आज है दूसरा Bada Mangal 2025, ऐसे करें हनुमान जी की विधिपूर्वक पूजा
Bada Mangal 2025: आज ज्येष्ठ माह का दूसरा बड़ा मंगल मनाया जा रहा है. यह दिन भगवान हनुमान की आराधना के लिए समर्पित है. कहा जाता है कि इस दिन सच्चे मन से हनुमान जी की पूजा करने से सभी दुखों का निवारण होता है. इसके साथ ही वीर बजरंगी की कृपा प्राप्त होती है, तो आइए इस दिन से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त करें.
Bada Mangal 2025: ज्येष्ठ महीने के मंगलवार को ‘बड़ा मंगल’ बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है. आज 20 मई को यह दिन मनाया जा रहा है. यह दिन विशेष रूप से हनुमान जी की पूजा के लिए समर्पित है. आज इस पवित्र माह का दूसरा बड़ा मंगल है, जिसे अत्यंत शुभ और फलदायक माना जाता है. इस दिन यदि श्रद्धा और नियम के साथ हनुमान जी की पूजा की जाए, तो वे शीघ्र प्रसन्न होकर अपने भक्तों को बल, बुद्धि और विजय का आशीर्वाद प्रदान करते हैं.
बड़ा मंगल 2025 पूजा मुहूर्त
बड़े मंगल के अवसर पर हनुमानजी की पूजा के लिए दो विशेष मुहूर्त इस प्रकार हैं: पहला मुहूर्त – सुबह 4:47 से 5:51 तक, दूसरा मुहूर्त – शाम 7:07 से 7:28 तक.
प्रातःकाल स्नान करके व्रत का संकल्प लें
आज सुबह सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नान करें और स्वच्छ लाल वस्त्र पहनें. इसके बाद हनुमान जी के समक्ष दीप जलाकर व्रत का संकल्प लें. व्रत रखने से मन की एकाग्रता बढ़ती है और पूजा का प्रभाव अधिक होता है.
पूजा सामग्री एकत्र करें
हनुमान जी की पूजा में लाल फूल, चोला, सिंदूर, चमेली का तेल, गुड़-चना, केले और तुलसी पत्र का विशेष महत्व है. एक स्वच्छ स्थान पर हनुमान जी की मूर्ति या चित्र स्थापित करें और उन्हें श्रद्धापूर्वक स्नान कराएं, चोला अर्पित करें, तथा सिंदूर और चमेली का तेल चढ़ाएं.
हनुमान चालीसा, सुंदरकांड का पाठ करें
हनुमान जी की आराधना में ‘हनुमान चालीसा’, ‘बजरंग बाण’, ‘हनुमान अष्टक’ और ‘सुंदरकांड’ का पाठ करना बहुत लाभकारी माना जाता है. पाठ के समय राम नाम का जप करते रहना चाहिए, क्योंकि हनुमान जी श्रीराम के परम भक्त हैं.
भोग और आरती करें
पूजा के उपरांत हनुमान जी को गुड़-चना, केला, या बेसन के लड्डू का भोग अर्पित करें. तत्पश्चात आरती करें – “आरती कीजै हनुमान लला की…”. आरती के बाद प्रसाद का वितरण सभी में करें.
सेवा कार्य करें
आज के दिन प्याऊ स्थापित करना, भंडारा आयोजित करना या गरीबों को भोजन प्रदान करना विशेष रूप से पुण्यदायक माना जाता है. हनुमान जी को सेवा और परोपकार अत्यधिक प्रिय हैं.
