Budhwaar Vrat Puja: बुधवार के दिन ऐसे करें भगवान गणेश की पूजा, बप्पा हर लेंगे सभी कष्ट

Budhwaar Vrat Puja: सनातन धर्म में बुधवार का दिन प्रथम पूजनीय देवता भगवान गणेश जी को समर्पित है. बुधवार के दिन विधि-विधान से गणेश जी का पूजन किया जाता है. ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है कि सुख-समृद्धि की प्राप्ति और बुध ग्रह मजबूत करने के लिए भगवान गणेश की पूजा करना चाहिए.

By Radheshyam Kushwaha | March 20, 2024 8:27 AM

Budhwaar Vrat Puja: सनातन धर्म में सप्ताह के प्रत्येक दिन किसी न किसी देवी-देवताओं को समर्पित है. बुधवार का दिन भगवान गणेश जी को समर्पित है. भगवान गणेश जी को कई नामों से जाना जाता है, इनमें एक नाम विघ्नहर्ता है. धर्मिक मान्यता के अनुसार भगवान गणेश की पूजा करने से व्यक्ति के दुख और संकट दूर हो जाते हैं और जीवन में मंगल का आगमन होता है. ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है कि सुख-समृद्धि की प्राप्ति और बुध ग्रह मजबूत करने के लिए भगवान गणेश की पूजा करना चाहिए. अगर आप भी अपने जीवन में व्याप्त समस्याओं से निजात पाना चाहते हैं, तो बुधवार के दिन विधि-विधान से भगवान गणेश की पूजा करें. भगवान गणेश को शमी के पत्ते, दूर्वा और मोदक अर्पित करने के साथ-साथ गणेश चालीसा का पाठ और पूजा के अंत में ये आरती जरूर करें…

बुधवार व्रत पूजा विधि

  • बुधवार के दिन सुबह स्नान करें.
  • बुधवार के दिन हरे रंग के वस्त्र पहनना शुभ माना गया है.
  • ईशान कोण में मुंह करके भगवान गणेश और बुध देव की पूजा करें.
  • श्री गणेश और बुध देव का श्रद्धापूर्वन ध्यान करें.
  • श्री गणेश को दूर्वा और पीले पुष्प अर्पित करें.
  • भगवान गणेश को दीप, फूल, कपूर, धूप, रोली, लाल चंदन और मोदक आदि चढ़ाएं.
  • भगवान गणेश को आप हलवा, बेसन के लड्डू या पंजीरी का भोग लगा सकते हैं.
  • इसके साथ ही, हरे रंग के वस्त्र बुध देव को चढ़ाएं.
  • श्री गणेश के मंत्रों का जाप करें.
  • पूजा के अंत में दीपक जलाएं और भगवान गणेश जी आरती करें.

गणेश जी की पूजन सामग्री

गणेश जी की प्रतिमा, लाल या पीला वस्त्र, लकड़ी का पटरा, गणेश जी के लिए वस्त्र, घी का दीपक, शमी पत्ता, गंगाजल, पंचामृत, सुपारी, पान पत्ते, जनेऊ, चंदन, अक्षत, धूप, फल, फूल, दूर्वा, लड्डू आदि पूजन सामग्री गणेश जी की पूजा सामग्री में जरूर शामिल करें.

Ganesh Chalisa in Hindi: आज बुधवार को करें गणेश चालीसा का पाठ, यहां से जानें इसका अर्थ

बुधवार का व्रत कब से शुरू करना चाहिए?

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अगर आप बुधवार का व्रत करने की सोच रहे हैं, तो इसकी शुरुआत किसी भी महीने के शुक्ल पक्ष के पहले बुधवार से कर सकते हैं. बुधवार व्रत 21 या 45 की संख्या में की जाती है. आखिरी बुधवार के दिन पूजा-पाठ, दान के बाद उद्यापन कर दें. बुधवार के दिन व्रत रखने पर जीवन में सुख-समृद्धि आती है और समय मंगलमय रहता है.

बुधवार का व्रत रखने से क्या लाभ होता है?

धार्मिक मान्यता के अनुसार बुधवार व्रत को करने से आपके अन्न के भंडार कभी खाली नहीं होते हैं. बुधवार के दिन गणेश भगवान की पूजा करने से जीवन के सभी संकट दूर होते हैं. बुधवार के दिन बुध ग्रह की पूजा करने से कुंडली में बुध ग्रह की उपस्थिति शुभ जगह पर होती है.

Ganesh Ji Ki Aarti: करवा माता की पूजा के समय जरूर करें गणेश जी की ये आरती, सभी कष्टों से मिलेगी मुक्ति

Next Article

Exit mobile version