IPL : विदेश में खाता नहीं खोलने पर बीसीसीआई और अधिकारियों पर 121 करोड़ का जुर्माना

मुंबई : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भारतीय नियामक एजेंसियों की जांच से बचने के लिए आईपीएल के 2009 सत्र के दौरान यहां से 243 करोड़ रुपये स्थानांतरित करने के बाद दक्षिण अफ्रीका में अलग खाता नहीं खोलने के लिए बीसीसीआई और उसके अधिकारियों पर विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के तहत 121 करोड़ रुपये का […]

By Prabhat Khabar Print Desk | June 1, 2018 5:40 PM

मुंबई : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भारतीय नियामक एजेंसियों की जांच से बचने के लिए आईपीएल के 2009 सत्र के दौरान यहां से 243 करोड़ रुपये स्थानांतरित करने के बाद दक्षिण अफ्रीका में अलग खाता नहीं खोलने के लिए बीसीसीआई और उसके अधिकारियों पर विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के तहत 121 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है.

बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष एन श्रीनिवासन और आईपीएल के पूर्व आयुक्त ललित मोदी उन लोगों में शामिल हैं जिन पर कल जारी किये गये आदेश के तहत ईडी ने जुर्माना लगाया है. यह जुर्माना आईपीएल के दूसरे सत्र में फेमा के कथित उल्लंघन के लिए लगा है. यह आईपीएल का एकमात्र सत्र था जो पूरी तरह से विदेश में आयोजित किया गया था.

ईडी ने गुरुवार को जारी बयान में कहा, ‘जांच में पाया गया कि बीसीसीआई और इस मामले से जुड़े अधिकारियों ने आईपीएल-2 के संचालन के लिए दक्षिण अफ्रीका में कोई बैंक खाता नहीं खोला था. खाता खोलने की जगह उन्होंने क्रिकेट दक्षिण अफ्रीका (सीएसए) के खाते में बड़ी रकम हस्तांतरित की और सीएसए ने इस रकम को सीएसए-आईपीएल नाम से खोले गये बैंक खाते में हस्तांतरित कर दिया गया.’

बयान में कहा गया, ‘इसके बाद बीसीसीआई और सीएसए के बीच करार से बीसीसीआई को विदेशी बैंक खाते के पूर्ण संचालन का अधिकार मिल गया और वह इस खर्चे की भारतीय नियामकों की जांच से बच गया.’

इस केंद्रीय जांच एजेंसी के विशेष निदेशक ने बीसीसीआई पर 82.66 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया जबकि श्रीनिवासन पर 11.53 करोड़, ललित मोदी पर 10.65 करोड़, बीसीसीआई के पूर्व कोषाध्यक्ष एमपी पांडोव पर 9.72 करोड़ रुपये, स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर (अब एसबीआई के साथ विलय) पर 7 करोड़ रुपये और तत्कालीन बैंक प्रबंधक पर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है.

एजेंसी ने कहा कि जुर्माने की कुल राशि 121.56 करोड़ रुपये है. ईडी 2009 में आईपीएल के दूसरे संस्करण की मेजबानी के लिए देश से 243 करोड़ रुपये से अधिक स्थानांतरित करने में फेमा के कथित उल्लंघन की जांच कर रहा था. फेमा आदेश में कहा गया कि यह विदेशों में धनराशि स्थानांतरित करने से संबंधित आरबीआई के दिशानिर्देशों का कथित उल्लंघन है.

आदेश में आरोपियों को 45 दिनों के भीतर जुर्माने की राशि सरकारी खजाने में जमा करने को कहा गया है. आरोपी इस आदेश के खिलाफ ईडी के संबंधित अधिकारी के समक्ष अपील कर सकते हैं.

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