धवन ने आलोचकों को दिया जवाब, कहा – मेरी जिंदगी में नकारात्मक बातों के लिये जगह नहीं

नयी दिल्ली : सीम लेती पिचों पर उनकी तकनीक की हमेशा आलोचना होती आयी है, लेकिन विश्व कप की तैयारियों में जुटे शिखर धवन के पास इसकी परवाह करने का समय नहीं है. दुनिया की सबसे मजबूत सलामी जोड़ी का हिस्सा शिखर धवन ने बड़े टूर्नामेंटों में अच्छा प्रदर्शन किया है. उन्हें यकीन है कि […]

By Prabhat Khabar Print Desk | May 14, 2019 6:28 PM

नयी दिल्ली : सीम लेती पिचों पर उनकी तकनीक की हमेशा आलोचना होती आयी है, लेकिन विश्व कप की तैयारियों में जुटे शिखर धवन के पास इसकी परवाह करने का समय नहीं है.

दुनिया की सबसे मजबूत सलामी जोड़ी का हिस्सा शिखर धवन ने बड़े टूर्नामेंटों में अच्छा प्रदर्शन किया है. उन्हें यकीन है कि 2013 और 2017 चैम्पियंस ट्रॉफी के बाद वह विश्व कप में इस सफलता को दोहरा सकेंगे. धवन ने दिये इंटरव्यू में कहा , लोग आईसीसी टूर्नामेंटों में मुझे मेरे रिकार्ड के बारे में बताते हैं, लेकिन मेरा इरादा हमेशा समान रहता है. ऐसा नहीं है कि प्रयासों में कोई कमी रहती है.

फोकस हमेशा प्रक्रिया पर रहता है. मुझे यकीन है कि एक बार फिर आईसीसी टूर्नामेंट में अच्छा खेलूंगा. आईपीएल में दिल्ली कैपिटल्स के लिये 521 रन बनाने वाले शिखर ने कहा कि विश्व कप को लेकर उन पर कोई दबाव नहीं है. उन्होंने कहा , मैं इस तरह का बंदा ही नहीं हूं कि दबाव महसूस करूं. मैं अविचलित रहता हूं. आलोचक अपना काम कर रहे हैं. मैं पांच दस मैचों में अच्छा नहीं खेल सका तो इसका यह मतलब नहीं है कि सब कुछ खत्म हो गया.

मुझे पता है कि मैं क्या कर सकता हूं. उन्होंने कहा , मैं ना तो अखबार पढ़ता हूं और ना ही टीवी देखता हूं. इसलिये आलोचना का असर ही नहीं होता. मैं सोशल मीडिया से दूर हूं. ट्विटर और फेसबुक पर हूं लेकिन इस्तेमाल कम ही करता हूं. धवन ने कहा , मैं उनमें से नहीं हूं जो लगातार ट्विटर और इंस्टाग्राम पर लगे रहते हैं. मैं कभी कभार ही करता हूं. मेरी जिंदगी में नकारात्मकता के लिये समय नहीं है. मुझे बार बार लोगों से सर्टिफिकेट लेने की जरूरत नहीं है.

उन्होंने कहा कि रिकी पोंटिंग और सौरव गांगुली की दिल्ली टीम में मौजूदगी से काफी लाभ हुआ. उन्होंने कहा , रिकी और दादा दोनों सफल अंतरराष्ट्रीय कप्तान रहे हैं और दोनों ने चैम्पियन खिलाड़ी तैयार किये हैं. उनके अनुभव से मदद मिली. उन्होंने कहा कि मेरी तकनीक में कोई दिक्कत नहीं है.

अब शास्त्रीय संगीत में रूचि ले रहे धवन बांसुरी बजाना सीख रहे हैं. उन्होंने कहा , मैं सूफी संगीत का मुरीद हूं. वडाली ब्रदर्स मेरे पसंदीदा हैं. अब मैं बांसुरी भी सीख रहा हूं. यह तनावमुक्त रखने में काफी मददगार है. हर इंसान को लाइफ में कुछ शौक पालना चाहिये.

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