विश्व चैंपियनशिप में सफेद मोहरों से खेलेंगे विश्वनाथन आनंद

सोच्चि : विश्व के महान शतरंज खिलाडि़यों में शामिल विश्वनाथन आनंद आज नार्वे के मैग्नस कार्लसन को सफेद मोहरों के साथ चुनौती देंगे. कार्लसन ने अपने लिए काली मोहरों को चुना है, जिसके कारण आनंद को सफेद मोहरों से खेलना पड़ेगा. ... पिछली बार आनंद ने काली मोहरों से पहले खेला था और बाजी के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 8, 2014 2:25 PM

सोच्चि : विश्व के महान शतरंज खिलाडि़यों में शामिल विश्वनाथन आनंद आज नार्वे के मैग्नस कार्लसन को सफेद मोहरों के साथ चुनौती देंगे. कार्लसन ने अपने लिए काली मोहरों को चुना है, जिसके कारण आनंद को सफेद मोहरों से खेलना पड़ेगा.

पिछली बार आनंद ने काली मोहरों से पहले खेला था और बाजी के 90वें मिनट में ही ड्रा पर राजी हो गये थे. प्रबल दावेदार होने के बावजूद कार्लसन ने कहा कि पिछले मैच में उन्हें काफी कुछ सीखने को मिला है. उन्होंने कहा ,पिछला मुकाबला मायने नहीं रखता. आपको अगले मैच में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना होता है, चाहे प्रबल दावेदार कोई भी हो.

उन्होंने कहा , खराब खेलने पर आप जीत नहीं सकते. पिछली बार मेरी शुरुआत अच्छी नहीं रही थी लिहाजा इस बार उस गलती को सुधारना चाहता हूं. आनंद का जोर भी अच्छे आगाज पर होगा क्योंकि यह सिर्फ 12 मुकाबलों की चैंपियनशिप है और एक प्रतियोगी के 6 – 5 अंक तक पहुंचते ही खत्म हो जायेगी.

विश्वनाथन आनंद ने पोलैंड के ग्रजेगोर्ज गाजेवस्की के रुप में एकमात्र नये चेहरे को अपनी टीम में जगह दी है. आनंद ने यहां मैच से पहले प्रेस कांफ्रेंस में कहा ,ह्यह्य कृष्णन शशिकिरण, राडोस्लाव वोज्ताजेक और गाजेवस्की टीम में होंगे.

शशिकिरण और वोज्ताजेक पिछले साल भी चेन्नई में खेले गए विश्व चैम्पियनशिप मैच में आनंद की टीम में हंगरी के पीटर लेको और संदीपन चंदा के साथ था जब आनंद को पराजय झेलनी पडी थी. आनंद ने अपनी टीम पर फिर भरोसा जताया है जिसमें से सिर्फ लेको को हटाया गया है. चंदा उनके साथ लगातार यात्रा कर रहे हैं और यह स्पष्ट है कि सहयोगी टीम में उनकी अन्यत्र कोई भूमिका होगी.

पोलैंड के गाजेवस्की भी वोज्ताजेक की तरह आक्रामक खिलाडी हैं. दूसरी ओर कार्लसन की टीम में डेनमार्क के पीटर हेन नीलसन और उनके हमवतन जान लुविज हैमर हैं.दोनों खिलाडियों ने इंतजामात पर संतोष जताया हालांकि कार्लसन ने कहा कि शीशे की दीवार बेहतर होती. कुछ साल में पहली बार मुकाबला कांच की दीवार के बिना खेला जायेगा और आडिटोरियम की क्षमता 140 व्यक्तियों की है.आयोजकों ने कहा कि वे साठ के दशक की तरह माहौल बनाना चाहते थे.