उत्तराखंडः ‘सिंगोरी’ का स्वाद देशवासियों की जुबान पर चढ़ा, ऑनलाइन डिमांड पर पहुंच रहा दिल्ली- मुंबई

उत्तराखंड के टिहरी की सिंगोरी का स्वाद देशभर की जुबान पर चढ़ा गया है अब यह मिठाई ऑनलाइन डिमांड पर दिल्ली- मुंबई पहुंच रहा है. गुड़ की पारंपरिक मिठाइयों अर्से व रोटाने के कारोबार का केंद्र आगराखाल बना हुआ है.

By संवाद न्यूज | January 4, 2022 6:20 PM

Uttarakhand Singori traditional sweets: उत्तराखंड के नई टिहरी में बांध बना तो पुरानी टिहरी झील में समा गई लेकिन उसकी खास पहचान सिंगोरी का स्वाद अब नई-नई जुबान पर चढ़ने लगा है. इंटरनेट के जरिए यह स्वादिष्ट मिठाई देश के कोने-कोने पहुंच रही है यहां आने वाले पर्यटक इसे पैक कराकर ले जाते हैं. दिनोंदिन इसकी मांग बढ़ रही है. टिहरी के अलावा अब गुड़ से बनी पारंपरिक मिठाइयों अर्से और रोटाने का नया बाजार भी तैयार हो रहा है. इन मिठाइयों के साथ सिंगोरी के लिए भी आगराखाल का बाजार नए केंद्र के रूप में उभर रहा है.

इंटरनेट ने व्यापारियों की राह को और अधिक आसान बना दिया है. ऑनलाइन डिमांड पर सिंगोरी दिल्ली, मुंबई जैसे अन्य महानगरों में पहुंच रही है. अर्से और रोटाने के रूप में आगराखाल बाजार नई पहचान बना रहा है. एतिहासिक पुरानी टिहरी अपनी संस्कृति और परंपराओं के कारण अलग पहचान रखता था. 2005 में झील में जलमग्न होने के कारण पुरानी पहचान तो मिट गई, लेकिन यहां की सिंगोरी मिठाई देश ही नहीं विदेशों में भी खूब पसंद की जा रही है.

सिंगोरी एक विशेष तरह की मिठाई है, जिसे मावा से तैयार किया जाता है. मालू के पत्ते में लिपटी सिंगोरी को त्योहार के सीजन में विशेष रूप से तैयार किया जाता है. मालू के पत्ते उत्तराखंड के जंगलों में 12 महिने आसानी से मिलते हैं. पत्ते की विशेषता यह है कि यह जल्दी खराब नहीं होता. जंगल से लाने के 15 दिन बाद भी हरा रहता है. शादी-विवाह हो या कोई अन्य धार्मिक आयोजन, मेहमानों को सिंगोरी अवश्य परोसी जाती है.

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नई टिहरी के बाद अब आगराखाल बाजार के मिठाई की दुकानों में सिंगोरी खूब बिकने लगी है. ऋषिकेश से आगराखाल की दूरी महज 25 किमी है. आगराखाल के मिठाई व्यापारियों ने सिंगोरी के साथ ही उत्तराखंड के पारंपरिक पकवान अर्से (अरसा) और रोटाने को भी व्यवसायिक रूप में बाजार में उतारा है. यहां मिठाई की दुकानों पर अर्से और रोटाने हर समय उपलब्ध रहते हैं.

अर्से गुड़ व चावल और रोटाने आटा व गुड़ से तैयार किया जाता है. अब तक अर्से और रोटाने लोग खास अवसर शादी-विवाह के दौरान ही घर पर बनाते थे. अब बाजार में हर दिन आर्से और रोटाने की उपलब्धता से इसे भी नया बाजार मिलने लगा है. इस वर्ष नए साल पर आगराखाल और टिहरी के व्यापारियों को सिंगोरी, अर्से और रोटाने की डिमांड स्थानीय स्तर से लेकर दिल्ली से भी मिली थी.

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