बातचीत जारी रहनी चाहिए

एक बार चीनी नेता देंग सिआओपिंग ने, भारत के साथ अपने मतभेदों एवं सीमा विवाद पर कहा था ‘समाधान का काम आने वाले पीढ़ियों पर छोड़ दिया जाना चाहिए’. लगता है उन्हीं की बातों पर अमल करते हुए मोदी और जिनपिंग के बीच अनौपचारिक वार्ता का दौर शुरू हुआ. पहले रमणीय स्थल वुहान में. अब […]

By Prabhat Khabar Print Desk | October 15, 2019 2:12 AM

एक बार चीनी नेता देंग सिआओपिंग ने, भारत के साथ अपने मतभेदों एवं सीमा विवाद पर कहा था ‘समाधान का काम आने वाले पीढ़ियों पर छोड़ दिया जाना चाहिए’. लगता है उन्हीं की बातों पर अमल करते हुए मोदी और जिनपिंग के बीच अनौपचारिक वार्ता का दौर शुरू हुआ. पहले रमणीय स्थल वुहान में.

अब महाबलीपुरम में. दोनों के बीच के व्यापार में व्यापार घाटा भारत के पक्ष में आज से नहीं, वर्षो से जारी है. हर मुल्क के साथ चीन का ऐसा ही व्यापारिक रिश्ता है. इसका समाधान वार्तालाप से होगा. हमें यह ध्यान देना चाहिए कि 1962 के युद्ध के बाद, सीमा पर, एक भी गोली नहीं चली है.
चीन को भी पता है व्यापार के बिना चीन महाशक्ति नहीं बन सकता. उसे भारत की जरूरत है, इसलिए बातचीत यथावत जारी रहनी चाहिए. यही एक रास्ता है तनाव को घटाने एवं आहिस्ता आहिस्ता करके विवादों का निपटारा करने के लिए.
जंग बहादुर सिंह, गोलपहाड़ी, जमशेदपुर

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