टी20 विश्वकप : खराब खेले, हारे, आगे देखना होगा

-अनुज कुमार सिन्हा-... जिस न्यूजीलैंड की टीम को भारत की अपेक्षा कमजोर माना जा रहा था, उसी टीम ने भारत को टी-20 वर्ल्ड कप के पहले ही मैच में बुरी तरह हरा दिया. हराया भी तो तेज गेंदबाजी के बल पर नहीं, बल्कि स्पिनरों की बदौलत. जिस स्पिन गेंदबाजी पर भारत का एकाधिकार रहा है, […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 16, 2016 1:41 PM

-अनुज कुमार सिन्हा-

जिस न्यूजीलैंड की टीम को भारत की अपेक्षा कमजोर माना जा रहा था, उसी टीम ने भारत को टी-20 वर्ल्ड कप के पहले ही मैच में बुरी तरह हरा दिया. हराया भी तो तेज गेंदबाजी के बल पर नहीं, बल्कि स्पिनरों की बदौलत. जिस स्पिन गेंदबाजी पर भारत का एकाधिकार रहा है, उसे ही खेलने में भारतीय दिग्गज फेल हो गये. इसमें कोई दो राय नहीं कि टी-20 में न्यूजीलैंड की टीम कमजोर नहीं है और पिछले साल उसने भारत के बाद सबसे अधिक मैच जीते. यह वर्ल्ड कप भारत में हो रहा है, भारत की धरती पर भारत को हराना मुश्किल माना जाता है लेकिन न्यूजीलैंड के स्पिनर्स मैकुलम, सैंटनर और सोढ़ी ने भारत के दस में से नौ विकेट लेकर भारत को मात दी.

जिस समय न्यूजीलैंड तीन स्पिनरों के साथ उतरा, कैप्टन के निर्णय पर सवाल भी उठा कि न्यूजीलैंड भारतीय खिलाड़ियों को अपने स्पिनरों से कैसे बांध पायेगा क्योंकि भारतीय बल्लेबाज स्पिन खेलने में माहिर माने जाते हैं. अपने खतरनाक तेज गेंदबाज साउदी को बाहर रखा और सिर्फ स्पिनरों के दम पर भारत को हरा दिया. ठीक है, टॉस भारत ने हारा लेकिन उसके बावजूद भारत ने न्यूजीलैंड को 126 पर रोक दिया था. सामान्य स्कोर था. भारत की बैटिंग मजबूत मानी जाता है और ऐसा स्कोर नहीं था जिसे पहुंचने में मुश्किल होता. आरंभ में लापरवाही बल्लेबाजी हुई और विकेट गिरे. इसके बाद भारत संभल नहीं सका. धौनी और कोहली ही कुछ खेल पाये. अति आत्मविश्वास के कारण भारत विकेट गंवाता गया.

न्यूजीलैंड की ओपनिंग जोड़ी ने जैसी आक्रामक शुरुआत की, उससे यह साबित होता है कि न्यूजीलैंड की टीम आक्रामक क्रिकेट खेलेगी. भला हो कि उसके विकेट आरंभ में गिर गये, वरना न्यूजीलैंड बड़ा स्कोर खड़ा करता. अब भारत को आगे सतर्क रहना होगा क्योंकि भारत को आगे पाकिस्तान, अॅास्ट्रेलिया और बांग्लादेश से भिड़ना है. यह सही है कि हाल में भारत ने अॉस्ट्रेलिया को 3-0 से उन्हीं की धरती पर हराया है, एशिया कप में पाकिस्तान और बांग्लादेश को हरा चुका है लेकिन वह सब कागज पर है. बेहतर खेलना होगा. इन पांच में से सिर्फ दो टीमें ही आगे जायेंगी, इसलिए भारत को आगे के सभी मैच जीतने होंगे. भारत में क्षमता है. ऐसी स्थिति से भारत पहले भी उबर चुका है. हां, दबाव अब पहले की तुलना में ज्यादा होगा. पहला मैच जीतने के बाद दबाव कम होता.

न्यूजीलैंड से हार के बाद यह संदेश गया है कि भारत को स्पिनरों से भी परेशान किया जा सकता है. हराया जा सकता है. भारत में तेज विकेट की उम्मीद नहीं है, इसलिए संभव हो कि आनेवाले दिनों में धीमी विकेट को देखते हुए भारत के खिलाफ अन्य टीमें भी रणनीति बदलें और स्पिनर्स की संख्या बढ़ा कर उतारें. भारतीय टीम इसके लिए तैयार है. क्षमता है ही. इस साल 12 टी-20 मैच में से भारत ने 10 जीते हैं. इसलिए एक हार से बहुत फर्क नहीं पड़ता है. भारतीय बल्लेबाजों को परफार्म करना होगा, तभी हम कप जीतने का सपना पूरा कर सकते हैं.