Vice President Election Result: सीपी राधाकृष्णन होंगे देश के नये उपराष्ट्रपति, चुनाव में सुदर्शन रेड्डी को 152 वोट से हराया

CP Radhakrishnan New Vice President: उप राष्ट्रपति पद के लिए मंगलवार को हुए चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन विजयी घोषित किए गए. राधाकृष्णन को प्रथम वरीयता के 452 और विपक्ष के प्रत्याशी बी सुदर्शन रेड्डी को 300 वोट हासिल हुए. राज्यसभा के महासचिव और निर्वाचन अधिकारी पी सी मोदी ने नतीजों की घोषणा की.

By ArbindKumar Mishra | September 9, 2025 7:56 PM

Vice President Election Result: उपराष्ट्रपति चुनाव में निर्वाचक मंडल के कुल 781 सदस्यों में से 767 (एक डाक मतपत्र समेत) ने मतदान किया था, जिसमें 15 वोट अवैध करार दिए गए. मतदान मंगलवार सुबह 10 बजे शुरू होकर शाम 5 बजे समाप्त हुआ. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी, पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी समेत 760 से अधिक सांसदों ने मतदान किया. लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य इस चुनाव में भाग लिए.

कुल 788 में से 767 ने मतदान में हिस्सा लिया

देश के 17वें उप राष्ट्रपति के चुनाव के लिए, निर्वाचक मंडल में राज्यसभा के 233 निर्वाचित सदस्य (वर्तमान में पांच सीटें रिक्त हैं) एवं 12 मनोनीत सदस्य तथा लोकसभा के 543 निर्वाचित सदस्य (वर्तमान में एक सीट रिक्त है) शामिल थे. निर्वाचक मंडल में कुल 788 सदस्य (वर्तमान में 781) हैं. लेकिन इसमें केवल 767 ने हिस्सा लिया.

पीएम मोदी ने सीपी राधाकृष्णन को जीत की बधाई दी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीपी राधाकृष्णन को उपराष्ट्रपति चुनाव में जीत के लिए बधाई दी है. उन्होंने एक्स पर लिखा, “थिरु सीपी राधाकृष्णन जी को 2025 के उपराष्ट्रपति चुनाव में विजयी होने पर बधाई. उनका जीवन सदैव समाज सेवा और गरीबों व वंचितों को सशक्त बनाने के लिए समर्पित रहा है. मुझे विश्वास है कि वे एक उत्कृष्ट उपराष्ट्रपति होंगे, जो हमारे संवैधानिक मूल्यों को सुदृढ़ करेंगे और संसदीय संवाद को आगे बढ़ाएंगे.”

इन पार्टियों ने चुनाव से बनाई दूरी

बीजू जनता दल (बीजद), भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) और शिरोमणि अकाली दल (शिअद) ने चुनाव से दूर रहने का फैसला किया था.

कौन हैं देश के अगले उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन?

देश के अगले उपराष्ट्रपति चंद्रपुरम पोन्नुसामी राधाकृष्णन (67) बचपन में ही आरएसएस और जनसंघ से जुड़ गए थे. वह 1990 के दशक के अंत में कोयंबटूर से दो बार लोकसभा चुनाव जीते और उनके समर्थक उन्हें ‘तमिलनाडु का मोदी’ कहते हैं. राधाकृष्णन 1998 और 1999 में दो बार जीत के बाद तमिलनाडु के कोयंबटूर से लगातार तीन लोकसभा चुनाव हार गए. हालांकि, कहा जाता है कि तमिलनाडु में सभी दलों में उनका बहुत सम्मान है, जिसके परिणामस्वरूप भाजपा ने उन्हें कई राज्यों का राज्यपाल बनाया. राधाकृष्णन एक ओबीसी नेता हैं.

महाराष्ट्र से पहले झारखंड के भी राज्यपाल रहे हैं सीपी राधाकृष्णन

सीपी राधाकृष्णन 31 जुलाई, 2024 को महाराष्ट्र के राज्यपाल के रूप में शपथ ली थी. इससे पहले, उन्होंने लगभग डेढ़ साल तक झारखंड के राज्यपाल के रूप में कार्य किया. झारखंड के राज्यपाल के रूप में, उन्हें तेलंगाना के राज्यपाल और पुडुचेरी के उपराज्यपाल का अतिरिक्त प्रभार भी सौंपा गया था. विभिन्न राज्यों में राज्यपाल पद संभालने के बाद भी, वह अक्सर तमिलनाडु का दौरा करते रहे हैं. अपने हालिया तमिलनाडु दौरे के दौरान उन्होंने कई कार्यक्रमों में भाग लिया और मुख्यमंत्री एमके स्टालिन से भी मुलाकात की थी.

व्यवसाय प्रबंधन में स्नातक हैं सीपी राधाकृष्णन

तमिलनाडु के तिरुपुर में 20 अक्टूबर, 1957 को जन्मे राधाकृष्णन के पास व्यवसाय प्रबंधन में स्नातक की डिग्री है. 16 साल की उम्र में आरएसएस के स्वयंसेवक के रूप में शुरुआत करने वाले राधाकृष्णन 1974 में भारतीय जनसंघ की राज्य कार्यकारिणी के सदस्य बने. वर्ष 1996 में, राधाकृष्णन को भाजपा की तमिलनाडु इकाई का सचिव नियुक्त किया गया। वह 1998 में कोयंबटूर से पहली बार लोकसभा के लिए चुने गए और 1999 में वह फिर से इस सीट से लोकसभा के लिए चुने गए. सांसद के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान, उन्होंने विभिन्न संसदीय समितियों के अध्यक्ष और सदस्य के रूप में कार्य किया. वर्ष 2004 से 2007 के बीच, राधाकृष्णन तमिलनाडु भाजपा प्रदेश अध्यक्ष रहे. इस पद पर रहते हुए, उन्होंने 19,000 किलोमीटर की ‘रथ यात्रा’ की, जो 93 दिनों तक चली.

टेबल टेनिस में कॉलेज चैंपियन और लंबी दूरी के धावक रहे हैं सीपी राधाकृष्णन

एक उत्साही खिलाड़ी राधाकृष्णन टेबल टेनिस में कॉलेज चैंपियन और लंबी दूरी के धावक रहे हैं. ऐसा कहा जाता है कि 2004 में द्रमुक द्वारा NDA से संबंध समाप्त करने के बाद तमिलनाडु में भाजपा के लिए नया गठबंधन बनाने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका थी.