Surya Grahan 2025 Live Updates: बस थोड़ी देर के बाद लगेगा साल का अंतिम सूर्यग्रहण, यहां से जानें ग्रहण का टाइम

Surya Grahan 2025 Live Updates: साल का दूसरा और अंतिम सूर्यग्रहण आज 21 सितंबर को लगने जा रहा है. यह खंडग्रास सूर्यग्रहण भारतीय समयानुसार रात 10:59 बजे शुरू होगा और सुबह 3:23 बजे तक चलेगा. भारत में यह दृश्य नहीं होगा, इसलिए सूतक काल लागू नहीं होगा. जानिए ग्रहण का सही समय और अहम जानकारी.

By Shaurya Punj | September 21, 2025 7:19 PM

Surya Grahan 2025 Live Updates: बस थोड़ी बाद साल का दूसरा और अंतिम लगने जा रहा है. आज रविवार, 21 सितंबर 2025 को लगने जा रहा है. इससे पहले 7 सितंबर को वर्ष का आखिरी चंद्रग्रहण पड़ा था. खास बात यह है कि 21 सितंबर को सर्वपितृ अमावस्या के दिन यह सूर्यग्रहण लगेगा. भारत में यह दृश्य दिखाई नहीं देगा, फिर भी धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टि से इसे अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है. आइए जानते हैं सूर्यग्रहण के आरंभ, समापन, सूतक काल और इससे जुड़ी पूरी जानकारी.

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वर्ष में कम से कम दो बार होता है सूर्य ग्रहण

सूर्य ग्रहण शुरू होने में अब बहुत कम समय शेष है. हालांकि इसका प्रभाव भारत में दिखाई नहीं देगा. खगोल विज्ञान के अनुसार पृथ्वी पर साल में कम से कम दो बार सूर्य ग्रहण होता है, लेकिन किसी एक स्थान से इसे देख पाना बेहद दुर्लभ होता है. कई बार तो यह सौ वर्षों में केवल एक बार ही दिखाई देता है.

कन्या राशि में सूर्य, बुध और चंद्रमा

इस बार सूर्य ग्रहण कन्या राशि में हो रहा है. यहां सूर्य के साथ ग्रहों के राजकुमार बुध और चंद्रमा की उपस्थिति से विशेष संयोग बन रहा है. इससे न केवल बुधादित्य राजयोग बल्कि त्रिग्रही योग का भी निर्माण हो रहा है. वहीं सिंह राशि में शुक्र और छाया ग्रह केतु विराजमान हैं.

सूर्य ग्रहण और शारदीय नवरात्रि

यह वर्ष का दूसरा सूर्य ग्रहण होगा, जिसकी शुरुआत 21 सितंबर रात 11 बजे से होगी और इसका समापन 22 सितंबर की सुबह 3:24 बजे होगा. हालांकि भारत में यह ग्रहण दिखाई नहीं देगा. इस कारण सूतक काल मान्य नहीं होगा और अगले दिन यानी 22 सितंबर से शुरू हो रहे शारदीय नवरात्र पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा

सूर्य ग्रहण क्या है?

जब चंद्रमा अपनी परिक्रमा करते हुए सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाता है, तो सूर्य की रोशनी कुछ समय के लिए पृथ्वी तक नहीं पहुंच पाती. इसी घटना को सूर्य ग्रहण कहा जाता है. सूर्य ग्रहण तीन प्रकार के होते हैं— पूर्ण, आंशिक और वलयाकार.

साल 2025 का आखिरी सूर्य ग्रहण कहां दिखाई देगा?

21 सितंबर को लगने वाला सूर्य ग्रहण वर्ष 2025 का अंतिम सूर्य ग्रहण होगा. यह खगोलीय घटना ऑस्ट्रेलिया के दक्षिणी हिस्सों, न्यूजीलैंड, फिजी, अंटार्कटिका, प्रशांत महासागर और अटलांटिक महासागर के क्षेत्रों में दिखाई देगी.

आज का सूर्य ग्रहण कुल 4 घंटे 24 मिनट तक रहेगा

भारतीय समयानुसार इसकी शुरुआत रात 10:59 बजे होगी. ग्रहण का चरम चरण 22 सितंबर की सुबह 1:11 बजे पड़ेगा, जबकि मोक्षकाल सुबह 3:23 बजे होगा। इस प्रकार यह खगोलीय घटना पूरे 4 घंटे 24 मिनट तक दिखाई देगी.

सूर्य ग्रहण कहां और कैसे देखें?

आप सूर्य ग्रहण का सीधा प्रसारण अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा और Timeanddate.com की आधिकारिक वेबसाइट या उनके यूट्यूब चैनल पर देख सकते हैं.

122 साल बाद बना सूर्य ग्रहण का दुर्लभ संयोग

21 सितंबर की रात लगने वाला सूर्य ग्रहण एक अद्वितीय खगोलीय संयोग लेकर आया है. ज्योतिष के अनुसार, ग्रहण और पितृ पक्ष का आपसी संबंध हमेशा से विशेष महत्व रखता है. इस बार खास बात यह है कि पूरे 122 साल बाद ऐसा दुर्लभ अवसर बना है जब पितृ पक्ष की शुरुआत और समापन, दोनों ही सूर्य ग्रहण से जुड़े हैं. पिछली बार यह संयोग वर्ष 1903 में हुआ था, जब भारत में बंगाल विभाजन की योजना और कांग्रेस अधिवेशन जैसी ऐतिहासिक घटनाएं घटी थीं.

सूर्य ग्रहण के दिन बन रहा शनि-सूर्य समसप्तक योग, जानें असर

रविवार को सूर्य ग्रहण के साथ ही शनि और सूर्य का समसप्तक योग बन रहा है. ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, यह योग मेष, मिथुन और कन्या राशि के लोगों के लिए चुनौतियां ला सकता है. ग्रहण के दौरान सावधानी बरतना और जरूरी काम सोच-समझकर करना लाभकारी रहेगा.

सूर्य ग्रहण सुरक्षित रूप से ऐसे देखें

नंगी आंखों से सूर्य ग्रहण देखना बहुत खतरनाक है. इसे देखने के लिए सोलर व्यूअर चश्मे का उपयोग करें. दूरबीन या टेलीस्कोप में सोलर फिल्टर लगाना जरूरी है.

सूर्य ग्रहण का सूतक काल ग्रहण के कितने घंटे पहले शुरू हो जाता है?


सूर्य ग्रहण का सूतक काल ग्रहण से 12 घंटे पहले शुरू हो जाता है. इस दौरान मंत्रों का जाप करना शुभ माना जाता है.

क्या आज सूर्य ग्रहण के दिन पितरों का श्राद्ध किया जा सकता है?


चूंकि भारत में सूर्य ग्रहण दिखाई नहीं देगा, इसलिए आज पितरों का श्राद्ध किया जा सकता है।

आज पूर्ण सूर्य ग्रहण लगेगा या आंशिक सूर्य ग्रहण?


आज रात आंशिक सूर्य ग्रहण लगेगा. इसका मतलब है कि चंद्रमा सूर्य के केवल एक हिस्से को ढक देगा, जबकि बाकी हिस्सा दिखाई देगा.

सूर्य ग्रहण कितने प्रकार के होते हैं?

सूर्य ग्रहण दो प्रकार के होते हैं. पहला, पूर्ण सूर्य ग्रहण, जब चंद्रमा पूरी तरह से सूर्य को ढक लेता है और सूर्य दिखाई नहीं देता. इसे पूर्ण ग्रहण कहते हैं.

दूसरा, आंशिक सूर्य ग्रहण, जब चंद्रमा सूर्य के केवल एक हिस्से को ढकता है और सूर्य का बाकी हिस्सा दिखाई देता है. इसे आंशिक ग्रहण कहते हैं.

21 सितंबर का सूर्य ग्रहण कौन सी राशि में लग रहा है?

21 सितंबर को लगने वाले सूर्य ग्रहण के समय सूर्य कन्या राशि में गोचर करेगा.

कहां-कहां दिखाई देगा सूर्य ग्रहण?

इस बार सूर्य ग्रहण मुख्य रूप से दक्षिणी गोलार्ध के देशों में दिखाई देगा. इनमें ऑस्ट्रेलिया, न्यूज़ीलैंड, अंटार्कटिका और कुछ साउथ पैसिफिक द्वीप शामिल हैं.

22 सितंबर को खत्म हो रहा सूर्य ग्रहण नवरात्रि पर क्या असर डालेगा?

ज्योतिषाचारियों के मुताबिक, चूंकि सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए इस ग्रहण का नवरात्र के पर्व पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा.

सूर्य का भारत पर क्या प्रभाव पड़ेगा?

21 सितंबर 2025 की रात में लगने वाला सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा. इसलिए इसका भारत पर कोई प्रभाव नहीं होगा और इसे ग्रहण का सूतक काल भी नहीं माना जाएगा.

सूर्य का भारत पर क्या प्रभाव पड़ेगा?

21 सितंबर 2025 की रात में लगने वाला सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा. इसलिए इसका भारत पर कोई प्रभाव नहीं होगा और इसे ग्रहण का सूतक काल भी नहीं माना जाएगा.

सूर्य ग्रहण कितने बजे से शुरू होगा?

सूर्य ग्रहण 21 सितंबर 2025 की रात 10:59 बजे शुरू होगा और 22 सितंबर को सुबह 3:22 बजे समाप्त होगा.

सूर्य ग्रहण के समय क्या सोना चाहिए?

माना जाता है कि सूर्य ग्रहण के समय सोना अशुभ होता है, इसलिए इस दौरान सोने से बचने की सलाह दी जाती है.

सूर्य ग्रहण के बाद घर में क्या ताजा भोजन बनाना चाहिए?

सूर्य ग्रहण के समय वातावरण में फैली नकारात्मक ऊर्जा से भोजन अशुद्ध हो जाता है. इसलिए ग्रहण समाप्त होने के बाद घर और शरीर की शुद्धि करने के उपरांत ताजा भोजन बनाकर ग्रहण करना उचित माना जाता है.

सूर्य ग्रहण खत्म होने के बाद क्या करना चाहिए?

ग्रहण समाप्त होने के बाद घर की अच्छी तरह सफाई कर गंगाजल का छिड़काव करना चाहिए और शुद्ध जल से स्नान करना चाहिए. इसके बाद देवी-देवताओं की पूजा और आरती करनी चाहिए.

सूर्य ग्रहण के दौरान क्या यात्रा करनी चाहिए?

मान्यता है कि सूर्य ग्रहण के दौरान यात्रा करना शुभ नहीं माना जाता. इस समय जितना संभव हो, यात्रा और लंबे सफर से बचना चाहिए.

सूर्य ग्रहण के दौरान क्या भोजन करना चाहिए?

सूर्य ग्रहण के दौरान भोजन करना अशुभ माना जाता है. इस समय भोजन करना वर्जित माना गया है.

सूर्य ग्रहण के दौरान इन मंत्रों का उच्चारण करें

सूर्य ग्रहण के दौरान मंत्र जाप करना बेहद शुभ माना गया है. इस समय आप विष्णु मंत्र “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” का जाप कर सकते हैं. साथ ही इस दौरान महामृत्युंजय मंत्र

“ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्.

उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्”

मंत्र का जाप करना भी शुभ माना जाता है.

सूर्य ग्रहण के दौरान इन मंत्रों का उच्चारण करें

सूर्य ग्रहण के दौरान मंत्र जाप करना बेहद शुभ माना गया है. इस समय आप विष्णु मंत्र “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” का जाप कर सकते हैं. साथ ही इस दौरान महामृत्युंजय मंत्र

“ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्.

उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्”

मंत्र का जाप करना भी शुभ माना जाता है.

सूर्य ग्रहण के दौरान क्या पूजा करनी चाहिए?

हिंदू धर्म में सूर्य ग्रहण को अशुभ माना जाता है. इस दौरान वातावरण में नकारात्मक ऊर्जा बढ़ जाती है, इसलिए पूजा-पाठ नहीं करना चाहिए. हालांकि, इस समय ध्यान और मंत्र जप किए जा सकते हैं.

क्या सूर्य ग्रहण को खुली या नंगी आँखों से देखना सुरक्षित है?

सूर्य ग्रहण को खुली या नंगी आंखों से देखना बिल्कुल सुरक्षित नहीं है. सीधे देखने से आंखों की रेटिना को नुकसान पहुंच सकता है और देखने की क्षमता भी कम हो सकती है. इसे केवल विशेष ग्रहण चश्मे या सुरक्षित तरीकों से ही देखें.

सूर्य ग्रहण क्यों होता है?

सूर्य ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच आता है, जिससे सूर्य की रोशनी पृथ्वी तक नहीं पहुँचती. इसे ही पूर्ण सूर्य ग्रहण कहते हैं.

सूर्यग्रहण के दौरान इन चीजों का दान करना होता शुभ

हिंदू धर्म में दान का विशेष महत्व है. मान्यता है कि ग्रहण के समय और उसके बाद दान करना बेहद शुभ होता है. इस दौरान चावल, वस्त्र, फल सहित अन्य वस्तुओं का दान फलदायक माना जाता है.

सूर्यग्रहण के नकारात्मक ऊर्जा से बचने के लिए क्या करें?

माना जाता है कि सूर्यग्रहण के दौरान सूर्य से नकारात्मक ऊर्जा निकलती है. कहा जाता है कि ग्रहण के बाद घर की सफाई करने और स्नान कर साफ कपड़े पहनने से नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव खत्म हो जाता है.

भारत में सूर्य ग्रहण का सूतक काल लागू होगा या नहीं?

सूर्य ग्रहण के समय सूतक काल ग्रहण से 12 घंटे पहले लागू होता है. ग्रहण केवल उसी जगह मान्य होता है जहाँ यह दिखाई देता है. चूंकि इस बार भारत में सूर्य ग्रहण दिखाई नहीं देगा, इसलिए भारत में सूतक काल लागू नहीं होगा.

कब और किस नक्षत्र में लगेगा साल का आखिरी सूर्यग्रहण?

21 सितंबर 2025 को सर्वपितृ अमावस्या के दिन साल का अंतिम सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है. यह ग्रहण कन्या राशि में और उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र के दौरान लगेगा.

सूर्यग्रहण से पहले और बाद जरूर करें इन मंत्रों का जाप

सूर्यग्रहण से पहले और उसके खत्म होने के बाद सूर्य देव की आराधना करना शुभ माना जाता है. इस समय दीपक जलाकर सूर्य मंत्रों का जाप करना चाहिए. इस दौरान "ॐ सूर्याय नमः" मंत्र का उच्चारण करना अत्यंत शुभ माना गया है.

सूर्यग्रहण के बाद क्या करें?

हिंदू धर्म में ग्रहण को अशुभ माना जाता है. मान्यता है कि ग्रहण के समय वातावरण में नकारात्मक ऊर्जा बढ़ जाती है. ऐसे में जरूरी है कि हम खुद को शुद्ध रखें. इसके लिए स्नान करें और साफ-सुथरे कपड़े पहनें, ताकि मन और शरीर दोनों पवित्र बने रहें.

कहां दिखाई देगा यह सूर्यग्रहण

21 सितंबर का यह खंडग्रास सूर्यग्रहण अंटार्कटिका, न्यूज़ीलैंड, दक्षिण प्रशांत के आस-पास के क्षेत्रों और ऑस्ट्रेलिया में आंशिक रूप से दिखाई देगा. भारत में इसे प्रत्यक्ष रूप से नहीं देखा जा सकेगा.

राशियों पर प्रभाव

ज्योतिषीय दृष्टि से यह ग्रहण सभी 12 राशियों को प्रभावित कर सकता है. कुछ राशियों के लिए यह समय शुभ फल देने वाला होगा, जबकि कुछ के लिए चुनौतियां ला सकता है.

सूर्यग्रहण का सूतक काल

सूर्यग्रहण का सूतक काल सामान्यतः ग्रहण से 12 घंटे पहले शुरू होता है और इस दौरान शुभ कार्य नहीं किए जाते. गर्भवती महिलाओं के लिए विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है. हालांकि, चूंकि यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए यहां सूतक काल के नियम लागू नहीं होंगे.

कल लगेगा साल का आखिरी सूर्यग्रहण

साल 2025 का आखिरी सूर्यग्रहण (Surya Grahan 2025) रविवार, 21 सितंबर को होगा. यह खंडग्रास सूर्यग्रहण भारतीय समयानुसार रात 10:59 बजे शुरू होकर सुबह 3:23 बजे तक चलेगा. इसका मध्यकाल रात 1:11 बजे रहेगा और कुल अवधि लगभग 4 घंटे 24 मिनट की होगी.