Mokshada Ekadashi 2025: दिसंबर के पहले ही दिन मोक्षदा एकादशी के साथ मनाया जाएगा ये शुभ दिन, बन रहे दुर्लभ शुभ योग

Mokshada Ekadashi 2025: मार्गशीर्ष मास का सबसे पावन दिन—मोक्षदा एकादशी और गीता जयंती—इस वर्ष एक ही तिथि पर पड़ रहे हैं. यह दिन भगवान विष्णु और श्रीकृष्ण की उपासना का श्रेष्ठ अवसर माना गया है. मान्यता है कि इस व्रत और पूजा से पापों का क्षय होता है और आत्मा को मोक्ष का मार्ग मिलता है.

By Shaurya Punj | November 22, 2025 11:25 AM

Mokshada Ekadashi 2025 and Geeta Jayanti: मार्गशीर्ष महीने में पड़ने वाली मोक्षदा एकादशी और गीता जयंती हिंदू धर्म के सबसे शुभ और पुण्यदायी पर्वों में गिनी जाती हैं. पौराणिक मान्यता अनुसार, इसी पावन दिन द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण ने कुरुक्षेत्र में अर्जुन को धर्म, कर्म और मोक्ष का दिव्य ज्ञान प्रदान किया था, जो बाद में श्रीमद्भगवद्गीता के रूप में अमर हुआ.

कब है मोक्षदा एकादशी और गीता जयंती?

पंचांग के मुताबिक अगहन शुक्ल पक्ष की एकादशी 30 नवंबर 2025 की रात 9:29 बजे शुरू होकर 1 दिसंबर 2025 शाम 7:01 बजे समाप्त होगी. इसलिए दोनों पर्व सोमवार, 1 दिसंबर 2025 को मनाए जाएंगे.

दो विशेष योगों के साथ बढ़ेगा शुभफल

इस वर्ष गीता जयंती पर दो अत्यंत शुभ योग बन रहे हैं—

शिववस योग

इस योग में कृष्ण उपासना करने से मनोकामनाएं पूर्ण होने का विशेष फल मिलता है.

अभिजीत मुहूर्त

दिन का सर्वश्रेष्ठ और सिद्ध मुहूर्त. इस समय की गई पूजा का पुण्य कई गुना बढ़ जाता है. इन दोनों प्रभावी योगों से इस बार की गीता जयंती आध्यात्मिक उन्नति और पुण्य संचय के लिए बेहद अनुकूल है.

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इस दिन कैसे करें श्रीकृष्ण की पूजा?

  • श्रीकृष्ण की मूर्ति या तस्वीर को धोकर पुष्प और वस्त्रों से सजाएं.
  • दीपक जलाकर धूप-दीप से आरती करें.
  • तुलसी दल, पीले पुष्प और पीली मिठाई चढ़ाएं.
  • श्रीमद्भगवद्गीता का संपूर्ण पाठ करें या कम से कम एक अध्याय का श्रवण अवश्य करें.
  • दान-पुण्य, गौसेवा और जरूरतमंदों की सहायता करें.

मोक्षदा एकादशी का महत्व

यह एकादशी मोक्ष प्राप्ति और पापों से मुक्ति का मार्ग बताती है. मान्यता है कि व्रत रखने से पूर्वजों को शांति मिलती है, घर में सुख-समृद्धि बढ़ती है और व्यक्ति की आत्मा आध्यात्मिक रूप से आगे बढ़ती है. यह दिन आत्मशुद्धि, संयम और दिव्य कृपा का अद्भुत संयोग माना जाता है.

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ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ
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