भारत को रूस का साथ

Pahalgam Terror Attack : प्रधानमंत्री मोदी ने पुतिन को विजय दिवस की शुभकामनाएं दी और इस साल भारत में होने वाले भारत-रूस शिखर सम्मेलन के लिए पुतिन को आमंत्रित किया, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया. उधर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने नयी दिल्ली में जापान के रक्षा मंत्री जनरल नकातानी के साथ बातचीत की.

By Rajneesh Anand | May 7, 2025 6:20 AM

Pahalgam Terror Attack : पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद जहां सीमा पर तनाव बरकरार है, वहीं रूस और जापान जैसे देशों का साथ खड़े होना भी भारत के लिए बड़ी कूटनीतिक उपलब्धि है. रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने सोमवार को प्रधानमंत्री मोदी को फोन कर पहलगाम हमले की कड़ी निंदा की और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत को पूरा समर्थन देने की बात भी कही. पुतिन ने इस बात पर भी जोर दिया कि इस जघन्य हमले के दोषियों और मददगारों को न्याय के कठघरे में लाया जाना चाहिए. भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव के दौरान जब वैश्विक स्तर पर कूटनीतिक समर्थन बहुत मायने रखता है, तब पुतिन और मोदी की यह प्रतिबद्धता बहुत आश्वस्त करती है कि रूस और भारत के संबंध बाहरी प्रभाव से प्रभावित नहीं हैं और लगातार विकसित होते रहेंगे.

प्रधानमंत्री मोदी ने पुतिन को विजय दिवस की शुभकामनाएं दी और इस साल भारत में होने वाले भारत-रूस शिखर सम्मेलन के लिए पुतिन को आमंत्रित किया, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया. उधर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने नयी दिल्ली में जापान के रक्षा मंत्री जनरल नकातानी के साथ बातचीत की. बैठक में दोनों ने आतंकवाद की निंदा करते हुए इस संबंध में वैश्विक सहयोग की जरूरत पर बल दिया. जापान के रक्षा मंत्री ने आतंकवाद के खिलाफ भारत को पूरी मदद देने की पेशकश करते हुए कहा कि उनका देश भारत के सहयोग से आतंकवाद का खात्मा करने के लिए प्रतिबद्ध है.

नवंबर, 2024 में लाओस में आसियान रक्षा मंत्रियों की बैठक के दौरान बातचीत के छह महीनों के बाद दोनों रक्षा मंत्रियों की यह दूसरी मुलाकात थी. पहलगाम हमले की पृष्ठभूमि में जापान के रक्षा मंत्री की भारत यात्रा और आतंकी हमले की निंदा करने का खासतौर पर महत्व है. दोनों रक्षा मंत्रियों ने आपसी रक्षा अभ्यासों का तो स्वागत किया ही, मजबूत समुद्री सहयोग में नये आयाम जोड़ने पर सहमति व्यक्त की और भारत-जापान रक्षा उद्योग संबंधों को और मजबूती देने के बारे में भी प्रतिबद्धता जतायी.

भारत और जापान के बीच मैत्री संबंध बहुत पुराने हैं और 2014 में इस मित्रता को विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी के स्तर तक बढ़ाया गया है. दोनों देश न केवल क्वाड के सदस्य हैं, बल्कि एशिया-प्रशांत में शांति और स्थिरता बनाये रखने की दिशा में भी काम कर रहे हैं. कुल मिलाकर, तनाव के बीच रूस और जापान द्वारा आतंकी हमले की निंदा करते हुए भारत के साथ खड़े होने का कूटनीतिक महत्व है.