Margashirsha Amavasya 2025: मार्गशीर्ष अमावस्या पर ऐसे करें श्री विष्णु की पूजा
Margashirsha Amavasya 2025: मार्गशीर्ष अमावस्या पर भगवान विष्णु की पूजा बेहद शुभ मानी जाती है. इस दिन किया गया स्नान, दान और विष्णु पूजा जीवन में सुख-समृद्धि और पितरों का आशीर्वाद लाती है. सरल विधि के साथ की गई भक्ति आपके घर में शांति, सौभाग्य और सकारात्मक ऊर्जा बढ़ाती है.
Margashirsha Amavasya 2025: उदया तिथि के अनुसार 20 नवंबर को अमावस्या मनाई जा रही है. हिंदू परंपरा में इस तिथि का बहुत खास महत्व है. माना जाता है कि इस दिन स्नान, दान और पितरों के लिए तर्पण करने से अपार पुण्य मिलता है. हर महीने आने वाली अमावस्या को शुभ माना जाता है और लोग बड़ी संख्या में गंगा समेत पवित्र नदियों में डुबकी लगाकर पुण्य अर्जित करते हैं. स्नान के बाद भगवान शिव का अभिषेक और भगवान विष्णु की पूजा करने की परंपरा भी रही है. गरुड़ पुराण में बताया गया है कि अमावस्या पर तर्पण करने से पितरों को मोक्ष मिलता है और परिवार पर उनकी कृपा बनी रहती है.
मार्गशीर्ष अमावस्या पूजा के शुभ मुहूर्त
आज अमावस्या पर पूजा और दान के लिए कई शुभ समय बताए गए हैं:
- ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 05:01 – 05:54
- प्रातः संध्या: सुबह 05:28 – 06:48
- अभिजित मुहूर्त: दोपहर 11:45 – 12:28
- विजय मुहूर्त: दोपहर 01:53 – 02:35
- गोधूलि मुहूर्त: शाम 05:26 – 05:52
- सायाह्न संध्या: शाम 05:26 – 06:46
- अमृत काल: 21 नवंबर, रात 02:15 – 04:03
- निशिता मुहूर्त: 21 नवंबर, रात 11:40 – 12:34
- सर्वार्थ सिद्धि योग: 20 नवंबर सुबह 10:58 से 21 नवंबर सुबह 06:49 तक
मार्गशीर्ष अमावस्या पर जानें श्री विष्णु की पूजा-विधि
- अमावस्या पर पूजा करना बिल्कुल आसान है. आप इस तरह पूजा कर सकते हैं:
- सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और मंदिर या पूजा स्थान साफ करें.
- सबसे पहले भगवान गणेश की पूजा करें और उन्हें प्रणाम करें.
- फिर भगवान विष्णु का पंचामृत और गंगाजल से अभिषेक करें.
- दीपक में घी डालकर उसे प्रज्वलित करें.
- अब श्रद्धा के साथ विष्णु चालीसा का पाठ करें.
- इसके बाद विष्णु भगवान की आरती करें.
- तुलसी दल और मिठाई या फल का भोग लगाएं.
- अंत में भगवान से क्षमा प्रार्थना करें और कृतज्ञता व्यक्त करें.
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