अंतर जिला स्थानांतरण से परहेज क्यों

वर्ष 2015 एवं 2016 में अधिकांश प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति अपने गृह जिले में न होकर दूसरे जिलों में हो गयी. ऐसा शिक्षक नियुक्ति नियमावली में त्रुटि कि वजह से हुआ. दरअसल, एक-एक अभ्यर्थी को कई जिलों से आवेदन करने की छूट दी गयी थी. नतीजा यह हुआ कि कुछ को छोड़, ज्यादातर लोग अन्य […]

By Prabhat Khabar Print Desk | November 6, 2018 12:40 AM
वर्ष 2015 एवं 2016 में अधिकांश प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति अपने गृह जिले में न होकर दूसरे जिलों में हो गयी. ऐसा शिक्षक नियुक्ति नियमावली में त्रुटि कि वजह से हुआ. दरअसल, एक-एक अभ्यर्थी को कई जिलों से आवेदन करने की छूट दी गयी थी. नतीजा यह हुआ कि कुछ को छोड़, ज्यादातर लोग अन्य जिलों में नियुक्ति हो गये. ये शिक्षक अपने गृह जिले में जाने के लिए आंदोलनरत हैं, लेकिन सरकार बार-बार आश्वासन का लॉलीपॉप थमा देती है.
अंतर जिला स्थानांतरण होने से शिक्षक दूसरे जिलों में जायेंगे, तो स्थानांतरित होकर आयेंगे भी. फिर सरकार को इससे परहेज क्यों है, यह बात समझ नहीं आती. अगर शिक्षक गृह जिले में पदस्थापित होते हैं, तो उन्हें सुखद अनुभूति होगी और तल्लीनता से विद्यालयों में काम कर पायेंगे. अभी उनका ज्यादा समय भाग-दौड़ में बीत रहा है. इसलिए सरकार जल्द इस दिशा में पहल करे.
युगल किशोर, गिरिडीह

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