Navratri 2021 Maa Kalaratri Puja: नवरात्रि के सातवें दिन आज मां कालरात्रि की होगी पूजा, होगा दुखों का अंत

Navratri 2021 Maa Kalaratri Puja: 12 अक्टूबर 2021 को नवरात्रि का सांतवां दिन है. इस दिन मां दुर्गा के कालरात्रि स्वरूप की पूजा की जाती है.कृष्ण वर्ण के कारण ही इन्हें कालरात्रि कहा जाता है. पौराणिक कथा के अनुसार असुरों के राजा रक्तबीज का संहार करने के लिए दुर्गा मां ने मां कालरात्रि का रूप लिया था.

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 12, 2021 5:14 AM

आज यानी 12 अक्टूबर 2021 को नवरात्रि का सांतवां दिन है. इस दिन मां दुर्गा के कालरात्रि स्वरूप की पूजा की जाती है. माता के इस स्वरूप की पूजा करने से सभी तरह के पापो से मुक्ति मिलने के साथ व्यक्ति के शत्रुओं का नाश भी हो जाता है. नवरात्रि के सातवें दिन मां का स्मरण करने मात्र से ही नकारात्मक शक्तियों का नाश हो जाता है.

मां कालरात्रि की पूजा का महत्व
मां कालरात्रि की पूजा जीवन में आने वाले संकटों से रक्षा करती हैं. मां कालरात्रि शत्रु और दुष्टों का संहार करती हैं. मां कालरात्रि की पूजा करने से तनाव, अज्ञात भय और बुरी शक्तिओं दूर होता है. मां कालरात्रि का रंग कृष्ण वर्ण है. कृष्ण वर्ण के कारण ही इन्हें कालरात्रि कहा जाता है. मां कालरात्रि की 4 भुजाएं हैं. पौराणिक कथा के अनुसार असुरों के राजा रक्तबीज का संहार करने के लिए दुर्गा मां ने मां कालरात्रि का रूप लिया था.

मां कालरात्रि की कथा

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार एक बार चण्ड-मुंड और रक्तबीज नाम राक्षसों ने भूलोक पर हाहाकार मचा दिया था तब देवी दुर्गा ने चण्ड – मुंड का संहार किया परन्तु जैसे ही उन्होंने रक्तबीज का संहार किया तब उसका रक्त जमीन पर गिरते ही हज़ारों रक्तबीज उतपन्न हो गए. तब रक्तबीज के आतंक को समाप्त करने हेतु मां दुर्गा ने लिया था मां कालरात्रि का स्वरुप. मां कालरात्रि काल की देवी हैं. मां दुर्गा यह स्वरुप बहुत ही डरावना है.

मां कालरात्रि की पूजा विधि

सप्तमी की सुबह स्नान करने के बाद पूजा आरंभ करनी चाहिए. मां कालरात्रि की पूजा में नियम और अनुशासन का विशेष पालन करना चाहिए. मां कालरात्रि की पूजा भी उसी प्रकार से होती है जिस प्रकार से अन्य देवियों की पूजा की जाती है. मां कालरात्रि की पूजा में मिष्ठान, पंच मेवा, पांच प्रकार के फल,अक्षत, धूप, गंध, पुष्प और गुड़ नैवेद्य आदि का अर्पण किया जाता है. इस दिन गुड़ का विशेष महत्व बताया गया है. मां कालरात्रि को लाल रंग प्रिय है.

मां कालरात्रि मंत्र:

– ऊं ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै ऊं कालरात्रि दैव्ये नम: .

इस पूजा से होगा विशेष लाभ

माता काली एवं कालरात्रि को गुड़हल का फूल बहुत पसंद है.इन्हें 108 लाल गुड़हल का फूल अर्पित करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है.

Posted By: Shaurya Punj

Next Article

Exit mobile version