Chanakya Niti: दुश्मन किसी भी रूप में आपको कर सकता है परेशान, जानिए परास्त करने की चाणक्य नीति…

Chanakya Niti Hindi: दुश्मन को कभी भी अपने से कमजोर नहीं मानना चाहिए. दुश्मन से हर व्यक्ति को हमेशा सतर्क रहना चाहिए. दुश्मन कभी भी अटैक कर सकता है. इस दौरान हर व्यक्ति का दुश्मन कोरोना वायरस बन गया है. कोरोना वायरस बहुत तेजी से अपना शिकार बना रहा है. चाणक्य ने कहा है कि जब दुश्मन सामने से वार न करें और इधर उधर से हमला करे तो व्यक्ति को सर्तक हो जाना चाहिए.

By Radheshyam Kushwaha | June 13, 2020 1:00 PM

Chanakya Niti Hindi: दुश्मन को कभी भी अपने से कमजोर नहीं मानना चाहिए. दुश्मन से हर व्यक्ति को हमेशा सतर्क रहना चाहिए. दुश्मन कभी भी अटैक कर सकता है. इस दौरान हर व्यक्ति का दुश्मन कोरोना वायरस बन गया है. कोरोना वायरस बहुत तेजी से अपना शिकार बना रहा है. चाणक्य ने कहा है कि जब दुश्मन सामने से वार न करें और इधर उधर से हमला करे तो व्यक्ति को सर्तक हो जाना चाहिए.

इसका सबसे अच्छा तरीका यही है कि व्यक्ति को स्वयं को ऐसे सुरक्षा घेरे में कैद कर लेना चाहिए, जिससे उसके हमले की शक्ति क्षीण हो जाए. ऐसे में उस सुरक्षा घेरे को छोड़कर बाहर नहीं निकलना चाहिए. चाणक्य के अनुसार दुश्मन कितना भी कमजोर दिखाई दे तो उससे लड़ने की रणनीति बदल लेनी चाहिए. कोरोना वायरस भी इसी तरह का दुश्मन है, जो तेजी से लागों का अपना शिकार बना रहा है.

लोगों से दूरी बना लें

चाणक्य ने अपने चाणक्य नीति में बताया है कि शत्रु जब छिपकर हमला कर रहा हो और उसकी दिशा और दशा का आभास लगा पाना मुश्किल होता है. इस दौरान दूसरे लोगों से दूरी बना लेने में ही समझदारी है. हमेशा शत्रु से बचकर ही रहना चाहिए. शत्रु किसी भी रूप में लोगों को पीड़ित कर सकता है. इसलिए खुद को दूसरों से छिपाते हुए शत्रु को पराजित करने की योजना पर कार्य करना चाहिए. इस दौरान कोरोना वायरस सभी लोगों का दुश्मन बन गया है. हमे कोरोना वायरस से बचने के लिए अपना ही रास्ता बदल लेना चाहिए.

दुश्मन को पराजित करने के लिए सेहत सही होना चाहिए. क्योंकि किसी भी युद्ध में शरीर का स्वस्थ्य रहना बहुत ही जरूरी होता है. इस लिए दुश्मन से लड़ने के लिए खान-पान पर ध्यान देना चाहिए. जब सेहत ठीक रहेगा तो दिमाग भी काम करेगा, इसलिए व्यक्ति को निरंतर अपने शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए अच्छी भोजन का चुनाव करना चाहिए. क्योंकि प्रतिरोधक क्षमता विकसित होने से ही शत्रु को पराजित किया जा सकता है.

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