Jitiya Vrat Aarti 2025: संतान की लंबी आयु के लिए आज रखा जा रहा है जीवित्पुत्रिका व्रत, इस आरती के बिना अधूरी रहेगी पूजा
Jitiya Vrat Aarti 2025: आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर माताएं संतान की दीर्घायु, सुख-समृद्धि और स्वास्थ्य की कामना से जीवित्पुत्रिका व्रत कर रही हैं. जितिया माता की पूजा और जीमूतवाहन की आरती के बिना यह व्रत अधूरा माना जाता है.यहां जानें पूरी जानकारी.
Jitiya Vrat Aarti 2025: जीवित्पुत्रिका व्रत मातृशक्ति की गहन आस्था, त्याग और अटूट संकल्प का प्रतीक माना जाता है. यह व्रत संतान की दीर्घायु और सुखमय जीवन की कामना के लिए रखा जाता है. इसे जितिया पर्व भी कहते हैं, जिसमें माताएं अपने पुत्र की रक्षा और समृद्धि के लिए निर्जला उपवास करती हैं. इस वर्ष यह पर्व रविवार, 14 सितंबर को मनाया जाएगा. इससे एक दिन पूर्व नहाय-खाय की परंपरा निभाकर व्रत की शुरुआत की जाती है. धार्मिक मान्यता है कि इस व्रत की पूजा के समय जीमूतवाहन की आरती करना आवश्यक है, अन्यथा पूजा को अपूर्ण माना जाता है.
जितिया व्रत में होने वाली आरती
जय जय जय जितिया महारानी।
तुम हो सब जीवों की माता, हर लेती हो दुःख सब प्राणी।
जय जय जय जितिया महारानी।
तुम्हारे व्रत से संतानें, निरोगी और लंबी उम्र पाएं।
सुख-समृद्धि का वास हो घर में, तुम ऐसी कृपा बरसाएं।
जय जय जय जितिया महारानी।
जो नारी श्रद्धा से पूजे, तुम्हारी महिमा अपरम्पार।
हर संकट से रक्षा करती, और भरती खुशियों का संसार।
जय जय जय जितिया महारानी।
आज रखा जा रहा है जितिया व्रत, यहां से जानें पूजा विधि, शुभ मुहूर्त से लेकर सबकुछ
सत्यवादी राजा जीमूतवाहन की, महिमा है तुम से जुड़ी।
तुम्हारी कृपा से ही हुई, उस राजा की यश की घड़ी।
जय जय जय जितिया महारानी।
तुम हो दुःखहर्ता, सुखकर्ता, तुम हो जीवन की दात्री।
तुम्हारी पूजा से पावन हो, हर घर की जननी और गात्री।
जय जय जय जितिया महारानी।
जितिया व्रत पूजा मंत्र
कर्पूरगौरं करुणावतारं संसारसारं भुजगेन्द्रहारम्।
सदा बसन्तं हृदयारविन्दे भवं भवानीसहितं नमामि।
