Nag Panchami 2023: नाग पंचमी पूजा आज, नोट कर लें पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और सामग्री की पूरी लिस्ट

Nag Panchami 2023: हर साल श्रावण शुक्ल पंचमी तिथि को नागों की पूजा का पर्व नागपंचमी मनाया जाता है. इस दिन नागों की पूजा की जाती है. इसके साथ ही उनको दूध भी अर्पित किया जाता है. नागों की पूजा करके आध्यात्मिक शक्ति, सिद्धियां प्राप्त की जा सकती है.

By Radheshyam Kushwaha | August 21, 2023 7:36 AM

Nag Panchami 2023: नाग को देव स्वरूप माना गया है. नाग पंचमी का त्योहार श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी को मनाया जाता है. इस बार नाग पंचमी 21 अगस्त 2023 आज है. ज्योतिषचार्य पं. अम्बरीश मिश्र ने बताया कि पंचमी तिथि 20 अगस्त को रात 12 बजकर 23 मिनट से 21 की रात में 2 बजकर 01 मिनट पर समाप्त होगी. नाग पंचमी पूजा मुहूर्त 21 अगस्त की सुबह 5 बजकर 53 मिनट से सुबह 8 बजकर 30 मिनट तक रहेगा.

नाग देवता की पूजा

नाग पंचमी का त्योहार बड़ी धूमधाम से मानाया जाता है. इस दिन नाग पंचमी पर नाग देवता की पूजा होती है. पौराणिक हिंदू ग्रंथों में वर्णित वासुकि, अनंत, पद्म, महापद्म, तक्षक, कुलीर, कर्कट और शंख की पूजा की जाती है. नाग पंचमी के दिन नाग देव की पूजा से सांपों का भय दूर होता है. कुंडली में कालसर्प दोष वाले लोगों को इस पूजा से राहत मिलती है. नागों को दूध से अभिषेक करने से दैवीय कृपाएं प्राप्त हो सकती हैं

नाग पंचमी की पूजन विधि

ज्योतिषचार्य पं. अम्बरीश मिश्र ने बताया कि पंचमी से एक दिन पहले यानी चतुर्थी के दिन एक बार भोजन करें. पंचमी के दिन उपवास रखें. पंचमी के दिन व्रत रखें और समापन के बाद ही भोजन ग्रहण करें. नाग पंचमी की पूजा के लिए चौकी पर नाग देवता का चित्र अंकित करें या मिट्टी से नाग देव की प्रतिमा बनाएं. पूजा करने के लिए नाग चित्र या मिट्टी की सर्प मूर्ति को लकड़ी की चौकी पर स्थापित करें. नाग देव पर हल्दी, दूध, सिंदूर, अक्षत और पुष्प चढ़ाएं. कच्चे दूध में घी और चीनी मिलाकर नाग देव का अभिषेक करें. पूजा के बाद नागदेव की कथा सुनें और सर्प देवता की आरती करें.

Also Read: Nag Panchami 2023: नागपंचमी के दिन इन नाग देवताओं को चढ़ाएं दूध-लावा, काल सर्प दोष से मिलेगी मुक्ति
नाग पंचमी के दिन क्या करें

  • नागपंचमी के दिन व्रत रखें. व्रत रखने से व्यक्ति को कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है.

  • इसके अलावा इस दिन नाग देवताओं की पूजा के बाद नागपंचमी के मंत्रों का जाप करें.

  • कुंडली में राहु और केतु की दशा चल रही है, उन्हें भी नाग देवता की पूजा करनी चाहिए.

  • इस उपाय से राहु केतु दोष से मुक्ति मिलेगी.

  • इस दिन शिवलिंग पर पीतल के लोटे से ही जल चढ़ाएं.

नाग पंचमी पूजा सामग्री

नाग देवता की प्रतिमा या फोटो, दूध, पुष्प, पंच फल पंच मेवा, रत्न, सोना, चांदी, दक्षिणा, पूजा के बर्तन, कुशासन, दही, शुद्ध देशी घी, शहद, गंगा जल, पवित्र जल, पंच रस, इत्र, गंध रोली, मौली जनेऊ, पंच मिष्ठान्न, बिल्वपत्र, धतूरा, भांग, बेर, आम्र मंजरी, जौ की बालें, तुलसी दल, मंदार पुष्प, गाय का कच्चा दूध, ईख का रस, कपूर, धूप, दीप, रूई, मलयागिरी, चंदन, शिव व मां पार्वती की श्रृंगार की सामग्री आदि.

नागपंचमी का महत्व

हिन्दू धर्म में सर्पों को पौराणिक काल से ही देवता के रूप में पूजा जाता रहा है. इसलिए नाग पंचमी के दिन नाग पूजन का अत्यधिक महत्व है. माना जाता है कि नाग पंचमी के दिन नागों की पूजा करने वाले व्यक्ति को सांप के डसने का भय नहीं होता. इस दिन सर्पों को दूध से स्नान, पूजन और दूध से पिलाने से अक्षय-पुण्य की प्राप्ति होती है. इस दिन घर के प्रवेश द्वार पर नाग चित्र बनाने की भी परम्परा है.

Also Read: Nag Panchami 2023: नाग पंचमी पर शेषनाग के अलावा इन नाग देवताओं की भी होती है पूजा, जानें धार्मिक मान्यताएं
नाग पंचमी से जुड़ी मान्यताएं

ज्योतिषाचार्य ने बताया कि भगवान कृष्ण और नाग कालिया से जुड़ी है. जहां कृष्ण यमुना नदी पर कालिया से लड़ते हैं और अंत में मनुष्यों को दोबारा परेशान नहीं करने के वादे के साथ कालिया को माफ कर देते हैं. गरुड़ पुराण के अनुसार नागपंचमी पर नागों की पूजा करने से भक्त को सौभाग्य और समृद्धि की प्राप्ति होती है.

कालसर्प दोष दूर करने के उपाय

ज्योतिष के अनुसार जिन लोगों की जन्म कुण्डली में कालसर्प दोष, सर्प श्राप के द्वारा कष्ट प्राप्त हो रहा हो. उन्हें चाहिए की भगवान शिव की पूजा के साथ-साथ सर्प देवता की आराधना करना चाहिए. इसके साथ ही भगवान शिव का रुद्राभिषेक करना चाहिए.

Also Read: Nag Panchami 2023: अगर कुंडली में कालसर्प दोष हो तो नागपंचमी के दिन जरुर करें ये उपाए, मिलेगी मुक्ति
नाप पंचमी आरती (Nag Panchami 2022 Aarti)

श्रीनागदेव आरती पंचमी की कीजै ।

तन मन धन सब अर्पण कीजै ।

नेत्र लाल भिरकुटी विशाला ।

चले बिन पैर सुने बिन काना ।

उनको अपना सर्वस्व दीजे।।

पाताल लोक में तेरा वासा ।

शंकर विघन विनायक नासा ।

भगतों का सर्व कष्ट हर लिजै।।

शीश मणि मुख विषम ज्वाला ।

दुष्ट जनों का करे निवाला ।

भगत तेरो अमृत रस पिजे।।

वेद पुराण सब महिमा गावें ।

नारद शारद शीश निवावें ।

सावल सा से वर तुम दीजे।।

नोंवी के दिन ज्योत जगावे ।

खीर चूरमे का भोग लगावे ।

रामनिवास तन मन धन सब अर्पण कीजै ।

आरती श्री नागदेव जी कीजै ।।

Next Article

Exit mobile version