Saphala Ekadashi 2025: कल है सफला एकादशी, व्रत से पहले जान लें सभी नियम और पूजा का महत्व
Saphala Ekadashi 2025: सफला एकादशी इस साल 15 दिसंबर 2025 को रखी जाएगी. इस दिन भगवान नारायण की विधि-विधान से पूजा और व्रत करने से उनकी कृपा सदैव भक्तों पर बनी रहती है. आइए जानते हैं एकादशी व्रत से जुड़े जरूरी नियम और इसका महत्व.
Saphala Ekadashi 2025: सफला एकादशी भगवान विष्णु को समर्पित है. साल में आने वाली 24 एकादशियों में यह एक महत्वपूर्ण एकादशी मानी जाती है. यह पौष मास के कृष्ण पक्ष में पड़ती है. इस दिन भगवान नारायण की विधि-विधान से पूजा की जाती है और व्रत रखा जाता है. सनातन धर्म में इस व्रत का विशेष महत्व है.
मान्यता है कि जो भक्त इस दिन श्रद्धा और नियमपूर्वक पूजा-अर्चना कर व्रत रखता है, उसे जीवन के हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त होती है. साथ ही भगवान विष्णु की कृपा सदैव भक्त पर बनी रहती है.
सफला एकादशी व्रत के नियम
- सफला एकादशी के दिन व्रती को सुबह जल्दी उठकर स्नान करना चाहिए और स्वच्छ वस्त्र धारण कर शुभ मुहूर्त में पूजा करनी चाहिए.
- एकादशी के दिन व्रती को दिन में सोना नहीं चाहिए. इस दिन जागरण कर भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करना शुभ माना जाता है.
- व्रत शुरू होने के एक दिन पहले से तामसिक भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए. एकादशी के दिन चावल का सेवन वर्जित माना गया है, क्योंकि इसे अशुभ समझा जाता है.
- इस दिन क्रोध करना और अपशब्दों का प्रयोग करना वर्जित होता है.
- एकादशी के दिन बाल कटवाना शुभ नहीं माना जाता, इसलिए इस दिन बाल कटाने से बचना चाहिए.
सफला एकादशी व्रत का महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सफला एकादशी का व्रत करने से जीवन के सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है. व्यक्ति को हर कार्य में सफलता प्राप्त होती है और रुके हुए कार्य पूर्ण होते हैं. साथ ही पापों से छुटकारा मिलता है और घर-परिवार पर सदैव भगवान नारायण की कृपा बनी रहती है.
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