BCCI का चुनाव लड़ने की इजाजत मिले, तो IPL से रहूंगा दूर : श्रीनिवासन

नयी दिल्ली : मुद्गल समिति की रिपोर्ट पर सुप्रीम कोर्ट में जारी सुनवाई के बीच आज एन श्रीनिवासन ने कोर्ट से कहा है कि अगर उन्हें बीसीसीआई अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने की अनुमति दी जाती है, तो वे खुद को आईपीएल से संबंधित बैठकों से अलग कर लेंगे. चूंकि अध्यक्ष पद के लिए वे […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 10, 2014 11:56 AM

नयी दिल्ली : मुद्गल समिति की रिपोर्ट पर सुप्रीम कोर्ट में जारी सुनवाई के बीच आज एन श्रीनिवासन ने कोर्ट से कहा है कि अगर उन्हें बीसीसीआई अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने की अनुमति दी जाती है, तो वे खुद को आईपीएल से संबंधित बैठकों से अलग कर लेंगे. चूंकि अध्यक्ष पद के लिए वे अकेले उम्मीदवार हैं और उनका चुना जाना तय है, बावजूद इसके वे खुद को आईपीएल की बैठकों से तब तक अलग रखेंगे, जबतक कि उन्हें क्लीनचिट न मिल जाये.

सुनवाई के दौरान श्रीनिवासन ने हितों के टकराव के मामले की जांच के लिए एक नये पैनल के गठन की मांग की है. उन्होंने कहा कि यह पैनल जबतक उन्हें क्लीनचिट नहीं देगा वे आईपीएल की बैठकों से खुद को अलग रखेंगे. एन श्रीनिवासन ने एक हलफनामा दायर कर उक्त बातें कही.

कोर्ट में आज बीसीसीआई ने हितों के टकराव के मसले पर उच्च अधिकार प्राप्त समिति के गठन का विरोध किया. बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि उच्च अधिकार प्राप्त समिति के गठन से बीसीसीआई की स्वायत्ता पर असर पड़ सकता है. वहीं न्यायालय ने सुनवाई के दौरान बीसीसीआई से कहा कि क्रिकेट में लोगों की आस्था बहाल नहीं हुई तो यह खेल खत्म हो जायेगा.

गौरतलब है कि कल कोर्ट ने श्रीनिवासन से यह कहा था कि वे बीसीसीआई प्रमुख और चेन्नई सुपर किंग्स में से किसी एक का चुनाव कर ले, जिसके बाद एन श्रीनिवासन ने कोर्ट के सामने यह सुझाव प्रस्तुत किया है.
कल न्यायमूर्ति तीरथ सिंह ठाकुर की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने कहा कि हितों का टकराव तो पूर्वाग्रह के समान है और हो सकता है कि वास्तविक पूर्वाग्रह नहीं हो लेकिन पूर्वाग्रह की संभावना होना भी महत्वपूर्ण है. न्यायालय ने कहा कि क्रिकेट की पवित्रता बनाये रखनी है और इसके मामलों की देखरेख करने वाले सभी व्यक्तियों को संदेह से परे होना चाहिए.