Emotional Healing: ईश्वर से जुड़ाव या मन की शुद्धि? क्यों रोते हैं कुछ लोग पूजा के दौरान

Emotional Healing: कई लोग प्रार्थना करते समय अनायास ही रोने लगते हैं, और यह सवाल अक्सर मन में उठता है कि ऐसा क्यों होता है. क्या इसका संबंध भावनाओं से है, किसी ग्रह स्थिति से या आध्यात्मिक अनुभव से? जानिए प्रार्थना के दौरान बहने वाले आंसुओं के पीछे छिपे गहरे कारण.

By Shaurya Punj | November 25, 2025 11:34 AM

Emotional Healing: अक्सर देखा जाता है कि कुछ लोग प्रार्थना करते समय अनायास ही रोने लगते हैं. मंदिर में, पूजा के दौरान या किसी मंत्र-स्मरण के समय आंखों से बहते आंसू कई बार लोगों को भावुक कर देते हैं. ज्योतिषाचार्य डॉ एन के बेरा ने बताया कि इसका कारण सिर्फ भावनात्मक कमजोरी नहीं होता, बल्कि इसके पीछे आध्यात्मिक, मनोवैज्ञानिक और ग्रहों से जुड़े कई कारण माने जाते हैं.

आध्यात्मिक शुद्धि का संकेत

ज्योतिष और आध्यात्मिक परंपराओं में माना जाता है कि प्रार्थना के समय बहने वाले आंसू ‘आत्मिक शुद्धि’ का प्रतीक होते हैं. जब मन लंबे समय तक दबे तनाव, पीड़ा या अपराध-बोध को ढोता है, तो प्रार्थना के दौरान वह हल्का होने लगता है. यह आंसू आत्मा की सफाई का माध्यम माने जाते हैं, जिससे व्यक्ति भीतर से शांत महसूस करता है.

चंद्रमा और भावनाओं का संबंध

वैदिक ज्योतिष के अनुसार, चंद्रमा मन और भावनाओं का कारक है. यदि जन्मकुंडली में चंद्रमा संवेदनशील भावों में स्थित हो या उसकी दशा चल रही हो, तो व्यक्ति जल्दी भावुक हो जाता है. प्रार्थना के दौरान मन पूर्णतः केंद्रित होता है और इसी अवस्था में चंद्रमा का प्रभाव और गहरा अनुभव होता है, जिसके कारण आँखें नम हो जाती हैं.

भक्ति भाव का उफान

कई लोग ईश्वर से जुड़ते ही अपने अंदर मौजूद समर्पण, आस्था और प्रेम को अत्यधिक महसूस करने लगते हैं. यह भावनात्मक ऊर्जा आँसुओं के रूप में बाहर आती है. इसे ‘भक्ति-भाव’ का उफान कहा जाता है, जो भक्त को ईश्वर से गहरी जुड़ाव की अनुभूति कराता है.

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मानसिक तनाव का मुक्त होना

प्रार्थना मन को स्थिर करती है और भीतर जमा ऊर्जा को संतुलित करती है. जब व्यक्ति लंबे समय से किसी मानसिक दबाव में होता है, तो प्रार्थना के कुछ ही मिनटों में उसका मन खुलने लगता है और आंसू राहत देने का काम करते हैं. प्रार्थना के दौरान रोना कमजोरी नहीं, बल्कि एक स्वाभाविक आध्यात्मिक प्रतिक्रिया है. यह मन, आत्मा और भावनाओं की शुद्धि का संकेत माना जाता है, जो व्यक्ति को भीतर से हल्का और शांत बना देता है.