शिक्षा प्रणाली के साथ खिलवाड़ ना किया जाये, अंतिम समय में परीक्षा को बाधित करना अनुचित : सुप्रीम कोर्ट

सीबीएसई 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं के लिए हाइब्रिड माध्यम यानी ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों का विकल्प देने से इनकार करते हुए की.

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 18, 2021 11:00 PM

सुप्रीम कोर्ट ने आज 10वीं और 12वीं की परीक्षा को लेकर सख्त टिप्पणी की और कहा कि शिक्षा प्रणाली के साथ खिलवाड़ ना किया जाये. सुप्रीम कोर्ट ने उक्त टिप्पणी

सीबीएसई 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं के लिए हाइब्रिड माध्यम यानी ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों का विकल्प देने से इनकार करते हुए की. उक्त जानकारी पीटीआई न्यूज एजेंसी के हवाले से मिली है.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा शिक्षा प्रणाली के साथ खिलवाड़ नहीं किया जाये. कोर्ट ने कहा कि अंतिम समय में परीक्षा की प्रक्रिया में बाधा डालने की आदतों को बढ़ावा नहीं दिया जाना चाहिए. कोर्ट ने सख्ती के साथ कहा कि इस चरण पर परीक्षा की सम्पूर्ण प्रकिया में बाधा डालना उचित नहीं होगा.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की पहले सत्र की परीक्षाएं 16 नवंबर से शुरू हो गयी हैं जबकि काउंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशंस (सीआईएससीई) की बोर्ड परीक्षाओं के पहले सेमेस्टर की परीक्षाएं 22 नवंबर से शुरू होनी हैं. ऐसे में परीक्षा को बाधित करना कहीं से भी उचित नहीं होगा.

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जस्टिस ए एम खानविलकर और जस्टिस सी टी रविकुमार की पीठ ने कहा, अंतिम क्षण में बदलाव कराने और परीक्षार्थियों में उम्मीद जगाने के प्रयासों को रोका जाना चाहिए. सीबीएसई की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ को बताया कि ऑफलाइन माध्यम से बोर्ड परीक्षाएं कराने के लिए सभी एहतियात बरते गए हैं और परीक्षा केंद्रों की संख्या 6,500 से बढ़ाकर 15,000 तक कर दी गयी है.

सुप्रीम कोर्ट बोर्ड परीक्षा दे रहे छह छात्रों की याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें यह मांग की गयी थी कि कोविड 19 महामारी के मद्देनजर सीबीएसई और सीआईएससीई को 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं केवल ऑफलाइन माध्यम के बजाय हाइब्रिड माध्यम में कराने का निर्देश दिया जाये.

Posted By : Rajneesh Anand

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