Premanand Ji Maharaj: क्यों मिलता है पिछले जन्म का फल इस जन्म में? जानें प्रेमानंद महाराज का जवाब

Premanand Ji Maharaj: पूर्व जन्म और कर्मफल को लेकर लोगों के मन में हमेशा सवाल उठते रहते हैं. कई इसे सच मानते हैं तो कई अंधविश्वास कहते हैं. वृंदावन के संत प्रेमानंद महाराज ने एक प्रवचन में इसी विषय पर पूछे गए सवाल का सरल भाषा में जवाब दिया, जो भक्तों को काफी प्रभावित कर गया.

By Shaurya Punj | November 27, 2025 10:30 AM

Premanand Ji Maharaj: पूर्व जन्म और कर्मफल को लेकर लोगों में हमेशा जिज्ञासा रहती है. कई लोग मानते हैं कि पिछले जन्म में किए गए कर्मों का फल इस जन्म में मिलता है, जबकि कुछ इसे पूरी तरह मिथक कहते हैं. इसी विषय पर वृंदावन के प्रसिद्ध संत प्रेमानंद महाराज ने अपने प्रवचन के दौरान एक महिला के सवाल का विस्तार से जवाब दिया. उनका जवाब सुनकर वहां बैठे लोग भी काफी प्रभावित हुए.

महिला ने पूछा— पिछले जन्म का फल इस जन्म में क्यों मिलता है?

प्रवचन के दौरान एक महिला ने प्रेमानंद महाराज से पूछा कि अगर हम कोई कर्म पिछले जन्म में करते हैं, तो उसका फल हमें इस जन्म में क्यों भुगतना पड़ता है? क्या इसका कोई नियम या कारण है?

प्रेमानंद महाराज ने दिया ऐसा जवाब

महाराज ने इस सवाल का जवाब बड़े सरल और सहज उदाहरण से दिया. उन्होंने कहा, “अगर कोई व्यक्ति आज किसी की हत्या कर दे, तो क्या उसे उसी दिन फांसी पर चढ़ा दिया जाता है? नहीं. पहले मुकदमा चलता है, जांच होती है, सुनवाई होती है. कई बार सालों-साल फैसले आने में लग जाते हैं.”

उन्होंने आगे कहा कि इसी तरह ब्रह्मांड में भी एक बहुत बड़ी न्यायालय है, जहां हर आत्मा के कर्मों का लेखा-जोखा दर्ज होता है. वहां कोई पक्षपात नहीं होता, न कोई झूठी गवाही चलती है और न ही कोई रिश्वत. भगवान की इस अदालत में सबकुछ बिल्कुल साफ-साफ लिखा रहता है. यही कारण है कि कई बार 100 जन्म पुराने पाप या कर्म का भी फल हमें बाद में मिल सकता है.

महाराज के अनुसार, “भगवान की अदालत का रजिस्टर देर से खुलता जरूर है, लेकिन जब खुलता है तो हिसाब बिल्कुल पक्का होता है.”

ये भी पढ़ें: प्रेमानंद महाराज के चमत्कारी मंत्र, जीवन में आएगा बदलाव

हमेशा अच्छे कर्म करने की सलाह

प्रेमानंद महाराज ने लोगों को समझाया कि कभी भी बुरे कर्म न करें, क्योंकि उनका फल देर-सबेर जरूर मिलेगा. भगवान के पास पूरे ब्रह्मांड का अनंत हिसाब है, इसलिए परिणाम आने में समय लगना स्वाभाविक है. उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि अच्छे कर्म करें, सत्य के मार्ग पर चलें और नियमित रूप से नाम जप करें. महाराज का मानना है कि मानव जीवन का कल्याण केवल नाम जप और सत्कर्मों से ही संभव है. यही कारण है कि बड़ी संख्या में भक्त उनके प्रवचन सुनने आते हैं और उनकी बातों को अपने जीवन में अपनाने की कोशिश करते हैं.