Mokshada Ekadashi 2025: इस दिन है मोक्षदा एकादशी, यहां से जान लें व्रत के नियम

Mokshada Ekadashi 2025: मोक्षदा एकादशी भगवान विष्णु को समर्पित पावन तिथि है, जिसे गीता जयंती के रूप में भी मनाया जाता है. माना जाता है कि इस दिन व्रत रखने से पापों से मुक्ति और मोक्ष की प्राप्ति होती है. 1 दिसंबर 2025 को आने वाली इस एकादशी के खास नियमों का पालन करना अत्यंत शुभ माना गया है.

By Shaurya Punj | November 19, 2025 10:43 AM

Mokshada Ekadashi 2025: मोक्षदा एकादशी मार्गशीर्ष महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी को कहते हैं. यह एक बहुत पवित्र तिथि मानी जाती है और भगवान विष्णु को समर्पित होती है. माना जाता है कि इसी दिन कुरुक्षेत्र के युद्ध मैदान में भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को श्रीमद्भगवद्गीता का ज्ञान दिया था. इसी वजह से इस दिन को गीता जयंती भी मनाया जाता है.

किस दिन मनाई जाएगी मोक्षदा एकादशी

पंचांग के अनुसार इस साल यह व्रत 1 दिसंबर 2025 को रखा जाएगा. मान्यता है कि मोक्षदा एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति को पापों से मुक्ति और मोक्ष का मार्ग मिलता है.

मोक्षदा एकादशी 2025 की तिथि इस प्रकार है—

  • इस दिन एकादशी तिथि की शुरुआत 30 नवंबर 2025 को रात 9 बजकर 29 मिनट पर होगी.
  • वहीं एकादशी तिथि समाप्त 1 दिसंबर 2025 को शाम 7 बजकर 01 मिनट पर होगी.
  • मोक्षदा एकादशी का व्रत 1 दिसंबर, 2025 सोमवार को रखा जाएगा.
  • मोक्षदा एकादशी व्रत का पारण 2 दिसंबर को किया जाएगा.

मोक्षदा एकादशी व्रत के नियम

  • व्रत से एक दिन पहले यानी दशमी तिथि पर सात्विक भोजन करें. इस दिन चावल, जौ और भारी अन्न नहीं खाना चाहिए.
  • एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठें और स्नान करके शुद्ध होकर पूजा की तैयारी करें.
  • भगवान विष्णु और श्री कृष्ण की पूजा करें और व्रत का संकल्प लें.
  • “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का 108 बार जाप करना बहुत शुभ माना जाता है.
  • क्योंकि यह दिन गीता जयंती भी है, इसलिए कोशिश करें कि श्रीमद्भगवद्गीता का पाठ जरूर करें, भले थोड़ा ही क्यों न पढ़ें.
  • यदि संभव हो तो दिन या रात में भजन-कीर्तन करें और अपना मन भगवान की भक्ति में लगाएं.

व्रत पारण के नियम

  • व्रत का पारण द्वादशी के दिन सूर्योदय के बाद ही किया जाता है.
  • पारण से पहले किसी ब्राह्मण, साधु या जरूरतमंद व्यक्ति को भोजन कराएं और दान दें.
  • दान और भोजन कराने के बाद ही स्वयं अन्न ग्रहण करें.
  • ध्यान रखें कि पारण द्वादशी तिथि खत्म होने से पहले करना जरूरी माना जाता है.

मोक्षदा एकादशी के फायदे

मोक्षदा एकादशी का व्रत बहुत शुभ माना जाता है. मान्यता है कि इस व्रत को करने से घर में सुख-शांति और समृद्धि बढ़ती है. कहा जाता है कि इससे पितरों को मोक्ष मिलता है और संतान प्राप्ति का आशीर्वाद भी मिलता है. मोक्षदा एकादशी का व्रत रखने से व्यक्ति के पाप दूर होते हैं और जीवन में खुशियां आती हैं.

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