Navratri 2025: नवरात्रि में क्यों की जाती है मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा, जानें धार्मिक महत्व 

Navratri 2025: नवरात्रि का पर्व मां दुर्गा को समर्पित है. नवरात्रि के समय नौ दिनों तक धूमधाम से मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की आराधना की जाती है. मान्यता है कि मां दुर्गा के इन नौ स्वरूपों की विधि-विधान से नौ दिनों तक पूजा करने पर पूजा संपन्न मानी जाती है और पूर्ण फल की प्राप्ति होती है.

By Neha Kumari | September 22, 2025 3:31 PM

Navratri 2025: आज (सोमवार) से नवरात्रि के पावन पर्व की शुरुआत हो गई है. आज से नौ दिन तक घरों, मंदिरों और पंडालों में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की धूमधाम से पूजा-अर्चना की जाएगी. मां दुर्गा के प्रत्येक स्वरूप का अलग धार्मिक महत्व और मान्यता है. माना जाता है कि इन नौ दिनों तक जो भी भक्त सच्चे मन से पूजा के सभी नियमों का पालन कर विधि-विधान से पूजा करता है, तो मां दुर्गा उसकी सारी मनोकामनाएं पूरी करती हैं. नवरात्रि के पहले दिन शैलपुत्री, दूसरे दिन ब्रह्मचारिणी, तीसरे दिन मां चंद्रघंटा, चौथे दिन कूष्मांडा, पांचवें दिन स्कंदमाता, छठे दिन कात्यायनी, सातवें दिन कालरात्रि, आठवें दिन महागौरी और नौवें दिन सिद्धिदात्री की पूजा होती है.

नवरात्रि का पहला दिन – मां शैलपुत्री की आराधना का महत्व

नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा होती है. ऐसा माना जाता है कि आज के दिन उनकी पूजा करने से उनका आशीर्वाद जीवन में सदा बना रहता है. साथ ही जीवन से रोग, कष्ट और कठिनाइयां दूर होती हैं.

नवरात्रि का दूसरा दिन – माता ब्रह्मचारिणी की पूजा

नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की आराधना की जाती है. मां ब्रह्मचारिणी को ज्ञान, संयम और तपस्या की प्रतीक माना जाता है. मान्यता है कि इस दिन उनकी पूजा करने से मानसिक शांति, बुद्धि और ज्ञान की वृद्धि होती है.

तीसरा दिन – मां चंद्रघंटा की पूजा

नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा होती है. धार्मिक मान्यता के अनुसार आज के दिन विधिपूर्वक पूजा करने से जीवन में शांति आती है और दुख एवं तनाव कम होते हैं.

नवरात्रि का चौथा दिन – मां कूष्मांडा को समर्पित

शारदीय नवरात्रि का चौथा दिन मां दुर्गा के कूष्मांडा स्वरूप को समर्पित है. इस दिन मां कूष्मांडा की नियम अनुसार पूजा कर भोग अर्पित करना चाहिए. मान्यता है कि इस दिन मंत्रोच्चारण से बुद्धि, ज्ञान और सकारात्मक ऊर्जा का विकास होता है. इस दिन “ॐ हृं श्रीं कूष्मांडा देव्यै नमः” का उच्चारण करना शुभ माना जाता है.

नवरात्रि का पांचवां दिन – मां स्कंदमाता की आराधना

दुर्गा पूजा व नवरात्रि के पांचवें दिन मां स्कंदमाता की पूजा होती है. मान्यता है कि मां की कृपा से धन से जुड़ी समस्या दूर होती है, घर में लक्ष्मी आती है और आर्थिक समृद्धि बढ़ती है. इस दिन “ॐ हृं श्रीं स्कंदमाता देव्यै नमः” मंत्र का जाप करना शुभ माना गया है.

छठा दिन – मां कात्यायनी की पूजा

नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा की जाती है. माना जाता है कि उनके आशीर्वाद से सुंदरता, शक्ति और शीघ्र विवाह का वर प्राप्त होता है.

सातवां दिन – मां कालरात्रि की पूजा का महत्व

नवरात्रि के सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा होती है. धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन उनकी आराधना करने से भय दूर होता है और साहस एवं आत्मविश्वास में वृद्धि होती है. इस दिन “ॐ हृं श्रीं कालरात्रि देव्यै नमः” मंत्र का जाप करना शुभ होता है.

आठवां दिन – माता महागौरी

शारदीय नवरात्रि के आठवें दिन यानी अष्टमी को मां महागौरी की आराधना की जाती है. हिंदू धर्म में नवरात्रि की अष्टमी तिथि का खास महत्व है. मां महागौरी के आशीर्वाद से संतान-संबंधी परेशानियां और जीवन की कठिनाइयाँ दूर होती हैं.

नवरात्रि का नवां दिन – सिद्धिदात्री की आराधना

नवरात्रि के अंतिम दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा होती है. मान्यता है कि इनकी आराधना से जीवन के भय, चिंता और बाधाओं से मुक्ति मिलती है तथा आत्मशक्ति और सफलता की प्राप्ति होती है. इस दिन “ॐ हृं श्रीं सिद्धिदात्री देव्यै नमः” मंत्र का उच्चारण करना चाहिए.

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