आउटस्टैंडिंग! बट दिस वॉज़ द रियलिटी ऑफ़ राजकोट कि भाई आएगा, राजकोट का राजा था, इसको कोई आउट नहीं कर सकता था. उन्होंने शतक, दोहरे शतक, ट्रिपल सेंचुरी लगाई और रुके नहीं.”
उन्होंने आगे कहा, बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी, बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी की तारीफ हम करते हैं, पुल बांध देते हैं, हम कहते हैं, “क्या बात है यार, बीजीटी में देखिए जो भारत जीता है.” सर, पहली बार तो आप इन्हीं के बलबूते पे जीते थे ना? 600 रन इन्होंने बनाए थे. जब इतने सारे रंस बनाए थे, तो आप मुकाबले जीत पाए थे. वो सीरीज जो थी जो 18-19 में जीते, वो पुजारा की सीरीज थी और उसके बाद जब दोबारा आप जीतते हैं, तो भी तो यही था. 50-50 बना रहा था, लड़ रहा था, शरीर पे गेंदें लग रही थीं, कभी इधर, कभी उधर. शरीर का कोई हिस्सा नहीं था जो एक्चुअली चोटिल ना हुआ हो, चोटें खाईं, पर खड़ा रहा. 211 गेंदें खेले थे जब वो गाबा का घमंड टूटा था ना, तो बहुत लगी थी इनके. इनफैक्ट ऑस्ट्रेलिया में तो ये बात होने लग गई थी कि हमने अपने पार्टनर्स से ज्यादा पुजारा को देखा है.”
चोपड़ा ने बताया कि पुजारा ने इंग्लैंड में अच्छे खासे रन बनाए, लेकिन ऐसा नहीं कि टीम ने हमेशा उनके साथ अच्छा किया, ड्रॉप भी किया था. उसके बाद ओपन कराने को बोला था श्रीलंका, आई रिमेंबर कोलंबो में था, लेकिन रन आउट हो गए. यही हाल साउथ अफ्रीका में हुआ- फ्लॉप. फिर ड्रॉप कर दिए गए, लेकिन वह वापस आए, ओपन करता था, आखिरी तक खेलता था. फिर सबको रियलाइज हुआ कि नहीं, यह ओपनर नहीं है, इतना अच्छा खिलाड़ी है, इसको क्यों खराब कर रहे हैं? फिर उसे उसकी असली पोजिशन मिली.
पुजारा ही वह कारण रहे कि विराट कोहली टेस्ट क्रिकेट में इतने सफल रहे. आकाश चोपड़ा ने कहा, “सचिन तेंदुलकर का बेस्ट, जब सचिन तेंदुलकर आए तब राहुल द्रविड़ का बेस्ट था, तो वो दोनों साथ में मिलकर अच्छा किए. राहुल बहुत अच्छा कर रहे हैं, सचिन भी बहुत अच्छा कर रहे हैं. इसी तरह चेतेश्वर पुजारा और विराट कोहली रहे. विराट कोहली का जो बेस्ट अगर आप टेस्ट क्रिकेट में पाएंगे, तो आप पाएंगे कि वो वाले साल थे जब चेतेश्वर पुजारा अपने वेरी-वेरी बेस्ट पर थे.
इंडियन क्रिकेट आपका जो कंट्रीब्यूशन रहा है उसे सेलिब्रेट कर रहा है. चेतेश्वर पुजारा, जैसा नहीं मिलेगा दोबारा. डाई तोड़ दी है भगवान ने यार, नहीं बनेगा.
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