साक्षरता दर में वृद्धि
Literacy Rate : साक्षरता दिवस को संबोधित करते हुए शिक्षा राज्यमंत्री जयंत चौधरी ने ठीक ही रेखांकित किया कि कठिन भौगोलिक परिस्थितियों वाले राज्यों ने पूर्ण साक्षरता हासिल कर एक मिसाल कायम की है.
Literacy Rate : देश में साक्षरता दर का बढ़कर 80.9 प्रतिशत होना बड़ी उपलब्धि है, तो त्रिपुरा, मिजोरम और गोवा के बाद हिमाचल प्रदेश का चौथा पूर्ण साक्षर राज्य बनना उतनी ही उल्लेखनीय सफलता है. पिछले दिनों राष्ट्रीय राजधानी में आयोजित अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस के अवसर पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने जानकारी दी कि देश की साक्षरता दर 2011 के 74 प्रतिशत से बढ़कर 2023-24 में 80.9 फीसदी हो गयी. शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक, हिमाचल प्रदेश ने पूर्ण साक्षरता हासिल कर ली है और त्रिपुरा, मिजोरम और गोवा के बाद यह देश का चौथा पूर्ण साक्षर राज्य बन गया है.
जबकि जून, 2024 में लद्दाख पहला पूर्ण साक्षर केंद्रशासित प्रदेश घोषित हुआ था. केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने यह भी बताया कि साक्षरता केवल पढ़ने-लिखने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह गरिमा, सशक्तिकरण और आत्मनिर्भरता का माध्यम है. उन्होंने कहा कि वास्तविक प्रगति तो तभी होगी, जब साक्षरता हर नागरिक की जिंदगी का हिस्सा बन जायेगी. साक्षरता की नयी परिभाषा में डिजिटल साक्षरता, वित्तीय जागरूकता तथा नागरिक अधिकारों की समझ को शामिल किया जा रहा है.
साक्षरता दिवस को संबोधित करते हुए शिक्षा राज्यमंत्री जयंत चौधरी ने ठीक ही रेखांकित किया कि कठिन भौगोलिक परिस्थितियों वाले राज्यों ने पूर्ण साक्षरता हासिल कर एक मिसाल कायम की है. उन्होंने तीन प्राथमिकताएं रेखांकित कीं-स्वयंसेवा की भावना बनाये रखना, साक्षरता को कौशल और आजीविका से जोड़ना तथा साक्षरता की परिभाषा का निरंतर विस्तार करना. उन्होंने कहा कि भारत ने मजबूत सार्वजनिक डिजिटल ढांचा तैयार कर दुनिया, खासकर ग्लोबल साउथ में एक अनुपम उदाहरण पेश किया है. जिन उपलब्धियों को हासिल करने में पचास साल लग सकते थे, डिजिटल नवाचारों के माध्यम से भारत ने उन्हें लगभग एक दशक में ही हासिल कर लिया है. विगत एक से आठ सितंबर तक उल्लास साक्षरता अभियान, 2025 मनाया गया. इस कार्यक्रम से तीन करोड़ से अधिक शिक्षार्थी और 42 लाख स्वयंसेवक जुड़े हैं और यह कार्यक्रम अब 26 भारतीय भाषाओं में शिक्षण सामग्री प्रदान करता है, जिससे साक्षरता समावेशी बन रही है.
