Surya Gochar 2025: सूर्य देव कर रहे हैं कर्क राशि में प्रवेश, इन राशियों को मिलेगा तरक्की का तोहफा

Surya Gochar 2025: आज 16 जुलाई 2025 को सूर्य देव का गोचर कर्क राशि में हो रहा है, जो कुछ राशियों के लिए शुभ संकेत लेकर आया है. यह गोचर आत्मविश्वास, मान-सम्मान और सफलता में वृद्धि का योग बना रहा है. जानिए किन राशियों को मिल सकता है तरक्की और नए अवसरों का तोहफा इस परिवर्तन से.

By Shaurya Punj | July 16, 2025 7:48 AM

Surya Gochar 2025: आज 16 जुलाई 2025 को सूर्य देव कर्क राशि में प्रवेश कर रहे हैं. यह गोचर भावनात्मक संतुलन, पारिवारिक समर्पण और आंतरिक शक्ति को जाग्रत करने वाला माना जाता है. जहां कुछ राशियों को इस परिवर्तन के चलते सतर्क रहने की आवश्यकता होगी, वहीं कई राशियों के लिए यह समय बेहद शुभ साबित हो सकता है. आत्मविश्वास में वृद्धि, नेतृत्व क्षमता का विकास और संबंधों में मिठास इस गोचर की विशेषताएं होंगी. आइए जानते हैं ज्योतिषाचार्य डॉ एन के बेरा से किन राशियों को मिलेगा सूर्य के इस गोचर से विशेष लाभ:

मिथुन राशि

यह गोचर आर्थिक रूप से शुभ संकेत दे रहा है. रुके हुए कार्य गति पकड़ेंगे और नए कमाई के स्रोत बन सकते हैं. साथ ही पारिवारिक सहयोग से मानसिक शांति बनी रहेगी.

 आज सूर्य देव कर रहे हैं गोचर, इन राशियों के लिए बढ़ सकती हैं मुश्किलें

कन्या राशि

मित्रता और सामाजिक नेटवर्क को मजबूती मिलेगी. टीमवर्क में सफलता के संकेत हैं और किसी बड़े कार्य या प्रोजेक्ट में भागीदारी का अवसर मिल सकता है. नई संभावनाएं दस्तक देंगी.

वृश्चिक राशि

भाग्य आपका साथ देगा और धार्मिक या आध्यात्मिक रुचि बढ़ेगी. लाभकारी यात्राओं के योग बनेंगे. उच्च शिक्षा, प्रतियोगी परीक्षाओं या शोध कार्यों में सफलता की संभावना है.

मकर राशि

सप्तम भाव में सूर्य का गोचर वैवाहिक जीवन में मिठास लाएगा. विवाह योग्य जातकों को अच्छे प्रस्ताव मिल सकते हैं. व्यापार में साझेदारी मजबूत होगी और आपसी तालमेल बेहतर बनेगा.

मीन राशि

रचनात्मक सोच और आत्मविश्वास में वृद्धि होगी. प्रेम जीवन में सकारात्मकता आएगी और आप नए विचारों को सफलतापूर्वक कार्य रूप दे पाएंगे. यह समय उमंग और उत्साह से भरपूर रहेगा.

पूजा और उपायों से बढ़ेगा शुभ फल

16 जुलाई का सूर्य गोचर कई राशियों के लिए सुनहरा अवसर लेकर आया है. यह समय आत्मबल, संबंधों और करियर को निखारने का है. सूर्य देव की नियमित पूजा, जल अर्पण और आदित्य ह्रदय स्तोत्र का पाठ इस सकारात्मक प्रभाव को और भी बल प्रदान कर सकता है.