Yogini Ekadashi 2023 Date: इस दिन रखा जाएगा ‘योगिनी एकदाशी’ का व्रत, जानें पूजा- विधि और शुभ मुहूर्त

Yogini Ekadashi 2023 Date: इस साल योगिनी एकादशी का व्रत 14 जून 2023, बुधवार के दिन रखा जाएगा. ये व्रत हर साल जून-जुलाई के दिन रखाता है. इस दिन विधि- विधान से भगवान विष्णु की पूजा- अर्चना की जाती है. आइए जानते हैं, योगिनी एकादशी डेट पूजा- विधि, शुभ मुहूर्त और सामग्री की पूरी लिस्ट...

By Shaurya Punj | June 5, 2023 3:41 PM

Yogini Ekadashi 2023 Date:  हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का बहुत अधिक महत्व होता है. हर माह में दो बार एकादशी तिथि पड़ती है. एक कृष्ण पक्ष में और एक शुक्ल पक्ष में. साल में कुल 24 एकादशी पड़ती हैं. इस साल योगिनी एकादशी का व्रत 14 जून 2023, बुधवार के दिन रखा जाएगा. ये व्रत हर साल जून-जुलाई के दिन रखाता है.  इस दिन विधि- विधान से भगवान विष्णु की पूजा- अर्चना की जाती है. भगवान विष्णु की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं. आइए जानते हैं, योगिनी एकादशी डेट पूजा- विधि, शुभ मुहूर्त और सामग्री की पूरी लिस्ट…

Yogini Ekadashi 2023 Date: मुहूर्त और तिथि

योगिनी एकादशी डेट- 14 जून, 2023
एकादशी तिथि प्रारम्भ – जून 13, 2023 को 09:28 am बजे
एकादशी तिथि समाप्त – जून 14, 2023 को 08:48 am बजे
योगिनी एकादशी 2022 व्रत पारण का समय- 15 जून को 05:23 am से 08:10 am तक
पारण तिथि के दिन द्वादशी समाप्त होने का समय – 08:32 am

योगिनी एकादशी का महत्व (yogini ekadashi benefits)

इस व्रत को रखने से 88 हजार ब्राह्मणों को भोजन कराने के बराबर पुण्य मिलता है.
इस व्रत को रखने से घर में सुख-समृद्धि और खुशहाली आती है.

योगिनी एकादशी व्रत की कथा (yogini ekadashi vrat katha in hindi)

मान्यता है कि अलकापुरी नगर में राजा कुबेर के यहां हेम नामक एक माली रहता था. माली रोज भगवान शंकर के पूजन के लिए मानसरोवर से फूल लाता था.एक दिन उसे अपनी पत्नी के साथ समय व्यतीत करने के कारण फूल लाने में बहुत देर हो गई. वह दरबार में देर से पहुंचा. इस बात से क्रोधित होकर कुबेर ने उसे कोढ़ी होने का श्राप दे दिया. श्राप के प्रभाव से हेम माली इधर-उधर भटकता रहा और एक दिन दैवयोग से मार्कण्डेय ऋषि के आश्रम जा पहुंचा. ऋषि ने अपने योग बल से उसके दुखी होने का कारण जान लिया. तब उन्होंने उसे योगिनी एकादशी का व्रत करने को कहा. व्रत के प्रभाव से हेम माली का कोढ़ समाप्त हो गया और उसे मोक्ष की प्राप्ति हुई.

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