Toe Ring: शादी के बाद महिलाएं क्यों पहनती हैं बिछिया, जानें Toe Ring धार्मिक महत्व
Toe Ring: हिंदू धर्म में बिछिया को सोलह श्रृंगार का हिस्सा माना गया है. इसे महिलाएं पैर की दूसरी और तीसरी उंगली में पहनती हैं. इसे शादी के बाद पहना जाता है. चलिए जानते हैं इसके पीछे के धार्मिक कारणों के बारे में विस्तार से.
Toe Ring: भारत एक विविधता वाला देश है. यहां हर राज्य में आपको अलग-अलग परंपराएं, धार्मिक मान्यताएं और रीति-रिवाज देखने को मिलते हैं. ऐसा ही एक रिवाज बिछिया पहनने का भी है. आमतौर पर महिलाएं शादी के बाद अपने पैरों की उंगलियों में अंगूठी जैसी दिखने वाली इस बिछिया को पहनती हैं. चलिए इस लेख के माध्यम से बिछिया पहनने के रिवाज के पीछे के कारण को जानने की कोशिश करते हैं.
शादी के बाद महिलाएं बिछिया क्यों पहनती हैं?
हिंदू धर्म में बिछिया को सोलह श्रृंगार का हिस्सा माना गया है. इसे महिलाएं पैर की दूसरी और तीसरी उंगली में पहनती हैं. इसे शुभता और सौभाग्य का प्रतीक कहा जाता है. धार्मिक मान्यता के अनुसार, शादी के बाद बिछिया पहनने से वैवाहिक जीवन में खुशहाली आती है. साथ ही पति और पत्नी का संबंध मजबूत होता है और जीवन में सुख-शांति बनी रहती है. माना जाता है कि माता लक्ष्मी की कृपा भी बनी रहती है और यह नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है.
रामायण से जुड़ी मान्यता
बिछिया का संबंध रामायण काल से भी बताया जाता है. कथा के अनुसार, जब रावण माता सीता का अपहरण कर उन्हें लंका ले जा रहा था, तभी माता सीता ने अपने पैरों से बिछिया उतारकर रास्ते में फेंक दी थी. सीता जी ने ऐसा इसलिए किया ताकि भगवान श्रीराम तक उनका कोई संकेत पहुंच सके और उन्हें ढूंढ़ना आसान हो जाए. यही वजह है कि बिछिया को आज भी पवित्रता, वैवाहिक जीवन और पति-पत्नी के संबंधों का प्रतीक माना जाता है.
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