Akshaya Navami 2025: आज अक्षय नवमी के दिन लगाएं आंवले का पौधा, मिलेगा ये शुभफल

Akshaya Navami 2025: आज अक्षय नवमी के शुभ अवसर पर आंवले का पौधा लगाना बेहद मंगलकारी माना जाता है. शास्त्रों के अनुसार, इस दिन आंवले की पूजा और रोपण करने से घर में सुख-समृद्धि, सौभाग्य और स्वास्थ्य की वृद्धि होती है. यह पुण्य कर्म अक्षय फल देता है, जो कभी नष्ट नहीं होता.

By Shaurya Punj | October 31, 2025 9:56 AM

Akshaya Navami 2025: अक्षय नवमी कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाई जाती है. इस दिन को आंवला नवमी भी कहा जाता है. यह दिन बहुत शुभ माना जाता है क्योंकि इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है. मान्यता है कि इस दिन किया गया कोई भी अच्छा काम या दान कभी व्यर्थ नहीं जाता, बल्कि उसका फल हमेशा मिलता रहता है. इसलिए इस दिन को “अक्षय नवमी” कहा गया है, यानी जो कभी खत्म न हो.

आंवला नवमी 2025 की तारीख और समय

पंचांग के अनुसार कार्तिक शुक्ल नवमी तिथि साल 2025 में 30 अक्टूबर सुबह 10:06 बजे से शुरू होकर 31 अक्टूबर सुबह 10:03 बजे तक रहेगी. चूंकि पूजा हमेशा उदया तिथि में की जाती है, इसलिए इस साल आंवला नवमी 31 अक्टूबर 2025 (शुक्रवार) को मनाई जाएगी.

पूजा का शुभ मुहूर्त

सुबह 6:37 बजे से 10:04 बजे तक, यानी करीब 3 घंटे 25 मिनट का समय पूजा के लिए सबसे शुभ रहेगा.

आंवले का पौधा क्यों लगाते हैं

अक्षय नवमी के दिन आंवले का पौधा लगाना और उसकी पूजा करना बहुत शुभ माना जाता है. कहा जाता है कि आंवला भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी दोनों को प्रिय है. यह पेड़ न केवल धार्मिक रूप से पवित्र है, बल्कि सेहत के लिए भी बहुत फायदेमंद है. माना जाता है कि आंवले का पौधा घर या मंदिर के पास लगाने से परिवार में सुख-शांति और समृद्धि आती है.

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आंवला नवमी पर धार्मिक मान्यताएं

  • इस दिन आंवले के पेड़ के नीचे भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करने से जीवन में कभी धन की कमी नहीं होती.
  • आंवले के पेड़ की सात परिक्रमा करने से पापों से मुक्ति और सौभाग्य की प्राप्ति होती है.
  • यह दिन सतयुग की शुरुआत का प्रतीक माना जाता है, इसलिए इसे नई शुरुआत के लिए बहुत शुभ समझा जाता है.

आंवले के पौधे के लाभ

  • घर में आंवला लगाने से सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है.
  • परिवार में सुख, शांति और बरकत बनी रहती है.
  • आंवला स्वास्थ्य के लिए भी बेहद लाभदायक है, इसलिए इसे “अमृत फल” कहा गया है.