Epilepsy Medical Astrology: कुंडली में ऐसे दिखता है मिर्गी का योग, जानें ज्योतिषीय संकेत

Epilepsy Astrology: ज्योतिष शास्त्र में मिर्गी (Epilepsy) को अशुभ ग्रहों की संयुक्त स्थिति और कमजोर मानसिक ग्रहों के प्रभाव से जुड़ा माना गया है. चिकित्सा ज्योतिष (Medical Astrology) के अनुसार विशेष ग्रहयोग मस्तिष्क पर नकारात्मक असर डालते हैं, जिससे रोग की संभावना बढ़ जाती है. जानें, ज्योतिष में मिर्गी कैसे देखी जाती है और क्या उपाय बताए गए हैं.

By Shaurya Punj | November 24, 2025 2:08 PM

Epilepsy Medical Astrology: चिकित्सा ज्योतिष में मिर्गी को अशुभ ग्रहों की स्थिति और मस्तिष्क को प्रभावित करने वाले ग्रहों की कमजोरी से जुड़ा माना जाता है. अशुभ ग्रहों का प्रभाव बढ़ने पर व्यक्ति के जीवन में रोगों का खतरा बढ़ जाता है. यह बीमारी अक्सर अचानक शुरू होती है और सही समय पर इलाज न होने पर गंभीर रूप ले सकती है.

छठा और बारहवां भाव बताते हैं रोग का संकेत

ज्योतिष शास्त्र में जन्मकुंडली के छठे भाव को रोग भाव कहा गया है, जबकि बारहवां भाव अस्पताल, मानसिक परेशानियों और बाधाओं से जुड़ा माना जाता है. इन भावों में अशुभ ग्रहों का असर, ग्रहों का कमजोर होना या कष्टकारी दृष्टियां मिर्गी जैसी बीमारी की संभावनाएं बढ़ा देती हैं.

क्या होता है मिर्गी रोग?

मिर्गी एक न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर है जिसमें मस्तिष्क की विद्युत गतिविधि असामान्य हो जाती है. इसके कारण व्यक्ति को अचानक दौरा पड़ता है. यह बीमारी तब होती है जब मस्तिष्क संदेश पहुंचाने वाली नसों का संचार बाधित हो जाता है. कई मामलों में दौरा इतना तेज होता है कि व्यक्ति बेहोश हो जाता है या खुद को चोट पहुंचा सकता है.

ग्रहयोग जो मिर्गी का संकेत देते हैं

ज्योतिष मत के अनुसार, कमजोर अग्नि लग्न (मेष, सिंह, धनु) वाले जातकों को मिर्गी का खतरा ज्यादा रहता है. मस्तिष्क का स्वामी मंगल है, जबकि बुध और चंद्रमा मानसिक स्थिरता के कारक माने जाते हैं. चंद्रमा–बुध का राहु से पीड़ित होना, या केतु के साथ इन ग्रहों का योग बनना मिर्गी के योग को मजबूत कर देता है.

कौन सा रत्न करें धारण?

जन्मकुंडली के अनुसार लग्नेश का रत्न पहनना लाभकारी माना जाता है. इसके अलावा पन्ना (Emerald) और मूनस्टोन धारण करने से मानसिक शांति मिलती है और रोग के प्रभाव में कमी आती है. रत्न हमेशा किसी योग्य ज्योतिष सलाह के बाद ही पहनना चाहिए.

जन्मकुंडली, वास्तु, तथा व्रत त्यौहार से सम्बंधित किसी भी तरह से जानकारी प्राप्त करने हेतु दिए गए नंबर पर फोन करके जानकारी प्राप्त कर सकते है .

ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ
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