Dhanteras 2025: धनतेरस पर क्यों खरीदते हैं झाड़ू? जानें इसके धार्मिक महत्व
Dhanteras 2025: हर साल धनतेरस पर लोग सोना-चांदी, बर्तन और झाड़ू खरीदते हैं, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर झाड़ू खरीदने की परंपरा क्यों है? क्या सिर्फ सफाई के लिए या इसके पीछे कोई धार्मिक वजह भी छिपी है? आइए जानते हैं धनतेरस के दिन झाड़ू खरीदने का क्या है खास महत्व.
Dhanteras 2025: धनतेरस, दिवाली से दो दिन पहले मनाया जाने वाला एक प्रमुख हिंदू पर्व है. यह दिन कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को पड़ता है और इसे धनत्रयोदशी भी कहा जाता है. इस दिन भगवान धन्वंतरि और देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है. मान्यता है कि इस दिन झाड़ू खरीदना शुभ माना जाता है क्योंकि झाड़ू दरिद्रता को दूर करने और लक्ष्मी कृपा पाने का प्रतीक है. ऐसा कहा जाता है कि झाड़ू से पॉजिटिव एनर्जी का नाश होता है और घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है. इसलिए धनतेरस पर झाड़ू खरीदने की परंपरा आज भी श्रद्धा और विश्वास के साथ निभाई जाती है.
धनतेरस पर झाड़ू खरीदने की वजह
कहा जाता है कि धनतेरस के दिन झाड़ू खरीदना घर की दरिद्रता को दूर करने और समृद्धि बढ़ाने का शुभ संकेत माना जाता है. झाड़ू को देवी लक्ष्मी का प्रतीक माना गया है, इसलिए इस दिन इसे घर लाना शुभ फलदायी होता है. नई झाड़ू घर में लाने से सुख-समृद्धि का मार्ग खुलता है और घर में लक्ष्मी का स्थायी वास होता है.
झाड़ू को माना जाता है मां लक्ष्मी का स्वरूप
हिंदू मान्यताओं के अनुसार झाड़ू को मां लक्ष्मी का रूप माना गया है, क्योंकि मां लक्ष्मी स्वच्छता और व्यवस्था की देवी हैं. जहां सफाई होती है, वहां लक्ष्मी का वास होता है. इसलिए लोग धनतेरस के दिन झाड़ू खरीदकर घर की पवित्रता और सकारात्मकता को बनाए रखते हैं.
दरिद्रता से मिलती है मुक्ति
माना जाता है कि झाड़ू से घर की नकारात्मक ऊर्जा और दरिद्रता दूर होती है. यह केवल सफाई का साधन नहीं, बल्कि अशुभ शक्तियों को हटाने का प्रतीक भी है. धनतेरस के दिन झाड़ू खरीदना जीवन से आर्थिक बाधाओं और परेशानियों को दूर करने का एक शुभ उपाय माना गया है.
सकारात्मकता और समृद्धि का प्रतीक
झाड़ू घर की स्वच्छता का आधार है, और साफ-सुथरे वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है. धनतेरस पर नई झाड़ू खरीदकर घर की सफाई करना मां लक्ष्मी का स्वागत करने जैसा माना जाता है. इससे घर में खुशहाली, शांति और आर्थिक उन्नति बनी रहती है.
झाड़ू खरीदने का समय कब सबसे शुभ होता है?
धनतेरस के दिन प्रातःकाल या शुभ मुहूर्त में झाड़ू खरीदना सबसे उत्तम माना जाता है. इससे घर में लक्ष्मी का वास और समृद्धि सुनिश्चित होती है.
क्या धनतेरस पर झाड़ू केवल महिलाएं खरीदती हैं?
नहीं, यह परंपरा परिवार के सभी सदस्य निभा सकते हैं. मुख्य रूप से यह घर की समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा बनाए रखने के लिए किया जाता है.
2025 में धनतेरस कब है?
पंचांग के अनुसार, इस साल धनतेरस कार्तिक मास की कृष्ण त्रयोदशी तिथि को पड़ रही है. यह पर्व 18 अक्टूबर, शनिवार को दोपहर 12:18 बजे से शुरू होगा और 19 अक्टूबर, रविवार को दोपहर 1:51 बजे तक रहेगा.
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Disclaimer: यहां दी गई जानकारी केवल मान्यताओं और परंपरागत जानकारियों पर आधारित है. प्रभात खबर किसी भी तरह की मान्यता या जानकारी की पुष्टि नहीं करता है.
