गुरुवार के दिन भूलकर भी न करें ये काम, वरना नाराज हो सकते हैं बृहस्पति देव

Thursday: हिंदू धर्म में गुरुवार के दिन भगवान विष्णु और बृहस्पति देव की आराधना की जाती है. मान्यता है कि इस विधि-विधान के साथ पूजा-पाठ और दान करने से भगवान विष्णु और बृहस्पति देव प्रसन्न होते हैं. लेकिन इस दिन कुछ कार्यों को करना वर्जित माना गया है. चलिए, इस लेख के माध्यम से विस्तार से समझते हैं कि गुरुवार के दिन क्या करना शुभ है और क्या करना अशुभ.

By Neha Kumari | September 18, 2025 5:53 PM

Thursday: सनातन धर्म में गुरुवार का दिन बेहद महत्वपूर्ण माना गया है. इसे बृहस्पतिवार भी कहा जाता है. इस दिन भगवान विष्णु और बृहस्पति देव की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है. मान्यता है कि इस दिन किए गए शुभ कार्य जीवन में सुख, समृद्धि और मानसिक शांति लाते हैं. वहीं, इस दिन कुछ कार्यों को करना वर्जित माना गया है. आइए जानते हैं गुरुवार के दिन क्या करना शुभ है और क्या करना अशुभ.

गुरूवार को क्या नहीं करना चाहिए?

  • झूठ बोलना या किसी को धोखा देना – माना जाता है कि इस दिन व्यक्ति को केवल सत्य बोलना चाहिए. किसी से झूठ बोलने या छल करने से बृहस्पति देव नाराज होते हैं और पूजा का फल नहीं मिलता.
  • लड़ाई-झगड़ा करना – गुरुवार का दिन शांतिपूर्ण रहने और अच्छे विचार रखने का दिन है. इस दिन मन को शांत रखना चाहिए. गुस्सा करना या किसी से झगड़ा करना अशुभ माना जाता है. ऐसा करने से परिवार और कार्य में बाधा आ सकती है.
  • अनावश्यक खर्च – इस दिन पैसों का अपमान या अनावश्यक खर्च करना अशुभ माना गया है. दान, धर्म और जरूरतमंदों की मदद करना शुभ है. इससे भगवान विष्णु की कृपा घर पर बनी रहती है.
  • अनुचित व्यवहार – किसी का नुकसान करने, अनुचित व्यवहार करने या अधर्मी काम करने से भी बृहस्पति देव नाराज हो सकते हैं.

गुरुवार को क्या करना शुभ है?

  • पीला वस्त्र पहनें और पीली चीजों का दान करें.
  • इस दिन भगवान विष्णु की आराधना और पूजा करें.
  • गरीब और जरूरतमंदों की मदद करें.
  • शिक्षा, ज्ञान और धर्म के काम में समय दें.

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी केवल मान्यताओं और परंपरागत जानकारियों पर आधारित है. प्रभात खबर किसी भी तरह की मान्यता या जानकारी की पुष्टि नहीं करता है.

यह भी पढ़े: Sarva Pitru Amavasya 2025: सर्व पितृ अमावस्या पर लगने जा रहा है सूर्य ग्रहण, जानें क्या इस दिन पितरों का तर्पण करना सही