Karwa Chauth 2025: करवा चौथ पर चंद्रमा को अर्घ्य देने की सही विधि, यहां देखें

Karwa Chauth: करवा चौथ के दिन माता करवा की पूजा के बाद रात के समय चंद्रमा को अर्घ्य दिया जाता है, जिसके बाद महिलाएं व्रत खोलती हैं. चंद्रमा को अर्घ्य दिए बिना पूजा सफल नहीं मानी जाती. चलिए जानते हैं कि करवा चौथ के दिन चंद्रमा को अर्घ्य कैसे देना चाहिए और अर्घ्य देते समय क्या बोलना चाहिए.

By Neha Kumari | October 9, 2025 2:53 PM

Karwa Chauth 2025: करवा चौथ इस वर्ष कल यानी 10 अक्टूबर 2025 को पड़ रहा है. इस दिन सुहागिन महिलाएं निर्जला व्रत रखकर माता करवा से अपने पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं. व्रत की शुरुआत सूर्योदय के साथ होती है और इसका समापन रात में चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद व्रत के पारण के साथ किया जाता है. करवा चौथ की पूजा में चंद्रमा को अर्घ्य देने का विशेष महत्व होता है. इसके बिना पूजा अधूरी मानी जाती है. इसलिए जरूरी है कि पूरे विधि-विधान और नियमों का पालन करते हुए चंद्रमा को अर्घ्य दिया जाए.इस दौरान कुछ विशेष मंत्रों का उच्चारण करना अत्यंत फलदायक माना जाता है. चलिए जानते हैं चंद्रमा को अर्घ्य देने की विधि और मंत्रों के बारे में विस्तार से.

करवा चौथ पर कैसे दें चंद्रमा को अर्घ्य?

करवा चौथ वाले दिन माता की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करने और कथा सुनने के बाद, जब चंद्रमा का उदय हो जाए, तो पूजा की थाली हाथ में लेकर चंद्र दर्शन के लिए जाएं.इस दिन कलश में चांदी का सिक्का डालें और हाथों में अक्षत लेकर चंद्रमा को अर्घ्य दें.

चंद्रमा को अर्घ्य देते समय क्या बोलें?

चंद्रमा को अर्ध्य देते समय चंद्रमा मंत्र और स्तुति का जाप करना शुभ होता है. इसके अलावा आप अर्घ्य देते समय पति का नाम लेते हुए माता करवा और चंद्रमा से प्रार्थना करें कि उनके जीवन से सभी रोग, दुःख और संकट दूर हो जाएं.

चंद्रमा मंत्र:

ॐ श्रां श्रीं श्रौं सः चन्द्रमसे नमः.
ॐ श्रीं श्रीं चन्द्रमसे नमः.

चंद्रमा स्तुति:

ऊँ दधि-शंख-तुषाराभं क्षीरोदार्णव-सम्भवम्.
नमामि शशिनं सोमं शंभोर्मुकुट-भूषणम्॥

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