ग्लेन मैकग्रा ने कहा, सचिन का विकेट लेकर मैं भारतीयों की नजर में बन गया विलेन

नयी दिल्ली : ऑस्ट्रेलिया के पूर्व तेज गेंदबाज ग्लेन मैकग्रा ने अपने 14 साल के करियर के दौरान सबसे दिलचस्प क्रिकेट प्रतिद्वंद्विता की यादों को ताजा करते हुए कहा कि भारतीय प्रशंसकों ने 2003 विश्व कप फाइनल में सचिन तेंदुलकर को आउट करने के लिये अब भी उन्हें माफ नहीं किया है. जोहानिसबर्ग मे 360 […]

By Prabhat Khabar Print Desk | June 17, 2015 8:42 PM

नयी दिल्ली : ऑस्ट्रेलिया के पूर्व तेज गेंदबाज ग्लेन मैकग्रा ने अपने 14 साल के करियर के दौरान सबसे दिलचस्प क्रिकेट प्रतिद्वंद्विता की यादों को ताजा करते हुए कहा कि भारतीय प्रशंसकों ने 2003 विश्व कप फाइनल में सचिन तेंदुलकर को आउट करने के लिये अब भी उन्हें माफ नहीं किया है.

जोहानिसबर्ग मे 360 रन के विशाल लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत 234 रन पर आउट हो गया था. मैकग्रा ने पहले ओवर में ही तेंदुलकर को अपनी ही गेंद पर कैच कर दिया था. इस 45 वर्षीय खिलाड़ी ने कहा कि इससे भारतीयों का दिल टूट गया और वे अब भी उसे नहीं भूले हैं.

मैकग्रा ने ईएसपीएनक्रिकइन्फो से कहा, सचिन के साथ मेरी कुछ शानदार मुकाबले हुए. सचाई यह है कि भारतीयों ने 2003 विश्व कप फाइनल में उन्हें आउट करने के लिये मुझे अब भी माफ नहीं किया है. उन्होंने कहा, सचिन ने पहले ओवर में ही मुझ पर चौका जड़ा. मैंने अगली गेंद शार्ट पिच की और उन्होंने मुझे वापस आसान कैच थमा दिया. तेंदुलकर के आउट होने की एक अन्य मशहूर घटना पर भी मैकग्रा ने बात की. तेंदुलकर ने अपनी आत्मकथा प्लेइंग इट माइ वे में इसका जिक्र किया है. मैकग्रा हालांकि पगबाधा के फैसले पर तेंदुलकर की राय से असहमत हैं.
यह 1999 के एडिलेड टेस्ट की घटना है. तेंदुलकर ने तब खाता भी नहीं खोला था जब मैकग्रा की शार्ट पिच गेंद ने उछाल नहीं ली और वह उनके कंधे पर लगी. अंपायर ने हालांकि उन्हें पगबाधा आउट दे दिया था. मैकग्रा ने कहा, उन्हें क्या महसूस हुआ था यह मैंने उनकी किताब में पढा. सचिन छोटे कद का इंसान है और मैं उनसे असहमत हूं क्योंकि गेंद विकेटों पर लग रही थी और मैं यहां तक कि गिल्लियां दे सकता था.

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