Bhai Dooj Vrat katha: आज भाई दूज के दिन करें इस कथा का पाठ

Bhai Dooj Vrat katha: आज भाई दूज का शुभ दिन है — भाई-बहन के स्नेह और आशीर्वाद का सुंदर पर्व. इस पवित्र अवसर पर भाई दूज व्रत कथा का पाठ करना शुभ माना गया है. कथा सुनने या पढ़ने से पुण्य फल, सुख-समृद्धि और यमराज के भय से मुक्ति प्राप्त होती है.

By Shaurya Punj | October 23, 2025 7:15 AM

Bhai Dooj Vrat katha: भाई दूज का त्योहार हर साल कार्तिक महीने की शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है. इस साल यह त्योहार 23 अक्टूबर, गुरुवार को मनाया जा रहा है. धार्मिक मान्यता है कि इस दिन व्रत कथा पढ़ने से बहुत पुण्य फल मिलता है. यह दिन भाई-बहन के प्यार का प्रतीक माना जाता है.

भाई दूज की पौराणिक कथा

बहुत समय पहले की बात है, एक दिन यमराज को अपनी बहन यमुना की बहुत याद आई. उन्होंने अपने दूतों को भेजा कि वे यमुना को ढूंढकर लाएँ, लेकिन दूत असफल रहे. फिर कार्तिक शुक्ल द्वितीया के दिन यमराज की मुलाकात यमुना जी से हुई. यमुना जी अपने भाई को देखकर बहुत खुश हुईं. उन्होंने यमराज का सत्कारपूर्वक स्वागत किया और उन्हें भोजन कराया. यमराज बहन के प्रेम और आदर से बहुत प्रसन्न हुए.

यमराज का वरदान

खुश होकर यमराज ने कहा, “बहन! मुझसे जो चाहे वरदान मांगो.” यमुना जी ने कहा, “भैया, मुझे ऐसा वरदान दो कि जो भी मेरे जल में स्नान करे, उसे यमलोक की यातनाएं न सहनी पड़े.” यमराज ने बहन की यह बात मान ली. उसी दिन यमलोक के सभी जीवों को यातना से मुक्ति मिली और उन्होंने उत्सव मनाया. इसलिए इस दिन को “यम द्वितीया” भी कहा जाता है.

बहन के प्रेम से प्रसन्न यमराज

बहन के जनकल्याण की भावना देखकर यमराज बहुत खुश हुए. उन्होंने कहा, “जो भाई अपनी बहन का अपमान करेगा, उसे मैं यमपाश में बांधकर यमपुरी ले जाऊँगा. लेकिन अगर वह तुम्हारे जल में स्नान करके सूर्य को अर्घ्य देगा, तो उसे स्वर्ग मिलेगा.” तभी से यह परंपरा शुरू हुई कि इस दिन भाई अपनी बहन से मिलने जाते हैं, टीका लगवाते हैं, और उन्हें उपहार या दक्षिणा देते हैं.

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भाई दूज का मत्स्य पुराण में उल्लेख

मत्स्य पुराण के अनुसार इस दिन यमराज की पूजा करनी चाहिए. जो व्यक्ति इस दिन यमराज का विधिवत पूजन करता है, उसे मृत्यु का भय नहीं सताता और उसे पापों से मुक्ति मिलती है.

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ब्रज में भाई दूज का विशेष महत्व

ब्रजमंडल में इस दिन बहनें अपने भाइयों के साथ यमुना नदी में स्नान करती हैं. ऐसा करना कल्याणकारी माना जाता है. मान्यता है कि इस दिन बहनों को दक्षिणा या उपहार देने से शत्रु भय, अकाल मृत्यु और कठिनाइयाँ दूर होती हैं. साथ ही धन, ऐश्वर्य, बल और बुद्धि की प्राप्ति होती है.

भाई दूज में दीपदान का महत्व

इस दिन शाम के समय दीप जलाने से पहले घर के बाहर यमराज के नाम से चार दीपक वाला दीपदान जरूर करना चाहिए. ऐसा करने से घर में सुख-शांति और समृद्धि आती है.

भाई दूज का महत्व

भाई दूज का त्योहार भाई और बहन के स्नेह, प्रेम और सुरक्षा का प्रतीक है. यह दिन हमें सिखाता है कि अगर भाई-बहन एक-दूसरे का सम्मान और प्यार करें, तो जीवन में खुशियाँ, समृद्धि और आशीर्वाद हमेशा बने रहते हैं.