Unnao Case: कुलदीप सिंह सेंगर का जेल से निकलना मुश्किल? सुप्रीम कोर्ट करेगा सुनवाई

Unnao Case: पीड़िता की मां ने भी न्यूज एजेंसी ANI से बात करते हुए कहा कि वे जरूरत पड़ी तो सुप्रीम कोर्ट जाने के लिए तैयार हैं. उन्होंने कहा कि हमारी शिकायत स्वीकार कर ली गई है. अब देखना है कि अधिकारी हमसे कब मिलते हैं. हमें सुप्रीम कोर्ट पर भरोसा है.

By Amitabh Kumar | December 28, 2025 7:23 AM

Unnao Case: उन्नाव दुष्कर्म मामले में सुप्रीम कोर्ट 29 दिसंबर को सीबीआई की याचिका पर सुनवाई करेगा. सीबीआई ने दिल्ली हाईकोर्ट के उस फैसले को चुनौती दी है, जिसमें निष्कासित बीजेपी नेता कुलदीप सिंह सेंगर की उम्रकैद की सजा को निलंबित कर दिया गया था. सीबीआई की इस याचिका पर सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की वेकेशन बेंच सुनवाई करेगी, जिसकी अध्यक्षता भारत के मुख्य न्यायाधीश सूर्यकांत करेंगे.

उन्नाव दुष्कर्म मामले में कुलदीप सिंह सेंगर को दिसंबर 2019 में दोषी ठहराते हुए उम्रकैद और 25 लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई थी. इस मामले में जमानत मिलने के बावजूद वह जेल में ही रहेगा, क्योंकि वह एक अन्य सीबीआई हत्या मामले में 10 साल की सजा काट रहा है.

पीड़िता ने अपनी मां के साथ सीबीआई अधिकारियों से मुलाकात की

2017 के उन्नाव दुष्कर्म मामले की पीड़िता ने अपनी मां के साथ शनिवार को दिल्ली में सीबीआई अधिकारियों से मुलाकात की. उन्होंने एक शिकायत सौंपते हुए आरोप लगाया कि मामले के जांच अधिकारी ने एक जज से मिलीभगत कर आरोपियों को फायदा पहुंचाने की कोशिश की, ताकि आरोपी पक्ष को जीत मिल सके.

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अधिकारी ने पीड़िता की शिकायत स्वीकार कर ली

बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए पीड़िता ने बताया कि वह एक वरिष्ठ अधिकारी से मिलना चाहती थीं, लेकिन छुट्टी होने के कारण उन्हें सोमवार को आने को कहा गया. हालांकि, एक जूनियर अधिकारी ने उनकी शिकायत स्वीकार कर ली. पीड़िता ने न्यूज एजेंसी ANI से कहा कि जूनियर अधिकारी ने मेरा आवेदन ले लिया है और कहा है कि सोमवार को वरिष्ठ अधिकारी मुझसे मुलाकात करेंगे.

जांच अधिकारी ने मेरे साथ गलत किया: पीड़िता

पीड़िता ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि जांच अधिकारी ने उसके हितों के खिलाफ काम किया. उसने कहा कि मेरी शिकायत यह है कि जांच अधिकारी ने मेरे साथ गलत किया. उसने जज से मिलीभगत कर आरोपी पक्ष को जिताने की कोशिश की, ताकि दुष्कर्म पीड़िता हार जाए, उसका हौसला टूटे और वह आगे केस न लड़ सके.