Chanakya Niti: जीवन में सफल होने के लिए करें ये तीन काम, जानिए क्या कहते है चाणक्य…

Chanakya Niti: चाणक्य भारत के श्रेष्ठ विद्वानों में एक है. आचार्य चाणक्य को महान ज्ञाता, कुशल राजनीतिज्ञ और सफल अर्थशास्त्री माना जाता है. चाणक्य ने अपने जीवन में अच्छी और बुरी दोनों परिस्थितियों का सामना किया. चाणक्य ने विपरीत परिस्थितियों में भी हार नहीं मानी और अपने लक्ष्यों की प्राप्ति की.

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 5, 2020 12:36 PM

Chanakya Niti: चाणक्य भारत के श्रेष्ठ विद्वानों में एक है. आचार्य चाणक्य को महान ज्ञाता, कुशल राजनीतिज्ञ और सफल अर्थशास्त्री माना जाता है. चाणक्य ने अपने जीवन में अच्छी और बुरी दोनों परिस्थितियों का सामना किया. चाणक्य ने विपरीत परिस्थितियों में भी हार नहीं मानी और अपने लक्ष्यों की प्राप्ति की. आचार्य चाणक्य ने अपनी बुद्धि एवं कूटनीति राजनीति की अच्छी समझ से उन्होंने एक छोटी सी उम्र में ही चंद्रगुप्त को एक शासक के रूप में स्थापित किया. आचार्य चाणक्य ने विश्व प्रसिद्ध तक्षशिला विश्व विद्यालय से शिक्षा प्राप्त की और वहीं पर विद्यार्थियों को शिक्षा भी दी. उन्होंने नीतिशास्त्र में मनुष्य के जीवन से संबंधित बहुत सी महत्वपूर्ण बातें बताई हैं, जो व्यक्ति को जीवन में सफल बनने के लिए प्रेरित करती हैं. आइए जानते है क्या कहते है आचार्य चाणक्य…

मेहनत

चाणक्य कहते है कि परिश्रम ही सफलता की कुंजी हैं, किसी भी कार्य में सफलता पाने के लिए मेहनत करनी पड़ती है. यदि आप कार्य से जी चुराते हैं तो कभी आप सफल नहीं हो सकते हैं. परिश्रमी व्यक्ति अपने जीवन में सफलता अवश्य हासिल करता है. आज के कार्य को कभी भी कल पर नहीं टालना चाहिए. वहीं, आलस्य का त्याग कर देना चाहिए. जिस तरह से मेहनत सफलता की कुंजी है उसी तरह से आलस सफलता में सबसे बड़ी बाधा है.

अनुशासन

चाणक्य के अनुसार जीवन में अनुशासन के बिना कोई भी व्यक्ति सफलता प्राप्त नहीं कर सकता है. इसलिए जीवन में अनुशासन होना आवश्यक होता है. क्योंकि बिना अनुशासन के कोई भी कार्य समय से पूर्ण नहीं होता है. चाणक्य के अनुसार मनुष्य को अपने सोने खाने और हर कार्य को समय पर अनुशासन के साथ पूरा करना चाहिए. जो लोग अनुशासन में नहीं बंधे होते हैं वे अपने जीवन में असफल हो जाते हैं.

योजना बनाकर कार्य करें

किसी भी कार्य को पूर्ण करने के लिए सबसे जरूरी होता है कि आप कार्य को करने से पहले उसकी रूप रेखा तैयार करें. चाणक्य कहते है कि पूरी योजना बनाने के बाद ही कार्य को आरंभ करना चाहिए, जो लोग बिना योजना के कार्य करते हैं, उनके कार्यों में बहुत अड़चने आती हैं, जिसके कारण कार्य समय से पूर्ण नहीं हो पाता है. इसलिए किसी भी कार्य को योजना बनाकर ही करें.

News Posted by : Radheshyam kushwaha

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