First Wedding Invitation: शादी का पहला कार्ड किसे दें? जानें परंपरा और धार्मिक मान्यता
First Wedding Invitation: वर्तमान समय में जो भी लोग विवाह की तैयारियों में व्यस्त हैं. क्या आप जानते हैं कि शादी का पहला निमंत्रण किसे दिया जाता है? आइए, इसके बारे में सभी जानकारी प्राप्त करें.
First Wedding Invitation: हिंदू परंपरा में विवाह केवल दो व्यक्तियों का संगम नहीं है, बल्कि यह एक पवित्र संबंध है, जिसे देवताओं, पूर्वजों और परिवार के वरिष्ठ सदस्यों द्वारा आशीर्वादित किया जाता है. विवाह का निमंत्रण देना भी एक विशेष क्रम में किया जाता है, जिसे धार्मिक दृष्टिकोण से शुभ माना जाता है. यह प्रक्रिया न केवल पारिवारिक संबंधों को सुदृढ़ करती है, बल्कि देवताओं से आशीर्वाद प्राप्त करने का एक साधन भी है.
प्रथम निमंत्रण भगवान गणेश को
शादी का पहला निमंत्रण भगवान गणेश को दिया जाता है. गणेश जी को विघ्नहर्ता (विघ्नों को दूर करने वाला) माना जाता है. उनके आशीर्वाद से शादी के सभी आयोजन बिना किसी रुकावट के संपन्न होते हैं. गणेश जी की पूजा से शुभ शुरुआत और सुखमय जीवन की कामना होती है.
राहु-केतु का गोचर ला सकता है उलझनें, इन राशियों को रहना होगा संभलकर
भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी
दूसरा निमंत्रण भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी को भेजा जाता है. विष्णु जी को पालनहार और लक्ष्मी जी को समृद्धि की देवी माना जाता है. इन दोनों के आशीर्वाद से जीवन में समृद्धि और स्थिरता आती है, जो एक सुखी वैवाहिक जीवन के लिए आवश्यक हैं.
हनुमान जी
तीसरा निमंत्रण भगवान हनुमान को दिया जाता है. हनुमान जी की भक्ति, साहस और निडरता की गुणों को अपने जीवन में उतारने के लिए उनके आशीर्वाद की आवश्यकता होती है. उनका आशीर्वाद एक मजबूत और समर्पित जीवन के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है.
कुलदेवता और कुलदेवी
हर हिंदू परिवार का अपना कुलदेवता या कुलदेवी होता है, जो परिवार की रक्षा करता है.शादी के निमंत्रण में उनके नाम का उल्लेख करना परिवार के आस्था और कृतज्ञता का प्रतीक है। यह एक तरह से पूर्वजों के आशीर्वाद को प्राप्त करने का तरीका है.
पूर्वजों का आशीर्वाद
हिंदू परंपरा में पूर्वजों का आशीर्वाद लेना भी अत्यंत महत्वपूर्ण है.यह विवाह दोनों परिवारों के लिए एकता का प्रतीक है.पेड़ के नीचे निमंत्रण रखना या अन्य पारंपरिक तरीकों से पूर्वजों का सम्मान करना इस आशीर्वाद को प्राप्त करने का एक तरीका है.
मामा का निमंत्रण
भारत के कई हिस्सों में मामा का विशेष स्थान होता है, खासकर उत्तर और मध्य भारत में.मामा को शादी का निमंत्रण देना एक पारंपरिक रस्म है. यह सम्मान दिखाने के साथ-साथ, परिवार की पारंपरिक भूमिका को भी दर्शाता है. मामा को यह निमंत्रण खास तौर से व्यक्तिगत रूप से दिया जाता है और बदले में उन्हें उपहार भी दिए जाते हैं.
शादी का निमंत्रण देना सिर्फ एक रस्म नहीं है, बल्कि यह एक पवित्र प्रक्रिया है, जिसमें हम अपने देवताओं और पूर्वजों से आशीर्वाद प्राप्त करते हैं. यह हर कदम को सही दिशा में ले जाने के लिए एक आस्था का प्रतीक है.
जन्मकुंडली, वास्तु, तथा व्रत त्यौहार से सम्बंधित किसी भी तरह से जानकारी प्राप्त करने हेतु दिए गए नंबर पर फोन करके जानकारी प्राप्त कर सकते हैं.
ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ
8080426594/9545290847
