Margashirsha Purnima Puja Vidhi: 4 दिसंबर को है मार्गशीर्ष पूर्णिमा, ऐसे करें भगवान नारायण की पूजा, बदल सकती है किस्मत
Margashirsha Purnima: कल यानी गुरुवार को मार्गशीर्ष पूर्णिमा है. इस दिन भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी और चंद्र देव की पूजा करने से मन को शांति मिलती है. इसके साथ ही घर से नकारात्मकता दूर होती है, मानसिक तनाव कम होता है और खुशहाली आती है. ऐसे में आपके लिए पूजा की विधि जानना बेहद ज़रूरी है.
Margashirsha Purnima Puja Vidhi: 4 दिसंबर को इस साल की आखिरी पूर्णिमा यानी मार्गशीर्ष पूर्णिमा पड़ रही है. इस दिन भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी और चंद्र देव की पूजा की जाती है. इस दिन पूजा-पाठ के साथ व्रत रखने का विशेष महत्व है. कहा जाता है कि जो भी भक्त सच्चे मन से यह पूजा और व्रत करता है, उस पर भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी और चंद्र देव की कृपा बनी रहती है.
मार्गशीर्ष पूर्णिमा की पूजा शुरू करने से पहले क्या करें?
ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करें – मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन सुबह जल्दी उठकर ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करें.
स्वच्छ वस्त्र पहनें – स्नान के बाद स्वच्छ कपड़े पहनें. इस दिन सफेद और पीले रंग के कपड़े पहनना बेहद शुभ माना जाता है.
पूजा स्थल की सफाई – स्वच्छ वस्त्र पहनने के बाद पूजा स्थल की अच्छी तरह सफाई करें.
गंगाजल का छिड़काव – पूजा स्थल में गंगाजल का छिड़काव करें और उसके बाद फूलों से सजाएँ.
मार्गशीर्ष पूर्णिमा की पूजा कैसे करें?
मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन सबसे पहले हाथों में जल लेकर भगवान नारायण का नाम जपते हुए व्रत और पूजा का संकल्प लें. इसके बाद भगवान नारायण और माता लक्ष्मी को धूप, अगरबत्ती, रोली, चंदन, फल, फूल, मिठाइयां और पीले रंग का वस्त्र अर्पित करें.फिर भोग लगाएँ और भगवान नारायण के मंत्रों का जाप करें. इसके बाद आरती करके पूजा पूर्ण करें.शाम के समय एक बार फिर भगवान नारायण की पूजा करें और उसके बाद चंद्रमा को अर्घ्य दें.
चंद्रमा को अर्घ्य कैसे दें?
चंद्रमा को अर्घ्य देने के लिए एक लौटा लें. चांदी या तांबे का लौटा उत्तम माना जाता है. लौटे में चावल, दूर्वा, फूल और जल डालें. इसके बाद चंद्रमा के मंत्रों का जाप करते हुए अर्घ्य अर्पित करें.
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