Mahalakshmi Vrat 2025: महालक्ष्मी व्रत कब से, जानिए तिथियां, महत्व और पूजा विधि

Mahalakshmi Vrat 2025: महालक्ष्मी व्रत 2025 हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण व्रत है, जो मां लक्ष्मी को समर्पित है. इसे श्रद्धा और भक्ति के साथ करने से घर में धन, सुख-शांति और समृद्धि आती है. यह व्रत 31 अगस्त से 14 सितंबर तक रहेगा. जानें तिथियां, महत्व और पूजा विधि.

By Shaurya Punj | August 21, 2025 2:41 PM

Mahalakshmi Vrat 2025: हिंदू धर्म में महालक्ष्मी व्रत का विशेष महत्व है. यह व्रत मां लक्ष्मी को समर्पित होता है और इसे श्रद्धा और भक्ति के साथ करने पर घर में सुख-समृद्धि, धन और सौभाग्य की वृद्धि होती है. यह व्रत भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की अष्टमी से शुरू होकर आश्विन महीने की कृष्ण पक्ष अष्टमी तक चलता है.

इस साल महालक्ष्मी व्रत 2025 31 अगस्त, रविवार से शुरू होकर 14 सितंबर, रविवार को समाप्त होगा. व्रत के दौरान विशेष पूजा विधि और नियमों का पालन करना आवश्यक है.

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महालक्ष्मी व्रत 2025 की प्रमुख तिथियां

  • व्रत की शुरुआत: 30 अगस्त की रात 10:46 बजे (शुक्ल पक्ष अष्टमी)
  • पहला दिन चंद्र उदय: 31 अगस्त दोपहर 1:11 बजे
  • व्रत का समापन: 14 सितंबर 2025 (कृष्ण पक्ष अष्टमी)

महालक्ष्मी व्रत पूजा विधि और नियम

  • घर और पूजा स्थल की पवित्रता: घर या मंदिर की जगह को साफ करें और गंगाजल से पवित्र बनाएं.
  • माँ लक्ष्मी की स्थापना: लाल या पीले कपड़े पर माँ लक्ष्मी की प्रतिमा या चित्र रखें.
  • स्नान और अर्पण: प्रतिमा को गंगाजल या पंचामृत से स्नान कराएं, फिर फूल, फल और मिठाई अर्पित करें.
  • कलश स्थापना: जल से भरे कलश में सुपारी, हल्दी, चावल और नारियल रखें. इसे कपड़े से ढककर सजाएं.
  • मंत्र जाप: मां लक्ष्मी के मंत्रों का जप करें और उनकी भक्ति में मन लगाएं.

महालक्ष्मी व्रत करने का विकल्प

यदि कोई भक्त पूरे 15 दिन व्रत नहीं रख सकता, तो केवल पहले तीन दिन या आखिरी तीन दिन भी यह व्रत कर सकता है. इससे व्यस्त जीवन में भी भक्त मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त कर सकते हैं.

महालक्ष्मी व्रत का महत्व

महालक्ष्मी व्रत केवल पूजा-पाठ तक सीमित नहीं, बल्कि यह भक्ति और विश्वास का प्रतीक है. ऐसा माना जाता है कि इस व्रत को करने से आर्थिक परेशानियां दूर होती हैं, जीवन में समृद्धि आती है और घर-परिवार में सुख-शांति और धन की बरकत बनी रहती है.

ज्योतिष और व्रत संबंधी जानकारी:
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ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष, वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ
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